Fact Check : 2019 में तेलंगाना में पकड़ाए थे करोड़ों के नकली नोट, तस्वीर अब बंगाल के नाम से वायरल

विश्वास न्यूज की जांच में वायरल पोस्ट फर्जी साबित हुई। खम्मम की पुरानी तस्वीर को अब बंगाल भाजपा के नाम पर फर्जी दावों के साथ वायरल किया जा रहा है।

Fact Check : 2019 में तेलंगाना में पकड़ाए थे करोड़ों के नकली नोट, तस्वीर अब बंगाल के नाम से वायरल

विश्‍वास न्‍यूज (नई दिल्‍ली)। सोशल मीडिया में एक तस्‍वीर वायरल हो रही है। इसमें कुछ पुलिस अफसरों के सामने नई करंसी के बंडल देखे जा सकते हैं। इसके अलावा कुछ चैनलों के माइक भी इन अफसरों के सामने टेबल पर देखे जा सकते हैं। दावा किया जा रहा है कि पश्चिम बंगाल के भाजपा कार्यालय में ये नोट पकड़ाए हैं। हमारी पड़ताल में वायरल पोस्‍ट फर्जी निकली।

तेलंगाना के खम्‍मम में 2019 को पकड़ाए नकली नोटों की तस्‍वीर को अब बंगाल भाजपा से जोड़कर वायरल किया जा रहा है। विश्‍वास न्‍यूज की जांच में यह पोस्‍ट झूठी साबित हुई।

क्‍या हो रहा है वायरल

फेसबुक यूजर हरिंदर कुमार शर्मा ने ग्रुप ‘हरियाणा शारीरिक शिक्षक संघर्ष समिति हरियाणा ( 1983 PTI )’ पर एक तस्‍वीर को अपलोड करते हुए 15 अप्रैल को लिखा : ‘बंगाल में बीजेपी आफिस में मिले करोड़ों रुपए।’

पोस्‍ट को सच मानकर दूसरे यूजर्स भी वायरल कर रहे हैं। फेसबुक पोस्‍ट का आर्काइव्‍ड वर्जन यहां देखें।

पड़ताल

विश्‍वास न्‍यूज ने सबसे पहले यह जानना चाहा कि क्‍या वाकई में पश्चिम बंगाल में भाजपा ऑफिस में करोड़ों रुपए मिले हैं। गूगल सर्च में हमें ऐसी खबरें नहीं मिलीं, जो इस बात की तस्‍दीक करती हो।

विश्‍वास न्‍यूज ने एक बार पहले भी वायरल पोस्‍ट में इस्‍तेमाल की गई तस्‍वीर की जांच की थी। पड़ताल के दौरान हमें ‘तेलंगाना टुडे’ नाम की वेबसाइट पर एक खबर मिली। खबर में बताया गया कि खम्मम पुलिस ने नकली नोटों के रैकेट का पर्दाफाश किया।

यह खबर 2 नवंबर 2019 को पब्लिश की गई थी। पूरी खबर यहां पढ़ें।

पड़ताल के दौरान हमें एएनआई का एक पुराना ट्वीट मिला। 2 नवंबर 2019 को किए गए ट्वीट में हमें नोटों के बंडल के अलावा वही अफसर नजर आए, जो अब वायरल तस्‍वीर में दिख रहे हैं। ट्वीट के साथ लिखा गया कि तेलंगाना के खम्‍मम में पुलिस ने पांच लोगों को नकली नोटों के साथ पकड़ा। इनके पास से करीब 6.4 करोड़ के नकली नोट पकड़ाए।

जांच के वक्‍त हमें खम्‍मम के पुलिस आयुक्‍त के आधिकारिक ट्विटर हैंडल पर ओरिजनल तस्‍वीर मिली। इसे 2 नवंबर 2019 को पोस्‍ट किया गया था।

पड़ताल को आगे बढ़ाते हुए विश्‍वास न्‍यूज ने पश्चिम बंगाल के भाजपा के उपाध्‍यक्ष रितेश तिवारी से संपर्क किया। उन्‍होंने वायरल पोस्‍ट को फर्जी बताया।

निष्कर्ष: विश्वास न्यूज की जांच में वायरल पोस्ट फर्जी साबित हुई। खम्मम की पुरानी तस्वीर को अब बंगाल भाजपा के नाम पर फर्जी दावों के साथ वायरल किया जा रहा है।

False
Symbols that define nature of fake news
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