नवाजिश आलम के स्वागत में खुलेआम फायरिंग करने वाला यह वायरल वीडियो वर्ष 2016 का है। इसका उत्तर प्रदेश के विधानसभा चुनाव 2022 से कोई संबंध नहीं है। इसे भ्रामक दावे के साथ वायरल किया जा रहा है।
नई दिल्ली (विश्वास न्यूज)। यूपी चुनाव 2022 को लेकर सोशल मीडिया पर 2.51 मिनट का एक वीडियो काफी वायरल हो रहा है। इसमें दिख रहे लोग रोड पर खुलेआम फायरिंग कर रहे हैं। साथ में वे ‘नवाजिश भैया जिंदाबाद’ और ‘शाहिद मंजूर जिंदाबाद’ के नारे लगा रहे हैं। दावा किया जा रहा है कि वीडियो सपा सरकार में कैबिनेट मंत्री रहे नवाजिस आलम के स्वागत का है। किठौर में इस दौरान खुलेआम अवैध हथियारों से फायरिंग की गई है।
विश्वास न्यूज ने अपनी पड़ताल में पाया कि वायरल वीडियो वर्ष 2016 का है। इसका यूपी चुनाव 2022 से कोई संबंध नहीं है।
क्या है वायरल पोस्ट में
हमें वॉट्सऐप पर यह वीडियो प्राप्त हुआ है। इसके साथ में लिखा है, ये विडियो नवाजिस आलम पुत्र शाहिद मंजूर पूर्व केबिनेट मन्त्री सपा सरकार के स्वागत मे किठोर मे सैकड़ो अवैध तमंचो, बन्दूको से खुलेआम फायरिंग की गयी।
फेसबुक यूजर Sachin Gupta ने भी 11 फरवरी को इस वीडियो को पोस्ट करते हुए समान दावा किया।
पड़ताल
वायरल वीडियो की पड़ताल के लिए हमने कीवर्ड से इसे सर्च किया। 11 फरवरी को jagran में छपी खबर के मुताबिक, मेरठ में नवाजिश खान का एक वीडियो वायरल हो रहा है। नवाजिश सपा के पूर्व मंत्री शाहिद मंजूर के बेटे हैं। पुलिस ने वीडियो के बारे में जांच की है। इसमें पता चला है कि वायरल वीडियो वर्ष 2016 का है। पूर्व मंत्री शाहिद मंजूर किठौर विधानसभा सीट से चुनाव लड़ रहे हैं।
11 फरवरी को यूपी पुलिस के ट्विटर अकाउंट @UPPViralCheck से भी ट्वीट कर कहा गया कि वायरल वीडियो वर्ष 2016 का है। इसे वर्तमान समय का बताकर भ्रम न फैलाएं।
इस बारे में मेरठ दैनिक जागरण के क्राइम रिपोर्टर सुशील कुमार का कहना है, वायरल वीडियो का यूपी चुनाव 2022 से कोई संबंध नहीं है। पुलिस की जांच में यह 2016 का पाया गया है।
इसकी और जानकारी के लिए हमने मेरठ के स्वतंत्र पत्रकार रवि शर्मा से बात की। उनका कहना है, वीडियो में कुर्ता पायजामा में दिख रहा शख्स नवाजिश आलम है। यह उसके स्वागत का ही वीडियो है, लेकिन 2016 का। उस समय सपा की सरकार में शाहिद मंजूर कैबिनेट मंत्री थे।
वीडियो को भ्रामक दावे के साथ शेयर करने वाले फेसबुक यूजर Sachin Gupta की प्रोफाइल को हमने स्कैन किया। वह मेरठ में रहते हैं और एक राजनीतिक विचारधारा से प्रेरित हैं।
निष्कर्ष: नवाजिश आलम के स्वागत में खुलेआम फायरिंग करने वाला यह वायरल वीडियो वर्ष 2016 का है। इसका उत्तर प्रदेश के विधानसभा चुनाव 2022 से कोई संबंध नहीं है। इसे भ्रामक दावे के साथ वायरल किया जा रहा है।
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