गांव की बात करते केंद्रीय मंत्री नितिन गडकरी का वीडियो क्लिप अधूरा है। इसे शेयर कर भ्रामक दावा किया जा रहा है।
नई दिल्ली (विश्वास न्यूज)। लोकसभा चुनाव 2024 के नजदीक आने के साथ ही सोशल मीडिया पर राजनीतिक पोस्ट की संख्या भी बढ़ गई हैं। विश्वास न्यूज इनमें से फर्जी और भ्रामक दावों की जांच कर उनकी सच्चाई सामने लाता रहता है। अब केंद्रीय सड़क परिवहन एवं राजमार्ग मंत्री व पूर्व भाजपा अध्यक्ष नितिन गडकरी के एक इंटरव्यू की वीडियो क्लिप वायरल हो रही है। इसमें वह कह रहे हैं कि आज गांव, गरीब, मजदूर, किसान दुखी हैं। सोशल मीडिया पर जिस तरह से यूजर्स इसे शेयर कर रहे हैं, उससे ऐसा प्रतीत हो रहा है, जैसे नितिन गडकरी वर्तमान सरकार की आलोचना कर रहे हैं।
विश्वास न्यूज ने वायरल वीडियो की जांच की तो पता चला कि नितिन गडकरी की वीडियो क्लिप अधूरी है। वीडियो के आधे हिस्से को शेयर कर भ्रम फैलाने की कोशिश की जा रही है। दरअसल, नितिन गडकरी ने बाद में यह भी कहा है कि विकास हुआ है, लेकिन जितना बाकी क्षेत्रों में हुआ है, उतना नहीं हुआ है। उनकी सरकार आने के बाद वह भी काफी काम कर रहे हैं। वायरल वीडियो क्लिप में बाद के हिस्से को हटाकर शेयर किया गया है।
फेसबुूक यूजर Sureshpatel Dhakad (आर्काइव लिंक) ने 2 मार्च को वीडियो को शेयर करते हुए लिखा,
“आज गांव, गरीब, मज़दूर और किसान दुखी हैं। किसान की फसल को अच्छा भाव नहीं मिलता। मोदी सरकार के मंत्री नितिन गडकरी।”
वीडियो में नितिन गडकरी कह रहे हैं, “आज गांव, गरीब, मजदूर, किसान दुखी हैं। इसका कारण यह है कि जल, जमीन, जंगल और जानवर, रूरल एग्रीकल्चर ट्राइबल। ये जो इकोनॉमी है, यहां अच्छे रोड नहीं हैं, पीने के लिए शुद्ध पानी नहीं है, अच्छे अस्पताल नहीं हैं, अच्छे स्कूल नहीं हैं, किसान की फसल को अच्छे भाव नहीं हैं।“
एक्स यूजर @SachinSChahal (आर्काइव लिंक) ने भी इस वीडियो को शेयर किया है।
फेसबुक और एक्स पर कुछ अन्य यूजर्स ने इस वीडियो को शेयर किया है।
वायरल दावे की जांच के लिए हमने वीडियो को ध्यान से देखा, इस पर ‘द लल्लनटॉप’ का लोगो लगा हुआ है। यह वीडियो ‘द लल्लनटॉप’ वेबसाइट के कार्यक्रम जमघट का है। कीवर्ड से सर्च करने पर हमें द लल्लनटॉप के यूट्यूब चैनल पर अपलोड पूरा वीडियो मिला। इसे 29 फरवरी 2024 को अपलोड किया गया है। इसमें गांवों के विकास पर बात करते हुए नितिन गडकरी कहते हैं कि इस देश का किसान केवल अन्नदाता नहीं, उर्जा दाता बन सकता है। वह कह रहे हैं, “हमारे एग्रीकल्चर पर जो पॉपुलेशन निर्भर करती है, वह है 65 परसेंट। जब गांधी जी थे, तब नब्बे प्रतिशत आबादी गांव में रहती थी और धीरे-धीरे ये 30 परसेंट का माइग्रेशन क्यों हुआ? इसका कारण आज गांव, गरीब, मजदूर, किसान दुखी हैं। इसका कारण यह है कि जल, जमीन, जंगल और जानवर, रूरल एग्रीकल्चर ट्राइबल। ये जो इकोनॉमी है, यहां अच्छे रोड नहीं हैं, पीने के लिए शुद्ध पानी नहीं है, अच्छे अस्पताल नहीं हैं, अच्छे स्कूल नहीं हैं, किसान की फसल को अच्छे भाव नहीं हैं। और ये जो सस्टेनेबल डेवलपमेंट हुई है। पर जिस प्रपोर्शन में बाकी क्षेत्रों में हुआ, उतना नहीं हुआ। हमारी सरकार आने के बाद हम भी बहुत काम कर रहे हैं।” इसके बाद गडकरी ने अपनी सरकार की उपलब्ध्यिां गिनाईं।
इससे पता चलता है कि वायरल वीडियो क्लिप अधूरा है।
2 मार्च को टाइम्स ऑफ इंडिया में छपी खबर में लिखा है कि केंद्रीय मंत्री नितिन गडकरी ने कांग्रेस अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खरगे और पार्टी सचिव जयराम रमेश को कानूनी नोटिस भेजा है। नोटिस में उन पर भ्रामक दावा करने का आरोप है। नोटिस में वीडियो को हटाने को कहा गया है।
नितिन गडकरी के कार्यालय के एक्स हैंडल से भी पोस्ट (आर्काइव लिंक) कर इस वीडियो को झूठा बताया गया है।
2 मार्च 2024 को द लल्लनटॉप की वेबसाइट पर भी इससे संबंधित खबर को देखा जा सकता है। खबर के अनुसार, “इंटरव्यू से जुड़े वीडियो को लेकर केंद्रीय मंत्री नितिन गडकरी ने कांग्रेस के नेताओं मल्लिकार्जुन खरगे और जयराम रमेश को कानूनी नोटिस भेजा है। गडकरी ने लल्लनटॉप को इंटरव्यू दिया था। उसका एक हिस्सा कांग्रेस ने अपने सोशल मीडिया अकाउंट पर पोस्ट किया। आरोप लगाया जा रहा है कि कांग्रेस ने इंटरव्यू के एक हिस्से को गलत तरह से काटकर शेयर किया है। जिस हिस्से को दिखाया गया है, वह गडकरी ने किसी और संदर्भ में कही थी।”
इस बारे में हमने भाजपा के प्रवक्ता विजय सोनकर शास्त्री से संपर्क किया। उनका कहना है, “अधूरा वीडियो शेयर कर विपक्षी दल भ्रम फैला रहे हैं। पूरा वीडियो सुनने पर सच पता चल जाता है।“
अधूरा वीडियो शेयर करने वाले फेसबुक यूजर की प्रोफाइल को हमने स्कैन किया। एक राजनीतिक दल से जुड़े यूजर के करीब 12 हजार फॉलोअर्स हैं।
निष्कर्ष: गांव की बात करते केंद्रीय मंत्री नितिन गडकरी का वीडियो क्लिप अधूरा है। इसे शेयर कर भ्रामक दावा किया जा रहा है।
सब को बताएं, सच जानना आपका अधिकार है। अगर आपको ऐसी किसी भी खबर पर संदेह है जिसका असर आप, समाज और देश पर हो सकता है तो हमें बताएं। हमें यहां जानकारी भेज सकते हैं। हमें contact@vishvasnews.com पर ईमेल कर सकते हैं। इसके साथ ही वॅाट्सऐप (नंबर – 9205270923) के माध्यम से भी सूचना दे सकते हैं।