Fact Check: पुलिस थाने में सुंदरकांड पाठ को लेकर दिग्विजय सिंह ने की थी आपत्ति, अधूरा वीडियो वायरल

मध्य प्रदेश के पूर्व सीएम दिग्विजय सिंह ने अशोका गार्डन थाने के परिसर में सुंदरकांड के पाठ पर आपत्ति जताई थी। उनके अधूरे वीडियो को वायरल कर भ्रामक दावा किया जा रहा है।

नई दिल्ली (विश्वास न्यूज)। मध्य प्रदेश के पूर्व सीएम एवं कांग्रेस के वरिष्ठ नेता दिग्विजय सिंह का एक वीडियो योशल मीडिया पर शेयर किया जा रहा है। इसमें उनको कहते हुए सुना जा सकता है कि सुंदरकांड या और कोई पाठ कराना गैरकानूनी है। उनके खिलाफ कार्रवाई होनी चाहिए। यूजर्स इस वीडियो क्लिप को शेयर कर दावा कर रहे हैं कि दिग्विजय सिंह ने सुंदरकांड का विरोध किया है।

विश्वास न्यूज ने अपनी जांच में पाया कि दिग्विजय सिंह ने पुलिस थाने में हुए सुंदरकांड को लेकर आपत्ति जताई थी। दरअसल, एक भाजपा कार्यकर्ता ने अपने जन्मदिन के मौके पर थाना परिसर में स्थित मंदिर में सुंदरकांड का आयोजन कराया था।

क्या है वायरल पोस्ट

विश्‍वास न्‍यूज के टिपलाइन नंबर +91 9599299372 पर यूजर ने इस वीडियो क्लिप को भेजकर इसकी सच्चाई बताने का अनुरोध किया।

फेसबुक यूजर ‘Vikas Tomar Chote Thakur  (ठाकुर सहाब)‘ ने 18 जुलाई को वीडियो पोस्ट (आर्काइव लिंक) किया। इसमें दिग्विजय सिंह कह रहे हैं, “पहली बात तो सुंदरकांड का पाठ कराना या कोई और पाठ कराना गैरकानूनी है। उनके खिलाफ कार्रवाई होनी चाहिए।

वीडियो पर कैप्शन लिखा है, “दिग्विजय सिंह ने किया सुंदरकांड का विरोध, कहा- सुंदरकांड कराना गैरकानूनी।

दिग्विजय सिंह का एक बार फिर हिंदू विरोधी चेहरा हुआ उजागर।

पड़ताल

कीवर्ड से सर्च करने पर नईदुनिया की वेबसाइट पर 18 जुलाई को छपी खबर मिली। इसके अनुसार, “कांग्रेस ने 18 जुलाई को भोपाल के अशोका गार्डन थाने तक मार्च था। उनकी मांग थी कि नर्सिंग घोटाले को लेकर प्रदेश के मंत्री विश्वास सारंग पर केस दर्ज किया जाए। थाना परिसर में भाजपा कार्यकर्ता के जन्मदिन पर सुंदरकांड का पाठ कराया जा रहा था। आरोप है कि कांग्रेसियों को रोकने को लेकर थाने के गेट पर ताला लगा हुआ था। इसक बाद दिग्विजय सिंह ने नाराज होकर पूछा कि थाने में सुंदरकांड के पाठ की अनुमति किसने दी। उन्होंने कहा कि अगर थाने में सुंदरकांड का पाठ हो सकता है तो अन्य त्योहार भी मनाए जाने चाहिए।”    

19 जुलाई को टाइम्स नाउ नवभारत के यूट्यूब चैनल पर इस मामले की वीडियो न्यूज अपलोड की गई है। इसमें वायरल वीडियो क्लिप को भी देखा जा सकता है।इसमें दिग्विजय सिंह कह रहे हैं, “थाने के प्रांगण में सुंदरकांड या और कोई पाठ कराना गैरकानूनी है। उनके खिलाफ कार्रवाई होनी चाहिए। उन्होंने मंजूरी ली है क्या थाने से? उस टीआई के खिलाफ कार्रवाई होनी चाहिए, जो सुंदरकांड का पाठ थाने में करा रहा है।” इससे साफ होता है कि वायरल वीडियो क्लिप अधूरी है। उसमें से थाने के प्रांगण वाला हिस्सा हटा दिया गया है।

एबीपी लाइव की वेबसाइट पर छपी खबर में लिखा है कि थाने में सुंदरकांड का पाठ कराए जाने के मामले में भोपाल पुलिस कमिश्नर हरि नारायणचारी ने थाना प्रभारी को कारण बताओ नोटिस जारी किया है। थाना प्रभारी से अनुमति दिए जाने का आधार भी पूछा गया है।

इस बारे में एमपी कांग्रेस के प्रवक्ता रवि सक्सेना का कहना है कि दिग्विजय सिंह ने थाने के परिसर में सुंदरकांड के पाठ को लेकर आपत्ति जताई थी। यह वीडियो अधूरा है। थाने में सुंदरकांड का पाठ कराना गैरकानूनी है। इस तरह से हर कोई थाने में अपने हिसाब से आयोजन करने लगेगा। और जो लोग सुंदरकांड का पाठ कर रहे थे, कांग्रेस कार्यकर्ताओं के पहुंचते ही उन्होंने पाठ छोड़ दिया। वे सब ढकोसला कर रहे थे।

अधूरे वीडियो क्लिप को शेयर करने वाला यूजर भोपाल में रहता है और उसके करीब 7800 फॉलोअर्स हैं।

निष्कर्ष: मध्य प्रदेश के पूर्व सीएम दिग्विजय सिंह ने अशोका गार्डन थाने के परिसर में सुंदरकांड के पाठ पर आपत्ति जताई थी। उनके अधूरे वीडियो को वायरल कर भ्रामक दावा किया जा रहा है।

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