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Fact Check: आतंकवाद की ट्रेनिंग के दावे के साथ वायरल हो रहा गलत वीडियो, पढ़ाई के लिए मदरसा जा रहे थे मुस्लिम बच्चे

नई दिल्ली (विश्वास टीम)। सोशल मीडिया पर एक वीडियो वायरल हो रहा है। दावा किया जा रहा है कि कोलकाता के राजा बाजार में मदरसे के 63 बच्चों को वहां की पुलिस ने गिरफ्तार कर लिया है। वायरल पोस्ट में पुलिस का हवाला देते हुए दावा किया गया है कि सभी बच्चे आतंकवाद की ट्रेनिंग लेने जा रहे थे।  विश्वास न्यूज की पड़ताल में यह दावा गलत साबित होता है।

सोशल मीडिया पर वायरल हो रहा वीडियो करीब 5 साल पुराना है, जिसका वायरल हो रहे दावे से कोई लेना-देना नहीं है।

क्या है वायरल पोस्ट में ?

फेसबुक पर वायरल हो रहे पोस्ट में एक वीडियो शेयर किया गया है। मौसीम खान खान (Mouseem Khan Khan) नाम के यूजर्स ने अपनी प्रोफाइल ने इस वीडियो को शेयर करते हुए लिखा है, ‘मेरे भाईयों कोलकाता के राजा बाजार मे 63 मदरसे के बच्चो को वहाँ की पुलिस ने गिरफ्तार कर लिया है। ।

पुलिस का कहना है कि ये आतंकवादी की ट्रेनिंग लेने जा रहे हे ।।मीडिया वाले ईस खबर को दिखाने से मना करदिया हे मीडिया का कहना है कि हमे उपर से औड़र नहीं है। ।इस्लिये ईस मेसेज को सारे ग्रुप मे भेजो।।

अल्लाह इन बच्चो की हिफाज़त करे। ।आमिन।’

20 जून को शेयर किए गए इस वीडियो को पड़ताल किए जाने तक करीब 1000 से अधिक लोग शेयर कर चुके हैं वहीं इसे 350 से अधिक लोगों ने पसंद किया है।

पड़ताल

पड़ताल की शुरुआत हमने इनविड टूल के साथ की। इनविड से मिले फ्रेम को जब हमने गूगल रिवर्स इमेज में सर्च किया तब हमें पता चला कि यह वीडियो बेहद पुराना है, जो इसी दावे के साथ पहले भी सोशल मीडिया पर वायरल हो चुका है और एक बार फिर से सोशल मीडिया पर तेजी से वायरल हो रहा है।

सर्च में हमें यूट्यूब पर 7 अगस्त 2015 को मेरा इलाका न्यूज के चैनल पर अपलोड किया गया वीडियो मिला, जिसके बारे में लिखा हुआ था, ‘3 अगस्त को 62 नाबालिग मदरसा।’

यही वीडियो हमें इस चैनल के फेसबुक पेज पर भी मिला, जिसे 8 अगस्त 2015 को वहां शेयर किया गया था।

फेसबुक पेज पर इस वीडियो को शेयर करते हुए लिखा गया है, ‘यह गलत न्यूज है, अफवाह है। 3 अगस्त को 62 नाबालिग मदरसा के बच्चों को, जो के अवैध अभिभावक के साथ सफर कर रहे थे। जीआरपी ने रोका और बच्चों को चाइल्ड होम भेज दिया और मदरसा के एक स्टाफ को प्रोपर पेपर नहीं होने की वजह से अरेस्ट कर  लिया। यह खबर जैसे ही शहर में पहुंची, राजा बाजार जो स्टेशन से करीबी मुस्लिम इलाका है, एहितजाज हुआ, रास्ता जाम किया गया। इसके बाद सभी बच्चों को वापस उनके घर भेज दिया गया। इस खबर को मुस्लिम और गैर मुस्लिम दोनों गलत तरीके से पेश कर रहे हैं। कुछ लोग चाहते हैं कि पीसफुल कोलकाता में भी दंगा हो। वाया-शाहिद अख्तर-कोलकाता से।’

फेसबुक पोस्ट के साथ अंग्रेजी में लिखे पोस्ट को यहां पढ़ा जा सकता है।

‘’Yeh ghalat news hai afwah hai

3 Aug ko 62 nabaligh madarsa ke bacho ko jo ke illegal guardian k sath safar karrahe the.

GRP ne roka aur bacho ko child home bhej diya aur madarsa ke ek staff ko proper paper na hone ki wajah se arrest kar liya.

Yeh khabar jaise hi shahar me pahunchi Raja Bazar jo station se qareebi muslim ilaqa hai ehtizaz hua rasta jamm kiya gaya.

Iske baad sabhi bacho ko wapas unke ghar bhej diya gaya.

Is khabar ko muslims aur ghair muslims dono ghalat tateeqe se pesh karahe hain.

Kuch log chahte hain ke peacful kolkata me bhi riots ho.

VIA SHAHID AKTHAR FROM KOLKATA’’

इसके बाद जब हमने न्यूज सर्च की मदद ली। 5 अगस्त 2015 को अंग्रेजी अखबार इंडियन एक्सप्रेस के कोलकाता एडिशन में छपी खबर से फेसबुक पोस्ट में लिखे गए बात की पुष्टि होती है।

5 अगस्त 2015 को इंडियन एक्सप्रेस में प्रकाशित खबर

खबर के मुताबिक, 2 अगस्त 2015 को सभी बच्चों को रेलवे पुलिस ने सियालदह स्टेशन पर पकड़ा। सभी बच्चे बिहार के विशेषकर पूर्णिया और किशनगंज इलाके के रहने वाले थे और वह पुणे के एक मदरसा में जा रहे थे। चूंकि उनके पास उनकी पहचान के समुचित दस्तावेज नहीं थे, इसलिए पुलिस ने उन्हें रोका और सोशल वेलफेयर होम भेज दिया।

बाल संरक्षण अधिकार आयोग के चेयरमैन अशोकेंदु सेनगुप्ता ने बताया, ‘जीआरपी ने हमें बच्चों के बारे में बताया। हमने उन्हें निगरानी में रखा और उनके रुकने का इंतजाम किया। इसके बाद हमने बाल कल्याण समिति को सूचना दी। फिर बच्चों को पुलिस के संरक्षण में पूमिया के बाल विकास गृह में भेज दिया गया। बाल कल्याण समिति को बच्चों के पता के बारे में जानकारी जुटाने की जिम्मेदारी दी गई और उन्हें बताया गया कि बच्चे महाराष्ट्र में उच्च शिक्षा के लिए जा रहे थे। हम कोई जोखिम नहीं ले सकते थे। ‘

निष्कर्ष: कोलकाता के राजा बाजार में 63 मुस्लिम बच्चों के आतंकवाद की ट्रेनिंग लेने जाने के दौरान पुलिस के गिरफ्तार किए जाने का दावा पूरी तरह से गलत है। जिन बच्चों को पुलिस ने अपनी निगरानी में रखा था, वह महाराष्ट्र के मदरसा में शिक्षा के लिए जा रहे थे लेकिन पर्याप्त दस्तावेज नहीं होने की वजह से रेलवे पुलिस ने उन्हें सियालदह पुलिस स्टेशन पर निगरानी में ले लिया। बाद में सभी बच्चों की पहचान और पता सुनिश्चित करने के बाद पुलिस ने उन्हें महाराष्ट्र के लिए रवाना कर दिया।

पूरा सच जानें…

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  • Claim Review : आतंक की ट्रेनिंग के लिए जाते वक्त 63 मुस्लिम बच्चे गिरफ्तार
  • Claimed By : FB User-Mouseem Khan Khan
  • Fact Check : झूठ
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