विश्वास न्यूज की पड़ताल में वायरल पोस्ट भ्रामक साबित हुई। यह हाइपरडोंटिया से पीड़ित एक बच्ची का एक्सरे है। ऐसे में यह कहना कि अधिकांश बच्चों का एक्सरे ऐसा ही होता है, भ्रामक होगा।
विश्वास न्यूज (नई दिल्ली)। सोशल मीडिया में एक एक्सरे की तस्वीर वायरल हो रही है। इसमें एक खोपड़ी (स्कल) को कई दांतों के साथ देखा जा सकता है। यूजर्स इसे वायरल करते हुए दावा कर रहे हैं कि बच्चे की खोपड़ी का एक्सरे ऐसा डरावना होता है। विश्वास न्यूज की जांच में वायरल पोस्ट भ्रामक निकली। वायरल पोस्ट में एक्सरे की तस्वीर असली है, लेकिन यह कहना गलत होगा कि अधिकांश बच्चों का एक्सरे ऐसा ही दिखता होगा। वायरल पोस्ट में इस्तेमाल की गई तस्वीर हाइपरडोंटिया केस से संबंधित है।
सोशल मीडिया में खोपड़ी के एक एक्सरे की तस्वीर को वायरल करते हुए लिखा गया : “Toddler skull X-rays are terrifying.”
पोस्ट का आर्काइव्ड वर्जन यहां देखें।
विश्वास न्यूज ने वायरल पोस्ट की सच्चाई जानने के लिए सबसे पहले ऑनलाइन टूल का इस्तेमाल किया। गूगल रिवर्स इमेज टूल के माध्यम से हमें पता चला कि इस तस्वीर का इस्तेमाल एक रिपोर्ट में किया गया था। अमेरिकन जर्नल ऑफ ऑर्थोडॉन्टिक्स एंड डेंटोफेशियल ऑर्थोपेडिक्स के अक्टूबर 2011 के संस्करण में हमें यह मिला। ‘मल्टीपल हाइपरडोंटिया : रिपोर्ट ऑफ एन अनयूजुअल केस’ नाम के इस रिपोर्ट में विस्तार से इसके बारे में बताया गया था। इसमें बताया गया कि 11 साल 8 महीने की एक लड़की में 31 अतिसंख्य दांत पाए गए। यह मल्टीपल हाइपरडोंटिया का ऐसा केस था, जो सामान्यत: नहीं पाया जाता है। पूरी रिपोर्ट यहां पढ़ सकते हैं।
जब मुंह में एक साथ कई दांत उग आएं तो उस स्थिति को हाइपरडोंटिया कहते हैं। जबड़े में मौजूद अतिरिक्त दांतों को supernumerary teeth कहा जाता है। यह जबड़े में कहीं भी उग सकते हैं। इन एरिया को dental arches कहते हैं।
जांच को आगे बढ़ाते हुए विश्वास न्यूज ने मुंबई के MDS, Prosthodontics डॉक्टर सागर जे. अबिचंदानी ने संपर्क किया। उन्होंने हमें बताया कि जब दूध के दांत और स्थायी दांत जबड़े में एक साथ मिक्स हो जाते हैं तो ऐसी स्थिति बन सकती है। लेकिन यह सभी बच्चों को हों, यह जरूरी नहीं है।
पड़ताल के अंत में हमने भ्रामक पोस्ट करने वाले फेसबुक यूजर की जांच की। हमें पता चला कि फेसबुक यूजर का नाम Heather-Michelle Keinath है। सोशल स्कैनिंग में हमें पता चला कि यूजर मिशीगन की रहने वाली है।
इस पड़ताल को अंग्रेजी में यहां पढ़ा जा सकता है।
निष्कर्ष: विश्वास न्यूज की पड़ताल में वायरल पोस्ट भ्रामक साबित हुई। यह हाइपरडोंटिया से पीड़ित एक बच्ची का एक्सरे है। ऐसे में यह कहना कि अधिकांश बच्चों का एक्सरे ऐसा ही होता है, भ्रामक होगा।
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