Fact Check : यूपी के बाराबंकी में हुई थी मॉकड्रिल, वीडियो को लोगों ने झूठ के साथ फैलाया

विश्‍वास न्‍यूज की पड़ताल में पता चला कि वायरल हो रहा वीडियो एक मॉकड्रिल का है। यह बाराबंकी में हुई थी। इसे कुछ लोग सच मानकर वायरल कर रहे हैं।

नई दिल्‍ली (विश्‍वास न्‍यूज)। कोरोना वायरस से प्रभावित लोगों की तरह फर्जी खबरें भी लगातार बढ़ती जा रही हैं। कभी सड़क पर गिरे नोट को कोरोना वायरस से जोड़कर झूठ फैलाया जा रहा है तो कभी कहा जा रहा है कि जेल में कोरोना का मरीज मिला। अब इसी क्रम में यूपी के बाराबंकी के एक वीडियो को कुछ लोग कोरोना मरीज के नाम पर वायरल कर रहे हैं।

विश्‍वास न्‍यूज की पड़ताल में यह दावा गलत साबित हुआ। बाराबंकी में हुई एक मॉकड्रिल के वीडियो को लोगों ने पूरे देश में कोरोना के मरीज के नाम पर फैला दिया।

क्‍या है वायरल पोस्‍ट में

फेसबुक यूजर जुनैद फकीरा ने 2 अप्रैल को एक वीडियो को अपलोड करते हुए दावा किया : ”जब भारत में सड़क पर मिला Corona का मरीज तो देखिए पुलिस और डॉक्टरों ने क्या किया!”

पड़ताल

विश्‍वास न्‍यूज ने सबसे पहले वायरल वीडियो को ध्‍यान से देखा। इसमें बीच चौराहे पर एक सफेद गाड़ी को रोका जाता है। इसके बाद कुछ पुलिसवाले और डॉक्‍टर्स कार के अंदर से एक व्‍यक्ति को बाहर निकाल के उसकी हेल्‍थ के बारे में पूछते हैं। फिर एक एंबुलेंस बुलाई जाती है। वीडियो में जब हमने एंबुलेंस को देखा तो हमें नंबर प्‍लेट पर UP 32 लिखा हुआ दिखा। यह यूपी की राजधानी लखनऊ का आरटीओ कोड है। इससे यह साबित हुआ कि वीडियो लखनऊ या आसपास का हो सकता है।

पड़ताल के अगले चरण में हमने InVID टूल का इस्‍तेमाल किया। कई वीडियो ग्रैब निकाल के जब हमने रिवर्स इमेज के सहारे सर्च किया तो हमें वायरल वीडियो एक यूट्यूब चैनल पर मिला। Lucky’s Fable नाम के इस यूट्यूब चैनल पर 28 मार्च को अपलोड इस वीडियो में यह हिंट दिया गया कि यह बाराबंकी के मॉकड्रिल का वीडियो है। पूरा वीडियो यहां देखें।

इसके बाद हम बाराबंकी पुलिस के ट्विटर हैंडल पर गए। वहां हमें 26 मार्च 2020 को अपलोड एक वीडियो मिला। इसमें हमें ओरिजनल वीडियो मिला। वीडियो के बारे में बताया गया‍ कि बाराबंकी डीएम और एसपी की ओर से देवा तिराहा में कोरोना वायरस की रोकथाम हेतु मॉकड्रिल का आयोजन किया गया। पूरा वीडियो आप यहां देख सकते हैं।

हमें कई मीडिया रिपोर्ट में भी यह जानकारी मिली कि बाराबंकी में 26 मार्च को मॉकड्रिल का आयोजन किया गया था।

पड़ताल के अगले चरण में हम पहुंचे बाराबंकी के डीएम आदर्श सिंह तक। उन्‍होंने बताया कि हमने अपनी सारी टीम की तत्परता को जांचने के लिए मॉकड्रिल की थी। इसमें स्वास्थ्य विभाग के साथ पुलिस व जिला प्रशासन की टीम शामिल थी।

पड़ताल के अंतिम चरण में हमने फर्जी पोस्‍ट करने वाले जुनैद फकीरा के पेज की सोशल स्‍कैनिंग की। इस पेज को 12 हजार से ज्‍यादा लोग फॉलो करते हैं। पेज के अनुसार, जुनैद पॉलिटिकल और सोशल एक्टिविस्‍ट हैं।

Disclaimer: कोरोनावायरसफैक्ट डाटाबेस रिकॉर्ड फैक्ट-चेक कोरोना वायरस संक्रमण (COVID-19) की शुरुआत से ही प्रकाशित हो रही है। कोरोना महामारी और इसके परिणाम लगातार सामने आ रहे हैं और जो डाटा शुरू में एक्यूरेट लग रहे थे, उसमें भी काफी बदलाव देखने को मिले हैं। आने वाले समय में इसमें और भी बदलाव होने का चांस है। आप उस तारीख को याद करें जब आपने फैक्ट को शेयर करने से पहले पढ़ा था।

निष्कर्ष: विश्‍वास न्‍यूज की पड़ताल में पता चला कि वायरल हो रहा वीडियो एक मॉकड्रिल का है। यह बाराबंकी में हुई थी। इसे कुछ लोग सच मानकर वायरल कर रहे हैं।

False
Symbols that define nature of fake news
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