Fact Check: पांच साल पहले मैनपुरी में छेड़छाड़ के विरोध पर हुई मारपीट को गलत दावे के साथ किया जा रहा वायरल

मैनपुरी में दिसंबर 2016 में छेड़खानी का विरोध करने पर दबंगों ने दंपती से मारपीट की थी। घायल महिला की तस्वीरों को अब गलत दावे के साथ वायरल किया जा रहा है। पुलिस ने आरोपियों को गिरफ्तार कर लिया था।

Fact Check: पांच साल पहले मैनपुरी में छेड़छाड़ के विरोध पर हुई मारपीट को गलत दावे के साथ किया जा रहा वायरल

नई दिल्ली (विश्वास न्यूज)। उत्तर प्रदेश चुनाव 2022 के लिए पहले और दूसरे चरण की नामांकन प्रकिया भी शुरू हो चुकी है। इस बीच सोशल मीडिया पर एक महिला की कुछ तस्वीरें वायरल हो रही है। उसके सिर से खून बह रहा है और पास में पुलिसकर्मी खड़े हैं। दावा किया जा रहा है कि यह 2016 की मैनपुरी की घटना है। अखिलेश यादव की सरकार में महिला ने ब्लॉक प्रमुख चुनाव का नामांकन फार्म लिया था। इस वजह से सपा नेता ने महिला को पीट दिया था। पुलिस इस मामले में तमाशबीन खड़ी रही थी और राजनीतिक दबाव में कोई कार्रवाई नहीं की गई थी।

विश्वास न्यूज ने अपनी पड़ताल में दावे को गलत पाया। दरअसल, 2016 में मैनपुरी में छेड़खानी का विरोध करने पर दबंगों ने महिला और उसके पति के साथ मारपीट की थी। इस मामले में पुलिस ने तीन आरोपियों को गिरफ्तार किया था।

क्या है वायरल पोस्ट में

फेसबुक पेज ‘100 करोड़ हिंदुओं का ग्रुप’ पर 19 जनवरी को इन तस्वीरों को पोस्ट करते हुए लिखा गया है,
सोचा याद दिला दूं…
ये था #समाजवादी पार्टी का #गुंडाराज,#जंगलराज
2016 की ये घटना #मैनपुरी ज़िले की है,,
इसका जुर्म इतना था कि इसने ब्लाक प्रमुख चुनाव का नामांकन का फ़ार्म ले लिया था..
भरी सड़क पर एक मामूली से समाजवादी पार्टी नेता ने लड़की को पीटा था और पुलिस तमाशबीन बनी रही थी,,
राजनीतिक दबाव में किसी पर भी कोई कार्यवाही नहीं हुई…
ये था अखिलेश यादव का गुंडाराज..!!
इसी दिन को याद रखना मित्रों ‌।
(पोस्ट को ज्यों का त्यों लिखा गया है। मामला छेड़छाड़ का होने के कारण पहचान छुपाने के लिए महिला का फेस ब्लर किया गया है और लिंक नहीं दिया जा रहा है।)

पड़ताल

वायरल दावे की पड़ताल के लिए हमने सबसे गूगल रिवर्स इमेज टूल से इसे सर्च किया। इसमें हमें 21 दिसंबर 2016 को IndiaTV पर अपलोड किया गया वीडियो मिला। इसमें हमें फोटो में बंदूक टांगे हुए सिपाही और हरा सूट पहने हुए महिला दिखी। वीडियो न्यूज के अनुसार, घटना मैनपुरी की है। गुंडों ने महिला और उसके पति को छेड़खानी का विरोध करने पर मारा। महिला उनका मुकाबला करती रही, लेकिन आसपास मौजूद कोई भी उनकी सहायता के लिए नहीं आया। दंपती के साथ उनकी बच्ची भी थी। घटना के बाद पुलिस मौके पर पहुंची तो पीड़िता आरोपियों की गिरफ्तारी की मांग के लिए अड़ गई। बाद में पुलिस ने केस दर्ज कर एक आरोपी को गिरफ्तार कर लिया है।

इसकी और पड़ताल करने पर हमें 24 दिसंबर 2016 को दैनिक जागरण में छपी खबर का लिंक मिला। इसके मुताबिक, आरोपियों के नाम अजय यादव, आनंद यादव और कुलदीप यादव हैं। पुलिस ने तीनों आरोपियों को गिरफ्तार कर लिया है। (पहचान छुपाने के उद्देश्य से हम खबर का लिंक नहीं दे रहे हैं।)

22 दिसंबर 2016 को ANI UP/Uttarakhand ने भी ट्वीट कर आरोपियों की गिरफ्तारी की जानकारी दी थी।

इस दावे की सर्च में हमें और भी कई खबरों के लिंक मिले लेकिन महिला की पहचान उजागर न हो, इस वजह से हमने उनका जिक्र नहीं किया। वहीं, मैनपुरी के दैनिक जागरण के ब्यूरो चीफ दिलीप शर्मा का कहना है, यह तस्वीर 2016 की है। किशनी थाना क्षेत्र में छेड़छाड़ का विरोध करने पर दबंगों ने दंपती पर हमला किया था। इस मामले में कोई भी राजनीतिक एंगल नहीं है।

2016 की तस्वीरों को गलत दावे के साथ वायरल करने वाले फेसबुक पेज ‘100 करोड़ हिंदुओं का ग्रुप’ को हमने स्कैन किया। 22 दिसंबर 2015 को बना यह पेज राजनीतिक विचारधारा से प्रेरित है। इसे 12 हजार से ज्यादा लोग फॉलो करते हैं।

निष्कर्ष: मैनपुरी में दिसंबर 2016 में छेड़खानी का विरोध करने पर दबंगों ने दंपती से मारपीट की थी। घायल महिला की तस्वीरों को अब गलत दावे के साथ वायरल किया जा रहा है। पुलिस ने आरोपियों को गिरफ्तार कर लिया था।

False
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