Fact Check: एमपी में क्रिसमस को लेकर राज्य सरकार ने स्कूलों को नहीं दिया है ऐसा कोई आदेश, भ्रामक दावा वायरल

मध्य प्रदेश के शाजापुर और उज्जैन में जिला शिक्षा अधिकारियों ने स्कूलों को आदेश दिया है कि किसी भी कार्यक्रम में छात्र-छात्राओं को शामिल करने के लिए उनके अभिभावकों की अनुमति जरूरी है। राज्य सरकार ने ऐसा कोई आदेश नहीं दिया है। सोशल मीडिया पर वायरल दावा भ्रामक है।

Fact Check: एमपी में क्रिसमस को लेकर राज्य सरकार ने स्कूलों को नहीं दिया है ऐसा कोई आदेश, भ्रामक दावा वायरल

नई दिल्ली (विश्वास न्यूज)। क्रिसमस से पहले मध्य प्रदेश की नई सरकार को लेकर सोशल मीडिया पर एक पोस्ट वायरल हो रही है। इसमें दावा किया जा रहा है कि सीएम डॉ. मोहन यादव ने 25 दिसंबर को छात्रों को ‘सांता क्लाज’ बनाने वाले प्राइवेट स्कूलों पर कार्रवाई का आदेश दिया है।

विश्वास न्यूज ने अपनी जांच में पाया कि मध्य प्रदेश के नए सीएम को लेकर किया जा रहा दावा भ्रामक है। दरअसल, राज्य सरकार ने ऐसा कोई आदेश नहीं दिया है। हां, राज्य के शाजापुर और उज्जैन में जिला शिक्षा अधिकारियों ने यह आदेश जरूर दिया है कि बिना माता-पिता की अनुमति के किसी भी बच्चे को कार्यक्रम में शामिल नहीं किया जाए।

क्या है वायरल पोस्ट

“फेसबुक यूजर ‘State Press Club, Madhya Pradesh‘ (आर्काइव लिंक) ने 21 दिसंबर को डॉ. मोहन यादव की तस्वीर पोस्ट करते हुए लिखा,

मुख्यमंत्री डॉ मोहन यादव ने जारी किया एक नया आदेश
प्राइवेट स्कूलों पर रहेगी सख्त नजर
मुख्यमंत्री डॉ मोहन यादव ने अब एक नया फरमान आज जारी किया है। जिसमें आने वाले 25 दिसंबर को छात्रों को उस दिन ‘सांता क्लाज’ बनाए जाने पर प्राइवेट स्कूलों पर की जाएगी कार्यवाही।”

फेसबुक पर कुछ अन्य यूजर्स ने इस तरह की पोस्ट को शेयर किया है।

पड़ताल

वायरल दावे की जांच के लिए हमने सबसे पहले कीवर्ड से इस बारे में गूगल पर सर्च किया, लेकिन एमपी सरकार द्वारा ऐसे किसी आदेश की खबर नहीं मिली। मध्य प्रदेश के मुख्यमंत्री के आधिकारिक एक्स हैंडल पर भी इस तरह की कोई जानकारी नहीं है।

20 दिसंबर को नईदुनिया में छपी खबर में लिखा है कि एमपी के शाजापुर के जिला शिक्षा अधिकारी विवेक दुबे ने निजी और शासकीय स्कूलों को आदेश दिए हैं कि बच्चों को सांता क्लाज बनाने से पहले उनके पैरेंट्स की अनुमति ली जाए। आदेश में लिखा है कि ​क्रिसमस के मौके पर होने वाले कार्यक्रमों में हिस्सा लेने वालों छात्र-छात्राओं के अभिभावकों की लिखित अनुमति लेने के बाद ही उन्हें शामिल किया जाए।

एबीपी लाइव की वेबसाइट पर भी इस तरह की खबर को देखा जा सकता है। इनमें यह नहीं कहा गया है कि यह आदेश राज्य सरकार की तरफ से दिया गया है।

इसी तरह का आदेश उज्जैन में भी दिया गया। इसमें भी उज्जैन के जिला शिक्षा अधिकारी की तरफ से दिया गया आदेश बताया गया है। इसकी रिपोर्ट को यहां देखा जा सकता है।

इस बारे में हमने नईदुनिया की तरफ से मध्य प्रदेश में शिक्षा विभाग कवर करने वाली पत्रकार अंजलि राय से बात की। उनका कहना है, “शासन की तरफ से ऐसा कोई आदेश जारी नहीं किया गया है। शाजापुर में जिला शिक्षा अधिकारी ने अपनी तरफ से आदेश दिया है कि बिना अभिभावकों की अनुमति के छात्र-छात्राओं को इस तरह के किसी भी कार्यक्रम में शामिल नहीं किया जाए।

भ्रामक दावा शेयर करने वाले फेसबुक यूजर की प्रोफाइल को हमने स्कैन किया। 25 जनवरी 2017 को बने इस पेज के करीब 74 हजार फॉलोअर्स हैं।

निष्कर्ष: मध्य प्रदेश के शाजापुर और उज्जैन में जिला शिक्षा अधिकारियों ने स्कूलों को आदेश दिया है कि किसी भी कार्यक्रम में छात्र-छात्राओं को शामिल करने के लिए उनके अभिभावकों की अनुमति जरूरी है। राज्य सरकार ने ऐसा कोई आदेश नहीं दिया है। सोशल मीडिया पर वायरल दावा भ्रामक है।

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