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Fact Check : शंभू रैगर के खिलाफ 2017 में मुस्लिम समाज ने किया था प्रदर्शन, वीडियो अब फर्जी दावे के साथ वायरल

विश्‍वास न्‍यूज ने वायरल वीडियो और उसके साथ किए जा रहे दावों की जांच की। पड़ताल में पोस्‍ट फर्जी साबित हुई। दरअसल दिसंबर 2017 में मुस्लिम समाज के लोगों ने शंभू रैगर को कड़ी सजा दिलवाने के लिए उदयपुर में विरोध प्रदर्शन किया था।

नई दिल्‍ली (विश्‍वास न्‍यूज)। राजस्‍थान में विधानसभा चुनाव अपनी दहलीज पर है। इससे पहले सोशल मीडिया में माहौल खराब करने के लिए एक वीडियो को वायरल किया जा रहा है। इसमें काफी संख्‍या में लोगों को नारेबाजी करते हुए देखा जा सकता है। सोशल मीडिया पर कुछ यूजर्स इस वीडियो को अभी का बताकर सांप्रदायिक दावे के साथ वायरल कर रहे हैं। विश्‍वास न्‍यूज ने वायरल वीडियो और उसके साथ किए जा रहे दावों की जांच की। पड़ताल में पोस्‍ट फर्जी साबित हुई। दरअसल दिसंबर 2017 में मुस्लिम समाज के लोगों ने शंभू रैगर को कड़ी सजा दिलवाने के लिए उदयपुर में विरोध प्रदर्शन किया था। उसी समय के वीडियो के साथ छेड़छाड़ कर अब वायरल किया जा रहा है। महाराणा प्रताप की प्रतिमा को उखाड़ कर घोड़े से नीचे गिराने का दावा भी पूरी तरह बेबुनियाद साबित हुआ।

क्‍या हो रहा है वायरल

फेसबुक यूजर प्रधान राजपूताना किंग ने 11 जून को 30 सेकंड का एक वीडियो अपलोड करते हुए दावा किया, “उदयपुर के चेतक सर्कल पर मुस्लिमों की भीड़ ने महाराणा प्रताप की प्रतिमा को उखाड़ कर घोड़े से नीचे गिरा दी अल्लाह हो अकबर के नारे लगा कर ग्रह युद्ध जैसा माहौल बना दिया।”

इसके अलावा वीडियो पर लिखा गया, “ये उदयपुर के चेतक सर्कल पर पहुंच कर कहने लगे, हिंदुस्‍तान में रहना होगा तो अल्‍लाह हू अकबर कहना होगा। हर नमो समर्थक से हाथ जोड़ कर निवेदन है कि इस वीडियो को देखते ही शेयर करें।”

विश्वास न्यूज के वॉट्सऐप टिपलाइन नंबर +91 9599299372 पर कई यूजर्स ने इस वायरल वीडियो को भेजकर इसकी सच्चाई बताने का अनुरोध किया है।

वायरल पोस्‍ट के कंटेंट को यहां ज्‍यों का त्‍यों ही लिखा गया है। इसे सच मानकर दूसरे यूजर्स भी वायरल कर रहे हैं। पोस्‍ट का आर्काइव वर्जन यहां देखें।

पड़ताल

विश्‍वास न्‍यूज ने वायरल पोस्‍ट की जांच के लिए वीडियो के कई कीफ्रेम्‍स निकाले। इसके लिए इनविड टूल का इस्‍तेमाल किया गया। जांच को आगे बढ़ाते हुए गूगल रिवर्स सर्च इमेज टूल का यूज किया गया। वायरल वीडियो हमें मेवाड़ आजतक न्‍यूज नाम के एक यूट्यूब चैनल पर मिला। इसे 13 दिसंबर 2017 को अपलोड किया गया था। वीडियो में बताया गया कि उदयपुर में शंभू रैगर के खिलाफ मुस्लिम समाज ने धरना-प्रदर्शन किया। संबंधित वीडियो को नीचे देखा जा सकता है।

पड़ताल को आगे बढ़ाते हुए दावे के अनुसार, गूगल ओपन सर्च में चेतक सर्किल, उदयपुर टाइप करके सर्च किया गया। यह स्‍थान हमें उदयपुर में मिला। वायरल वीडियो में नजर आ रही इमारत, चौराहे पर सफेद धोड़े की प्रतिमा और पोल एक जैसे ही नजर आए। इन समानताओं को नीचे देख सकते हैं।

विश्‍वास न्‍यूज ने पड़ताल को आगे बढ़ाते हुए दैनिक जागरण, उदयपुर के वरिष्‍ठ संवाददाता सुभाष शर्मा से संपर्क किया। उन्‍होंने वायरल पोस्‍ट को फर्जी बताते हुए कहा कि उदयपुर में 2017 में हुए एक प्रदर्शन के वीडियो को झूठे सांप्रदायिक दावे के साथ वायरल किया जा रहा है। इस पोस्‍ट में सच्‍चाई नहीं है।

विश्‍वास न्‍यूज ने पड़ताल के दौरान राजस्‍थान के डीजीपी उमेश मिश्रा से संपर्क किया। उन्‍होंने विश्‍वास न्‍यूज को जानकारी देते हुए बताया कि 2017 में शंभू रैगर के खिलाफ एक प्रदर्शन किया गया था। शंभू रैगर ने एक मुस्लिम की बेरहमी से हत्‍या कर दी थी। ऐसी वायरल पोस्‍ट के लिए उदयपुर पुलिस केस दर्ज कर रही है।

पड़ताल के अंत में फर्जी और सांप्रदायिक पोस्‍ट करने वाले यूजर के बारे में जानकारी जुटानी शुरू की गई। पता चला कि फेसबुक यूजर ‘प्रधान राजपूताना किंग’ हरियाणा के गुरगांव में रहता है। यूजर के अकाउंट पर हमें वायरल कंटेंट की भरमार दिखी।

विश्‍वास न्‍यूज ने एक बार पहले भी इस वीडियो की जांच की थी। उसकी पड़ताल यहां पढ़ें।

निष्‍कर्ष : 2017 में शंभू रैगर के खिलाफ हुए विरोध प्रदर्शन के वीडियो को अब फर्जी दावे के साथ वायरल किया गया। दिसंबर 2017 में यह प्रदर्शन मुस्लिम समाज की ओर से उदयपुर में किया गया था। विश्‍वास न्‍यूज की पड़ताल में वायरल पोस्‍ट फर्जी साबित हुई।

  • Claim Review : उदयपुर के चेतक सर्कल पर मुस्लिमों की भीड़ ने महाराणा प्रताप की प्रतिमा को उखाड़ कर घोड़े से नीचे गिरा दी
  • Claimed By : फेसबुक यूजर प्रधान राजपूताना किंग
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