नई दिल्ली (विश्वास न्यूज)। महाराष्ट्र में शिवसेना-गठबंधन की सरकार बनने के बाद से ही सोशल मीडिया में झूठ की बाढ़ आई हुई है। इसी क्रम में पुलिस के एक वीडियो को वायरल करते हुए दावा किया जा रहा है कि महाराष्ट्र में नई सरकार के शपथ लेने के बाद पुलिस ने कौसा मस्जिद के बाहर मुसलमानों को बुला-बुला कर तस्बीह (माला) बांटा।
विश्वास न्यूज की पड़ताल में वायरल पोस्ट का दावा बेबुनियाद साबित हुआ। मुंब्रा पुलिस ने कौसा मस्जिद के बाहर जुमे की नमाज के बाद कौमी एकता के लिए गुलाब और तस्बीह (माला) बांटा था। लेकिन इसका नई सरकार से कोई संबंध नहीं है। मुंब्रा पुलिस के अनुसार, सांप्रदायिक सदभाव के लिए इस तरह के कदम उठाए जाते हैं। इसमें राजनीति का कोई लेना देना नहीं है।
सतीश माहेश्वरी नाम के एक फेसबुक यूजर ने 4 नवंबर को मुंब्रा पुलिस का वीडियो गलत दावे के साथ अपलोड करते हुए लिखा : ”सेक्युलरिज्म शुरू। शपथ लेते ही महाराष्ट्र में सेक्युलरिज्म की बहार आ गई। मुम्बरा में जुम्मे की नमाज़ के बाद कौसा मस्जिद के बाहर बुला बुला कर तस्बीह बाँटते हुए पुलिस वाले । जय महाराष्ट्र । जुमा मुबारक”
वायरल पोस्ट की सच्चाई जानने के लिए हमने सीधे मुंब्रा पुलिस स्टेशन के सीनियर इंस्पेक्टर एम. एस. काद को फोन लगाया। इनका नंबर हमें ठाणे पुलिस की वेबसाइट से मिला। उन्होंने बताया कि 4-5 दिन से एक वीडियो को कुछ लोग झूठे दावे के साथ सोशल मीडिया में फैला रहा हैं। ऐसा कुछ भी नहीं हुआ था, जैसा कि सोशल मीडिया में दावा किया जा रहा है।
उन्होंने बताया कि 29 नवंबर को जुमे की नमाज के बाद कौसा जामा मस्जिद में पुलिस की ओर से गुलाब के फूल और माला बांटी गई थीं। इससे पहले भी राम मंदिर को लेकर आए सुप्रीम कोर्ट के निर्णय के वक्त हमने सांप्रदायिक सदभाव बनाए रखने के लिए ऐसा कदम उठाया था। 2017 से ही कौमी एकता सप्ताह मना रहे हैं।
इसके बाद विश्वास न्यूज ने कौसा जामा मस्जिद के ट्रस्टी मुनाफ राउट से संपर्क किया। उन्होंने बताया कि मुंब्रा पुलिस कभी टोपी तो फूल बांटती हैं। यह कई साल से हो रहा है। इसमें सांप्रदायिक एंगल खोजना गलत बात है।
विश्वास न्यूज ने इसके बाद ठाणे पुलिस के Twitter हैंडल की स्कैनिंग की। क्योंकि वायरल पोस्ट में मुंब्रा पुलिस का जिक्र था। मुंब्रा पुलिस स्टेशन ठाणे जिले में है। इसके अलावा पोस्ट में कौसा जामा मस्जिद का भी जिक्र है, जो कि मुंब्रा इलाके में ही स्थित है। हमें @ThaneCityPolice के Twitter हैंडल पर 24 नवंबर का एक Tweet मिला। इसमें कौमी एकता सप्ताह की कुछ तस्वीरों को शेयर किया गया था।
अंत में हमने सतीश माहेश्वरी नाम के फेसबुक यूजर की सोशल स्कैनिंग की। हमें पता चला कि मुंबई के रहने वाले सतीश के अकाउंट को 1500 से ज्यादा लोग फॉलो करते हैं। एक खास विचारधारा से प्रभावित यह यूजर एक खास तरह की ही पोस्ट सोशल मीडिया पर करता है।
निष्कर्ष : विश्वास न्यूज की पड़ताल में पता चला कि मुंब्रा पुलिस का वायरल वीडियो झूठे दावे के साथ जानबूझ कर वायरल किया जा रहा है। पुलिस ने कौमी एकता सप्ताह के तहत ठाणे के मुंब्रा स्थित कौसी जामा मस्जिद के पास गुलाब का फूल और माला बांटी थीं। इसमें कोई सांप्रदायिक या पॉलिटिकल एंगल नहीं था। लेकिन सोशल मीडिया में कुछ लोग पुलिस के इस वीडियो को गलत दावे के साथ वायरल कर रहे हैं ।
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