Fact Check: मेक इन इंडिया के तहत 2 करोड़ युवाओं को मुफ्त लैपटॉप देने वाली खबर फर्जी है

Fact Check:  मेक इन इंडिया के तहत 2 करोड़ युवाओं को मुफ्त लैपटॉप देने वाली खबर फर्जी है

नई दिल्‍ली (विश्‍वास टीम)। आज कल सोशल मीडिया पर एक एक मैसेज वायरल हो रहा है जिसमें लिखा है “नरेंद्र मोदी के दोबारा प्रधानमंत्री बनने की खुशी में मेक इन इंडिया के तहत 2 करोड़ युवाओं को मुफ्त लैपटॉप देने का ऐलान किया है, अभी तक 30 लाख युवा सफलतापूर्वक आवेदन कर चुके हैं। अब आपकी बारी है अंतिम तिथि से पहले अपना आवेदन जल्द से जल्द सबमिट करें।” असल में यह खबर गलत है। शेयर किया जा रहा लिंक क्लिकबेट है। इसका मेक इन इंडिया से कोई लेना-देना नहीं है।

CLAIM

वायरल मैसेज में लिखा है, “नरेंद्र मोदी के दोबारा प्रधानमंत्री बनने की खुशी में मेक इन इंडिया के तहत 2 करोड़ युवाओं को मुफ्त लैपटॉप देने का ऐलान किया है, अभी तक 30 लाख युवा सफलतापूर्वक आवेदन कर चुके हैं अब आपकी बारी है अंतिम तिथि से पहले अपना आवेदन जल्द से जल्द सबमिट करें- ”

FACT CHECK

अपनी पड़ताल को शुरू करने के लिए हमने इस मैसेज में दिए लिंक पर क्लिक किया। इस लिंक पर क्लिक करते ही हमारे सामने http://modi-laptop.saarkari-yojna.in # यूआरएल से एक पेज खुला। इस पेज पर प्रधानमंत्री की तस्वीर के साथ मेक इन इंडिया का लोगो लगा है।

इस लोगो के ऊपर लिखा है ‘ 2 करोड़ों युवाओं को मुफ्त लैपटॉप देने की योजना’।

इसके नीचे आपसे एक फॉर्म भरने को कहा जाता है जहाँ आपसे आपका नाम, आपका मोबाइल नंबर, आपकी उम्र और आपके राज्य की जानकारी मांगी जाती है।

इस फॉर्म को भरने पर अगले पेज पर आपसे अगले पेज पर सवाल पूछा जाता है “Q 1 : क्या आपके पास पहले से ही लैपटॉप है?”। इस सवाल का जवाब देने पर अगले पेज पर आपसे सवाल पूंछा जाता है “Q 2 :क्या आप प्रधानमंत्री की इस योजना के बारे में अपने दोस्तों को बताएंगे?”। इसके उत्तर में भी हाँ या ना के ऑप्शन हैं।

जवाब सब्मिट करने पर अगले पेज पर आपको बताया जाता है “Form Submitted 70,92,128 Successfully। प्रिय आवेदक जी! हमें आपका आवेदन सफलतापूर्वक प्राप्त हो गया है”। इसके नीचे लिखा है, ‘प्रधानमंत्री के इस योजना और Make in India के प्रचार के लिए आपको 10 Group में अथवा दोस्तों को WhatsApp पर शेयर करना पड़ेगा” और उसके नीचे लिखा है “इसके पश्चात नीले बटन पर क्लिक करके अपना रजिस्ट्रेशन नंबर प्राप्त करें।”

हमने इस पोस्ट को 10 लोगों के साथ शेयर किया और सबमिट करने पर हमारे सामने एक नया पेज खुला जिसमें लिखा था, “हमें आपका आवेदन सफलतापूर्वक प्राप्त हो गया है।” “Note Down Below Mention Application Number for Future Refernce.”।आपका रजिस्ट्रेशन नंबर WZZKCLWY7FZVQO है।” आवेदन का Status नीचे दी गयी Official App डाउनलोड करने पर देख सकते हैं।”

हमने ऐप को डाउनलोड किया तो पाया कि यह 4fun नाम की एक  मोबाइल ऐप है जहाँ से जोक्स वगैरह डाउनलोड किये जाते हैं।

वायरल मैसेज में लिखी वेबसाइट ‘मेक इन इंडिया’ की आधिकारिक वेबसाइट नहीं है। मेक इन इंडिया की आधिकारिक वेबसाइट का पता www.makeinindia.com है, जबकि  वायरल मैसेज में लिखी वेबसाइट का पता http://modi-laptop.saarkari-yojna।in/claim.html है।

हमने इस वायरल यूआरएल को WHOIS टूल पर सर्च किया तो पाया कि इस यूआरएल को 26 मई, 2019 को ही बनाया गया है.

वायरल मैसेज में लिखी वेबसाइट में ’अबाउट अस’ सेक्शन भी है। इसमें स्पष्ट लिखा है कि यह वेबसाइट भारत सरकार से सम्बंधित नहीं है।

पड़ताल के लिए हमने मेक इन इंडिया की वेबसाइट पर खोज पर हमें ऐसी कोई जानकारी नहीं मिली। हमने ज़्यादा पुष्टि के लिए वेबसाइट पर दिए नंबर पर कॉल किया पर हमें बताया गया कि मेक इन इंडिया के तहत 2 करोड़ लैपटॉप बांटे जाने वाली खबर गलत है।

ऐसे फर्जी लिंक के सिलसिले में पूछे जाने पर सूचना सुरक्षा शिक्षा और जागरूकता (आईएसईए) के एसोसिएट निदेशक, ए एस मूर्ति ने कहा, ‘ये सभी लिंक कुछ समय के लिए काम करते हैं और डाटा एकत्र करने के बाद, वे स्थायी रूप से बंद हो जाते हैं। “उपयोगकर्ताओं को फंसने से बचने के लिए ऐसी योजनाओं के लिए सरकारी वेबसाइटों या संबंधित मंत्रालयों या विभागों की वेबसाइटों के साथ क्रॉस चेक करना चाहिए। यहां तक ​​कि लोगों को सरकारी वेबसाइटों के रूप में स्पूफ वेबसाइट का उपयोग करके फंसाया जा सकता है। सबसे अच्छा तरीका है कि नियमित रूप से विकृत URL को पहचानने के लिए ब्राउज़र को अपडेट करें।’

निष्कर्ष: हमारी पड़ताल में हमने पाया कि वायरल मैसेज फेक है। मोदी सरकार ने ऐसी कोई घोषणा नहीं की है। संबंधित मंत्रालय की आधिकारिक वेबसाइट पर ऐसी कोई जानकारी नहीं है।

पूरा सच जानें…

सब को बताएं सच जानना आपका अधिकार है। अगर आपको ऐसी किसी भी खबर पर संदेह है जिसका असर आप, समाज और देश पर हो सकता है तो हमें बताएं। हमें यहां जानकारी भेज सकते हैं। हमें contact@vishvasnews।com पर ईमेल कर सकते हैं। इसके साथ ही वॅाट्सऐप (नंबर – 9205270923) के माध्‍यम से भी सूचना दे सकते हैं।

False
Symbols that define nature of fake news
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