Fact Check : 2016 में ही निधन हो चुका है नरेंद्र चौधरी का, पोस्‍ट भ्रामक है

विश्‍वास न्‍यूज की जांच में नरेंद्र चौधरी के निधन से जुड़ी पोस्‍ट भ्रामक साबित हुई। इनका 2016 में ही निधन हो चुका है। कुछ लोग अब इस खबर को वायरल कर रहे हैं।

नई दिल्‍ली (Vishvas News)। सोशल मीडिया में एक पोस्‍ट वायरल हो रही है। इसमें दावा किया जा रहा है कि भारतीय सेना के बम डिफ्यूज एक्‍सपर्ट नरेंद्र चौधरी का हाल ही में निधन हो गया। इन्‍होंने 256 से अधिक बमों को निष्क्रिय किया था।

विश्‍वास न्‍यूज ने वायरल पोस्‍ट की जांच की। हमें पता चला कि नरेंद्र चौधरी की 2016 में ही मौत हो चुकी है। कुछ यूजर्स इस सूचना को हाल-फिलहाल का बताकर पोस्ट वायरल कर रहे हैं। इसलिए हमारी पड़ताल में वायरल पोस्‍ट फर्जी साबित हुई। हालांकि, यह बात सही है कि नरेंद्र चौधरी ने 256 से ज्‍यादा बमों को निष्क्रिय किया था।

क्‍या हो रहा है वायरल

फेसबुक पेज अपना महेंन्‍द्रगढ़ ने 24 जनवरी को एक पोस्‍ट करते हुए दावा किया : ‘नरेंद्र चौधरी, एक भारतीय सेना बम डिफ्यूज करने वाले विशेषज्ञ थे, जिन्होंने अपने करियर में 256 से अधिक बमों को निष्क्रिय किया था। शहीद होने से पहले इस ‘स्टील मैन’ ने हजारों जिंदगियां बचाईं, 256 बमों को अकेले ही किया था डिफ्यूज।’

पोस्‍ट के साथ दो तस्‍वीरों का एक कोलाज अपलोड किया गया। इसके ऊपर लिखा था : ‘256 बम को अकेले डिफ्यूज करने वाले नरेंद्र चौधरी हाल ही में एक परीक्षण के दौरान ग्रेनेड विस्‍फोट में शहीद हो गए, उनके भीतर 50 किलोमीटर तक बिना खाये -पिये चलने की क्षमता थी और इन्‍हें स्‍टील मैन के नाम से भी जाना जाता है…’

फेसबुक पोस्‍ट का आर्काइव्‍ड लिंक यहां देखें।

पड़ताल

विश्‍वास न्‍यूज ने सबसे पहले वायरल हो रही पोस्‍ट से कुछ कीवर्ड निकाल कर गूगल में सर्च किया। हमें दैनिक जागरण की वेबसाइट पर एक ब्‍लॉग में नरेंद्र चौधरी के बारे में पता चला। इस ब्‍लॉग में वह तस्‍वीर भी मिली, जो अब वायरल है। खबर के अनुसार, इनका निधन पहले ही हो चुका है। पूरी खबर यहां पढ़ें।

जांच के दौरान हमें एक वेबसाइट पर कुछ तस्‍वीरों के साथ एक खबर मिली। 2016 की इस खबर में बताया गया कि ग्रेनेड ब्‍लास्‍ट टेस्‍ट में नरेंद्र चौधरी की मौत हो गई। उन्‍हें स्‍टील मैन के नाम से जाना जाता था। पूरी खबर यहां पढ़ें।

पड़ताल के दौरान हमें गुजराती न्‍यूज वेबसाइट दिव्‍यभास्‍कर डॉटकॉम पर शहीद नरेंद्र चौधरी के बारे में एक खबर मिली। इसमें बताया गया कि शहीद नरेंद्र चौधरी ने अपनी जिंदगी में 256 बम को डिफ्यूज किया था। पूरी खबर यहां पढ़ें।

विश्‍वास न्‍यूज ने पड़ताल के अगले चरण में छत्तीसगढ़ में संपर्क किया। नईदुनिया, रायपुर के कुणाल दत्त मिश्रा ने बताया कि बम विशेषज्ञ नरेंद्र सिंह का 2016 में ही निधन हो चुका है। 11 मई 2016 को वे डीएसपी रैंक के कुछ नव प्रशिक्षणार्थियों को बम डिफ्यूज करने की तकनीक समझा रहे थे। डेमो के लिए उन्होंने जीवित बम फेंका, जिसे फटना था, लेकिन नहीं फटा। उसे देखने के लिए नरेंद्र बम की ओर बढ़े और जैसे ही झुके बम फट गया। स्प्रिंटर तेजी से निकलकर उनके दाहिनी आंख से होते हुए सिर में जा घुसा, जिससे वे गंभीर रूप से घायल हो गए। घायल नरेंद्र सिंह की बाद में अस्‍पताल में मौत हो गई थी।

पड़ताल के अंत में विश्‍वास न्‍यूज ने भ्रामक पोस्‍ट करने वाले यूजर की जांच की। हमें पता चला कि फेसबुक पेज अपना महेन्द्रगढ़ को 2599 लोग फॉलो करते हैं। यह पेज महेंद्रगढ़ की खबरों के अलावा वायरल कंटेंट को ज्‍यादा अपलोड करता है।

निष्कर्ष: विश्‍वास न्‍यूज की जांच में नरेंद्र चौधरी के निधन से जुड़ी पोस्‍ट भ्रामक साबित हुई। इनका 2016 में ही निधन हो चुका है। कुछ लोग अब इस खबर को वायरल कर रहे हैं।

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