Fact Check : जितेंद्र आव्हाड की पिटाई का 8 साल पुराना वीडियो भगवान राम की टिप्पणी से जोड़कर किया जा रहा वायरल

विश्वास न्यूज ने अपनी पड़ताल में पाया कि आव्हाड पर हमला करने का असली वीडियो हाल-फिलहाल की घटना का नहीं, बल्कि आठ साल पुराना है। साल 2015 में NCP नेता जितेंद्र आव्हाड इतिहासकार बाबासाहेब पुरंदरे को पुरस्कार दिए जाने का विरोध कर रहे थे। उस दौरान एक कार्यक्रम में कुछ लोगों ने उन्हें पीट दिया था।  

विश्वास न्यूज (नई दिल्ली)। भगवान राम पर ‘आपत्तिजनक’ टिप्पणी करने वाले NCP नेता जितेंद्र आव्हाड को पीटते हुए कुछ लोगों का एक वीडियो तेजी से वायरल हो रहा है। वीडियो को शेयर कर दावा किया जा रहा है कि भगवान राम पर विवादित टिप्पणी करने के कारण गुस्साए हिन्दू समाज के लोगों ने उन्हें पीट दिया।

विश्वास न्यूज ने अपनी पड़ताल में पाया कि वायरल वीडियो को लेकर किया जा रहा दावा भ्रामक है। आव्हाड पर हमला करने का असली वीडियो हाल-फिलहाल की घटना का नहीं, बल्कि आठ साल पुराना है। साल 2015 में NCP नेता जितेंद्र आव्हाड इतिहासकार बाबासाहेब पुरंदरे को पुरस्कार दिए जाने का विरोध कर रहे थे। उस दौरान एक कार्यक्रम में कुछ लोगों ने उन्हें पीट दिया था।  

क्या हो रहा है वायरल ? 

फेसबुक यूजर ‘सनातनी हिंदू’ ने 8 जनवरी 2023 को वायरल वीडियो को शेयर करते हुए कैप्शन में लिखा है, “राम को अपशब्द कहने वाला NCP के विधायक जितेंद्र है उसके बाद जागरूक हिन्दुओं ने इसको इसकी छठी का दूध याद दिला दिया हर जगह ऐसा ही होना चाहिए तभी ये लोग सुधरेगे।”

पोस्ट के आर्काइव लिंक को यहां पर देखें।

पड़ताल 

वायरल दावे की सच्चाई जानने के लिए हमने इनविड टूल की मदद से वीडियो के कई कीफ्रेम निकाले और उन्हें गूगल लेंस की मदद से सर्च किया। इस दौरान हमें वायरल वीडियो इंडिया टीवी के आधिकारिक यूट्यूब चैनल पर 20 जुलाई 2015 को अपलोड हुआ मिला। मौजूद जानकारी के मुताबिक, वीडियो सांगली के एक कार्यक्रम का है। दरअसल सांगली में इतिहासकार बाबासाहेब पुरंदरे को महाराष्ट्र भूषण पुरस्कार दिए जाने के विरोध में एक कार्यक्रम का आयोजन किया गया था। इस मौके पर जितेंद्र आव्हाड ने अपने भाषण में बाबासाहेब पुरंदरे के समर्थक संभाजी भिड़े की आलोचना कर दी, जिस पर शिवप्रतिष्ठान के कार्यकर्ता  नाराज हो गए और आव्हाड पर हमला कर दिया।

पड़ताल के दौरान हमें यह वीडियो महाराष्ट्र टाइम्स की वेबसाइट और कई अन्य यूट्यूब चैनल पर 20 जुलाई को इसी जानकारी के साथ शेयर हुआ मिला। 

टाइम्स ऑफ इंडिया की वेबसाइट पर 20 जुलाई 2015 को प्रकाशित एक रिपोर्ट के अनुसार, सांगली के पुलिस अधीक्षक सुनील फुलारी ने घटना को लेकर कहा, “कार्यक्रम में हंगामा केवल पांच मिनट के लिए हुआ था। पुलिस ने वहां पर  परिस्थितियों को नियंत्रित कर लिया था। पुलिस द्वारा  परिस्थितियों को संभालने के बाद आव्हाड ने अपना भाषण पूरा किया था और  कार्यक्रम समाप्त होते ही सही-सलामत चले गए थे। स्थिति नियंत्रण में थी और केवल मामूली झड़पें हुईं।”

वायरल वीडियो में मौजूद दूसरा वीडियो, जिसमें आव्हाड लोगों के साथ चलते हुए जा रहे हैं। यह वीडियो हमें पड़ताल के दौरान उन्हीं के आधिकारिक यूट्यूब चैनल पर 27 नवंबर 2023 को अपलोड हुआ मिला। वीडियो में आव्हाड को बारिश में जाते हुए देखा जा सकता है। 

अधिक जानकारी के लिए हमने महाराष्ट्र के पत्रकार राहुल देव से संपर्क किया। उन्होंने हमें बताया, वायरल वीडियो हाल-फिलहाल की घटना का नहीं, बल्कि करीब आठ साल पहले हुई घटना का है। जब वो इतिहासकार बाबासाहेब पुरंदरे को पुरस्कार दिए जाने का विरोध कर रहे थे। इसी दौरान एक कार्यक्रम में उन पर हमला हुआ था। 

इंडिया टीवी की वेबसाइट पर 7 जनवरी 2023 को प्रकाशित एक रिपोर्ट के मुताबिक, NCP नेता जितेंद्र आव्हाड ने भगवान राम पर विवादित टिप्पणी करते हुए उन्हें मांसाहारी बताया है। इसी टिप्पणी को लेकर उनपर कई धार्मिक भावनाएं आहत करने को लेकर कई एफआईआर दर्ज की गई हैं।

अंत में हमने वीडियो को भ्रामक दावे के साथ शेयर करने वाले यूजर के अकाउंट को स्कैन किया। हमने पाया कि यूजर ने खुद को आगरा का रहने वाला बताया हुआ है। यूजर की प्रोफाइल खंगालने पर हमने पाया कि यूजर एक विचारधारा से जुड़ी पोस्ट को शेयर करता है। 

निष्कर्ष : विश्वास न्यूज ने अपनी पड़ताल में पाया कि आव्हाड पर हमला करने का असली वीडियो हाल-फिलहाल की घटना का नहीं, बल्कि आठ साल पुराना है। साल 2015 में NCP नेता जितेंद्र आव्हाड इतिहासकार बाबासाहेब पुरंदरे को पुरस्कार दिए जाने का विरोध कर रहे थे। उस दौरान एक कार्यक्रम में कुछ लोगों ने उन्हें पीट दिया था।  

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