नई दिल्ली (विश्वास न्यूज़ )। सोशल मीडिया पर एक चिट्ठी और साथ ही इस खबर पर एक चैनल का वीडियो वायरल हो रहा है और चर्चा का विषय बना हुआ है जिसमें यह दावा किया जा रहा है कि मुरली मनोहर जोशी ने अडवाणी को एक ख़त लिखा है और उस पर न्यूज़ एजेंसी ANI का लोगो लगा हुआ है और उसमें लिखा है, “इन सबके बावजूद उन्होंने अपना घर यानी भारतीय जनता पार्टी को किसी भी हालत में नहीं छोड़ा। हालांकि, बाद में उन्हें अपमानित करके घर से बेईज्जत कर बाहर निकाल दिया गया।”
विश्वास टीम की जाँच में मुरली मनोहर जोशी द्वारा आडवाणी को लिखा गया पत्र फर्जी साबित हुआ। हालांकि, वीडियो सही है पर चैनल ने अपनी खबर का खंडन खुद कर दिया फर्जी मानकर |
क्या हो रहा है वायरल
सोशल मीडिया में भारतीय जनता पार्टी के पूर्व अध्यक्ष और वरिष्ठ नेता मुरली मनोहर जोशी द्वारा भाजपा के ही वरिष्ठ नेता, पूर्व उप-प्रधानमंत्री और पार्टी अध्यक्ष लालकृष्ण आडवाणी को लिखी गई एक चिट्ठी वायरल हो रही है। इस चिट्ठी पर ANI का वाटरमार्क लोगो लगा हुआ है।
चिट्ठी के अनुसार, “बीजेपी इस बार 120 से ज्यादा सीट नहीं जीत पाएगी। चिट्ठी में आगे लिखा गया है कि पहले फेज के दौरान 20 राज्यों में 91 लोकसभा सीटों पर हुए मतदान के बाद आए रुझानों के अनुसार, बीजेपी मात्र 8-10 सीटें ही जीत रही हैं।
चिट्ठी में जोशी के बारे में कहा गया है कि उन बर समाजवादी पार्टी या बहुजन समाज पार्टी में शामिल होने को लेकर बहुत ज्यादा प्रेशर था। इन सबके बावजूद उन्होंने अपना घर यानी भारतीय जनता पार्टी को किसी भी हालत में नहीं छोड़ा। हालांकि, बाद में उन्हें अपमानित करके घर से बेईज्जत कर बाहर निकाल दिया गया।”
चिट्ठी के साथ में हिंदी खबर न्यूज़ चैनल का वीडियो भी वायरल हो रहा है जिसमें इसको ब्रेकिंग न्यूज़ के तौर पर पेश किया गया है और इस लेटर पर न्यूज़ रूम और स्टूडियो से चर्चा करते हुए दिखाया जा रहा है| इस न्यूज़ टेलीविज़न शो का वीडियो करीब 8:13 मिनट का है।
दावा
इस वायरल पोस्ट और टीवी शो में यह दावा किया जा रहा है कि मुरली मनोहर जोशी ने यह ख़त लिखा है और उस चिट्ठी पर समाचार एजेंसी ANI का लोगो भी हैं | कुछ इस तरह की बातें उसमे लिखी गयी है “मुझे समाजवादी पार्टी और बहुजन समाज पार्टी की तरफ से टिकट मिलने का काफी दबाव था, लेकिन जीवनभर भाजपा की सेवा करने के कारण उन्होंने इस ऑफर को ठुकरा दिया।” चिट्ठी के मुताबिक, मुरली मनोहर जोशी ने सड़क किनारे पीएम नरेंद्र मोदी और भाजपा अध्यक्ष अमित शाह के बड़े-बड़े पोस्टरों का जिक्र करते हुए लिखा कि जिन सिद्धांतों को लेकर उत्साह के साथ पार्टी बनाई गई थी, आज उसी सिद्धांत को तिलांजलि दे दिया गया है। घर के लोगों ने ही अपमानित करके हमें बाहर कर दिया।
पड़ताल
विश्वास न्यूज़ ने पूरी हकीक़त जानने के लिए तहकीकात शुरू की| विश्वास न्यूज़ टीम के सामने ये वायरल खबर दो हिस्सों में आयी। पहली न्यूज़ एजेंसी ANI का वाटरमार्क लगे लोगो वाली चिट्ठी और दूसरा इस खबर से संबंधित एक चैनल का वीडियो जिसमें इस खबर को लेकर चर्चा और इसके आगामी चुनावों पर असर को लेकर बात हो रही थी| सबसे पहले हमने ANI की चिट्ठी को फैक्ट चेकिंग के लिए लिया।
गूगल पर इस लेटर और वायरल खबर से जुड़े तथ्यों को देखना शुरू किया। इसमें हमें इस खबर के वायरल हो रहे हिस्सों से जुडी चीजें मिलनी शुरू हुई और कड़ियाँ जुड़ने लगी, क्योंकि ये मामला न्यूज़ एजेंसी और मुरली मनोहर जोशी से जुड़ा हुआ था। इस कारण हमने फिर इसे संभावित कीवर्ड ANIसाइट और मुरली मनोहर जोशी ऑफिशियल पेज और उनके सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म पर खोजना शुरू किया, सबसे पहले हमारे आगे इस लेटर से जुड़े बहुत सारी अलग-अलग जानकारियां खुलकर आ गयी और ANI ट्विटर हैंडल पर इस खबर को फर्जी साबित करने वाला ट्वीट हमारे हाथ लग गया। इसमें साफ़ लिखा हुआ था की ये चिट्ठी उनसे संबंधित नहीं है और ये लोगो भी गलत तरीके से लगाया गया है| पहला मजबूत सबूत विश्वास के हाथ लगा के ये लेटर सही नहीं हैं|
भाजपा के वरिष्ठ नेता लालकृष्ण आडवाणी के नाम कानपुर से पार्टी के मौजूदा सांसद मुरली मनोहर जोशी की एक चिट्ठी जब शनिवार (अप्रैल 13, 2019) को सोशल मीडिया पर वायरल हुई तो उस पर गंभीरता से सोचना ज़रूरी था। हमने दूसरा कदम उठाते हुए उनके सोशल मीडिया मंच पर खोजा पर इस तरह की कोई जानकारी नही मिली। हालांकि, इस खबर पर झूठी खबर की मोहर लगाने वाला मुरली मनोहर जोशी का जारी लेटर मिल गया जिसमें उन्होंने यह लिखा है कि ये उन्होंने नहीं लिखा और इस मसले के जांच होनी चाहिए |
अब ये साफ़ हो गया ये लेटर फर्जी था न ANI एजेंसी ने इसको जारी किया और न ही मुरली मनोहर जोशी ने ऐसा कोई ख़त आडवाणी को लिखा |
अब बात वायरल वीडियो की
यह लेटर सामने आया और इस खबर को हिंदी खबर चैनल ने प्राइम टाइम पर बड़ी खबर बनाकर चलाया| सबसे पहले देखने पर क्या दिखाई देता है इस वीडियो में, ये न्यूज़ वीडियो लिंक का अंतराल करीबन 8:13 का है| इस क्लिप में न्यूज़ रूम और स्टूडियो में एंकर और चैनल के प्रधान संपादक आपस में इस खबर को लेकर चर्चा करते हुए नज़र आ रहे है |
सबसे पहले हमने इस वीडियो का ध्यान से फ्रेम दर फ्रेम सुना और पाया की यह सही वीडियो है। इसमें कोई गड़बड़ या कट्स नहीं किये गए| वीडियो के काउंटर 2: 35 से लेकर 8:03 तक इस लेटर पर दो लोग चर्चा करते नज़र आये| विश्वास टीम ने इस चैनल के प्रधान संपादक अतुल अग्रवाल से फोन पर बातचीत की और सवाल किया- ये खबर आपने किस आधार पर ऑनएयर की तो उन्होंने अपनी बात रखते हुए बोला ये खबर गलत चलाई गई। मगर जब पता चला फर्जी है तो इसका खंडन भी किया अगले दिन |
https://www.youtube.com/watch?v=9fL0oaE6CJI
( फर्जी खबर का खंडन वीडियो जो गलत खबर पर बनाकर चलाया गया वो लिंक इस चैनल ने विश्वास न्यूज़ को दिया, तारीख 14 अप्रैल, समय करीब 11 बजे का बुलेटिन ).
फर्जी खबर पर इशारा करते कुछ बिंदु और प्राइमा फेसिया विश्लेषण :
उर्दू और अन्य भाषा जैसे पारसी और अरेबिक शब्दों का प्रयोग लेटर में किया गया है। हिंदी भाषा की कुछ मामूली-सी त्रुटियाँ नज़र आती है जो मुरली मनोहर जोशी जैसे उच्च शिक्षा प्राप्त व्यक्ति से गलत होना बहुत मुश्किल है। मुरली मनोहर जोशी उच्च शिक्षित हैं। उन्होंने एमएससी, पीएचडी (स्पेक्ट्रोस्कोपी) की शिक्षा प्राप्त की है।
लेटर में परिस्थियों को परिसितथियों और व्यावहारिकता को व्यवहारिकता लिखा गया है .
जो हस्ताक्षर है वो भी गलत तरह से किया गया है असली हस्ताक्षर में नीचे दो बिंदु नहीं लगते है| हमने उनका असली हस्ताक्षर विकीपीडिया और लोक सभा प्रोफाइल पर चेक किया |
अब बारी थी इस खबर को सोशल मीडिया पर शेयर करने वाले सिया राम कसाना के प्रोफाइल के सोशल स्कैनिंग की, यह पोस्ट और वीडियो उन्होंने तारीख 14 अप्रैल रविवार को करीब 11: 36 पर शेयर किया। वह राजस्थान के रहने वाले हैं। इन्होंने अपना प्रोफाइल अगस्त 2016 में बनाया था| इनके 17,198 फॉलोअर्स हैं|
निष्कर्ष : यह खबर झूठी साबित हुई। वीडियो फर्जी खबर और गलत जानकारी पर बनाया गया मगर इस खबर के फर्जी साबित होने के बाद चैनल ने अगले दिन इसका खंडन अपनी खबर में किया | यह खबर फर्जी हैं |
सब को बताएं सच जानना आपका अधिकार है। अगर आपको ऐसी किसी भी खबर पर संदेह है जिसका असर आप, समाज और देश पर हो सकता है तो हमें बताएं। हमें यहां जानकारी भेज सकते हैं। हमें contact@vishvasnews.com पर ईमेल कर सकते हैं। इसके साथ ही वॅाट्सऐप (नंबर – 9205270923) के माध्यम से भी सूचना दे सकते हैं।
Inputs from Rama Solanki