Fact Check: नौफ मरवाई को 2018 में मिला था पद्म पुरस्कार, वायरल दावा भ्रामक

विश्वास न्यूज ने अपनी जांच में पाया कि यह दावा भ्रामक है। वायरल तस्वीर साल 2018 की है।

नई दिल्ली(विश्वास न्यूज़) सोशल मीडिया पर पद्मश्री पुरस्कार लेते हुए एक महिला की तस्वीर तेजी से वायरल हो रही है। दावा किया जा रहा है कि यह महिला सऊदी अरब की पहली योगा टीचर नौफ मरवाई हैं, जिनमें जन्म से ही रोग प्रतिरोधक शक्ति की कमी थी। पोस्ट के अनुसार, नौफ इसके इलाज के लिए भारत आयीं थी और भारत आने के बाद उन्होंने खुद को योगा के जरिए ठीक किया और योगा टीचर बनने का फैसला किया, जिसके लिए उन्हें पद्मश्री पुरस्कार से नवाजा गया है। क्योंकि पोस्ट को 10 नवंबर 2021 को शेयर किया गया है, इसलिए लोग इसे हालिया पद्म पुरस्कारों के वितरण समारोह के दौरान का समझ कर लाइक, शेयर और कमेंट कर रहे हैं। पड़ताल के दौरान विश्वास न्यूज ने पाया कि वायरल दावा भ्रामक है। वायरल पोस्ट में दी गयी ज़्यादातर जानकारी सही है, मगर यह पुरस्कार नौफ को अभी नहीं, बल्कि 2018 में मिला था। यह तस्वीर भी 2018 की ही है।

क्या है वायरल पोस्ट में?

फेसबुक यूजर Mohan Lal Jain ने वायरल तस्वीर को शेयर करते हुए लिखा, “पद्मश्री से अलंकृत हो रही हैं सऊदी अरब की सुश्री नौफ- अल-माॅरवाई। जन्म से ही इम्युनिटी शून्य होने व डॉक्टर्स द्वारा हाथ खङे करदेने के पश्चात भारत आई।यहाँ इलाज के उपरांत पूर्णरूपेण स्वस्थ होकर उन्होनें सऊदी अरब में योग विद्या की क्लासेज़ शुरू की। वे योग की सफल टीचर हैं। वे बताती हैं कि सऊदी की नयी जेनरेशन के करीब 60 प्रतिशत लोग योग सीखते हैं व सूर्य नमस्कार भी करते हैं। हमारा मीडिया शायद भारत में पल रहे कट्टरपंथी ज़िहादियों से डरकर यह सब नहीं बता पाता। और हमारे यहाँ के बच्चे तो बिचारे मदरसों में पढाई बातों से ही उपर उठ नहीं पाते।”

वायरल पोस्ट का आर्काइव्ड वर्जन यहां पर देखा जा सकता है।

पड़ताल

विश्वास न्यूज ने इस पोस्ट की पड़ताल के लिए सबसे पहले इस तस्वीर को गूगल रिवर्स इमेज के जरिए सर्च किया। पड़ताल के दौरान हमें वायरल तस्वीर राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद के ऑफिशियल सोशल मीडिया अकाउंट पर अपलोड मिली। इस तस्वीर को 20 मार्च 2018 को शेयर किया गया था। कैप्शन में दी गई जानकारी के मुताबिक, सऊदी अरब में योगा को बढ़ावा देने के लिए नौफ मरवाई को 2018 में पद्मश्री पुरस्कार से सम्मानित किया गया था।

पड़ताल के दौरान हमें वायरल तस्वीर से जुड़ी एक खबर साल 2018 में दैनिक जागरण की सहयोगी वेबसाइट herzindagi.com पर प्रकाशित मिली। रिपोर्ट में दी गई जानकारी के मुताबिक, 20 सालों के संघर्ष के बाद नौफ मरवाई सऊदी अरब की पहली प्रमाणित योग प्रशिक्षक (योगा इंस्ट्रक्टर) बनी थी। उन्हे सऊदी अरब में योग को प्रचलित करने के लिए भारत के राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद ने पदमश्री अवॉर्ड से सम्मानित किया था।

वायरल पोस्ट को लेकर हमने दैनिक जागरण के वरिष्ट पत्रकार नीलू रंजन से संपर्क किया। उन्होंने हमें बताया कि नौफ मरवाई को साल 2018 में पदमश्री अवॉर्ड से सम्मानित किया था। उस दौरान राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद और आयुष मंत्रालय ने ट्वीट कर उन्हें बधाई भी दी थी।

पड़ताल के अंत में हमने इस पोस्ट को शेयर करने वाले फेसबुक यूजर की सोशल स्केनिंग की। स्केनिंग के हमें पता चला कि यूजर ने अपनी ज्यादातर जानकारियों को हाइड किया हुआ है। हालांकि, उनकी फेसबुक पर की गई प्रतिक्रियों के मुताबिक, राजस्थान के जोधपुर से शिक्षा हासिल की है और वहां की ही कंपनियों में सालों तक काम किया है।

निष्कर्ष: विश्वास न्यूज ने अपनी जांच में पाया कि यह दावा भ्रामक है। वायरल तस्वीर साल 2018 की है।

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