नई दिल्ली (विश्वास टीम)। सोशल मीडिया पर आजकल एक मैसेज वायरल हो रहा है जिसमें प्राइम मिनिस्टर मोदी को कुछ वर्ल्ड लीडर्स के बीच में खड़े देखा जा सकता है। इस फोटो के साथ डिस्क्रिप्शन लिखा है, ‘100 साल तक हमें गुलाम बनाने वाले ब्रिटेन में कल 53 देशों के अध्यक्षों के बीच मोदी महाअध्यक्ष थे।’ असल में यह मैसेज भ्रामक है। यह तस्वीर ब्रिटेन की नहीं, स्विट्ज़रलैंड की है।
CLAIM
इस फोटो के साथ डिस्क्रिप्शन लिखा है, “200 साल तक हमें गुलाम बनाने वाले ब्रिटेन में कल 53 देशों के अध्यक्षों के बीच मोदी ‘महाअध्यक्ष’ थे। यह दृश्य देखकर हर भारतीय का सीना गर्व से चौड़ा हो गया होगा। अगर आपको भी गर्व हुआ तो शेयर करना ना भूलें।”
FACT CHECK
हमारी पड़ताल को शुरू करने के लिए हमने इस फोटो का स्क्रीन शॉट लेकर गूगल रिवर्स इमेज सर्च किया। गूगल रिवर्स इमेज सर्च करने पर हमारे हाथ 24 जनवरी 2018 की एक खबर लगी। इस स्टोरी में इस तस्वीर का इस्तेमाल किया गया था। यह तस्वीर 2018 वर्ल्ड इकोनॉमिक फोरम दावोस की है जहां पर प्राइम मिनिस्टर नरेंद्र मोदी ने स्पीच दी थी।
वर्ल्ड इकोनॉमिक फोरम एक नॉट-फॉर-प्रॉफिट ऑर्गेनाइजेशन है। वर्ल्ड इकोनॉमिक फोरम हर साल जनवरी के अंत में दावोस में एक सम्मेलन ऑर्गेनाइज करती है जिसमें दुनिया भर से ढाई हजार से ज्यादा बिजनेसमैन और इंटरनेशनल पॉलिटिकल लीडर्स, इकोनॉमिस्ट और सिलेब्रिटीज हिस्सा लेते हैं। 23 जनवरी 2018 को प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने वर्ल्ड इकोनॉमिक फोरम का ओपनिंग सेशन संबोधित किया था। पिछले 20 सालों में ऐसा करने वाले मोदी पहले भारतीय प्रधानमंत्री थे। आपकी जानकारी के लिए बता दें कि वर्ल्ड इकोनॉमिक फोरम में अध्यक्ष जैसी कोई पोजिशन नहीं होती है। वर्ल्ड इकोनॉमिक फोरम के एग्जीक्यूटिव चेयरमैन और फाउंडर क्लॉस श्वाब हैं।
भारत G20, SAARC और Commonwealth समेत कई इंटरनेशनल ग्रुप्स का मेंबर है।इन सभी ग्रुप्स में अध्यक्ष के चयन की प्रक्रिया लोकतांत्रिक तरीके से होती है जहाँ सदस्यों के मत के आधार पर अध्यक्ष नियुक्त होता है। वायरल पोस्ट में 53 सदस्यों की बात की गयी है।
आपको बता दें कि 53 मेंबर्स वाला एक एसोसिएशन Commonwealth of Nations है। इस संस्था के मेंबर्स में भारत और ब्रिटेन दोनों शामिल हैं। इस पोस्ट में लिखे डिस्क्रिप्शन से लगता है कि बात शायद इसी एसोसिएशन की हो रही है। इस संस्था की अध्यक्ष Queen Elizabeth II हैं।
आपको बता दें कि प्रधानमंत्री मोदी ने अप्रैल 2018 में Commonwealth Heads of Government Meeting (CHOGM) अटेंड की थी पर उस समय भी Queen Elizabeth II ही इस ग्रुप की अध्यक्ष थीं। इस मीटिंग में ही Queen Elizabeth II के बेटे प्रिंस चार्ल्स को इस ग्रुप का अगला हेड नियुक्त करने की मंज़ूरी दी गयी थी।
निष्कर्ष: हमारी पड़ताल में हमने पाया कि वायरल हो रही तस्वीर 2018 दावोस समिट की है, जिसके हेड प्रधानमंत्री मोदी नहीं हैं।
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