विश्वास न्यूज की पड़ताल में पता चला कि जवाहरलाल नेहरू के संघ में शामिल होने की पोस्ट फर्जी है। नेहरू की जिस तस्वीर को संघ के नाम पर वायरल किया जा रहा है, दरअसल वह कांग्रेस सेवादल की काफी पुरानी तस्वीर है।
नई दिल्ली (विश्वास न्यूज)। सोशल मीडिया में देश के पहले प्रधानमंत्री जवाहर लाल नेहरू की एक तस्वीर वायरल हो रही है। इसमें नेहरू को एक हाफ पैंट और सिर पर सफेद टोपी पहने हुए देखा जा सकता है। फेसबुक पर यूजर्स दावा कर रहे हैं कि नेहरू राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ के सदस्य थे। लेकिन बाद में उन्हें संघ से निकाल दिया गया। विश्वास न्यूज ने जब इस पोस्ट की पड़ताल की तो हमें पता चला कि वायरल पोस्ट फर्जी है। नेहरू कभी भी संघ के सदस्य नहीं रहे। जिस ड्रेस में नेहरू की तस्वीर वायरल हो रही है, वह कांग्रेस के सेवादल की पुरानी ड्रेस है।
फेसबुक पर वीरेंद्र सिंघल नाम के एक यूजर ने 30 दिसंबर 2019 को एक दोपहर करीब दो बजे जवाहर लाल नेहरू की एक तस्वीर को अपलोड करते हुए दावा किया : ”मैंने सोचा पप्पू को याद दिला दूँ की नेहरु ने भी संघ की चड्ढी पहनी थी. हाँ ये अलग बात है की संघ ने नेहरु को उसकी हरकतों के कारण लात मार के निकाल दिया था!”
विश्वास न्यूज ने सबसे पहले जवाहर लाल नेहरू की वायरल तस्वीर को ध्यान से देखा। ब्लैक एंड व्हाइट यह तस्वीर काफी पुरानी दिखी। इसमें नेहरू को एक हाफ पैंट पहने हुए देखा जा सकता है। इसके अलावा शर्ट और सिर पर सफेद रंग की टोपी नजर आई।
इसके बाद विश्वास न्यूज ने इस तस्वीर को गूगल रिवर्स इमेज में अपलोड करके टाइमलाइन टूल का इस्तेमाल किया। ताकि हमें पुरानी तस्वीर मिल सके। हमें इंडिया टुडे की वेबसाइट पर यह तस्वीर मिली। कैप्शन में बताया गया था कि सेवादल की यूनिफॉर्म में नेहरू। वेबसाइट पर यह 10 दिसंबर 2014 को पब्लिश की गई थी।
इसके बाद हमने गूगल में सेवादल टाइप करके सर्च करना शुरू किया। हमें सेवादल के विकीपीडिया पेज पर नेहरू की एक पुरानी तस्वीर मिली। इसमें नेहरू को उसी ड्रेस में देखा जा सकता है, जो अब गलत दावे के साथ वायरल हो रही है। इसमें बताया गया कि इलाहाबाद में सेवादल के स्वयंसेवकों के साथ नेहरू।
वायरल तस्वीर की हकीकत जानने के लिए विश्वास न्यूज ने कांग्रेस के प्रवक्ता अखिलेश प्रताप सिंह से संपर्क किया। उन्होंने हमें बताया कि जवाहर लाल नेहरू ने सेवादल की काफी पुरानी ड्रेस पहनी हुई है। नेहरू जी कभी भी संघ के किसी कार्यक्रम में नहीं गए थे।
कांग्रेस प्रवक्ता से बातचीत के बाद विश्वास न्यूज राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ के दिल्ली प्रांत के प्रचार प्रमुख राजीव तुली से बात की। उन्होंने बताया कि नेहरू 1962 से पहले कभी भी संघ के समर्थक नहीं थे। 1948 तक तो वो संघ को समाप्त करने संबंधित बात करते थे। कभी भी संघ की शाखा या गणवेश में नहीं देखे गए।
पड़ताल के अंत में हमने नेहरू जी की तस्वीर को झूठे दावे के साथ वायरल करने वाले फेसबुक यूजर वीरेंद्र सिंघल के अकाउंट की सोशल स्कैनिंग की। हमें पता चला कि यूजर यूपी के फैजाबाद का रहने वाला है। इनके अकाउंट पर हमें अधिकांश पोस्ट एक खास दल के खिलाफ ही मिली।
निष्कर्ष: विश्वास न्यूज की पड़ताल में पता चला कि जवाहरलाल नेहरू के संघ में शामिल होने की पोस्ट फर्जी है। नेहरू की जिस तस्वीर को संघ के नाम पर वायरल किया जा रहा है, दरअसल वह कांग्रेस सेवादल की काफी पुरानी तस्वीर है।
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