Fact Check : राजस्थान में बीजेपी की जीत के बाद सीएम योगी ने नहीं भेजे बुलडोजर, वायरल वीडियो दो साल पुराना

विश्वास न्यूज ने अपनी पड़ताल में पाया कि बुलडोजर लेकर जाती ट्रेन के वायरल वीडियो को लेकर किया जा रहा दावा गलत है। असल में वायरल वीडियो दो साल पुराना है और आंध्र प्रदेश की ओर जा रही ट्रेन का है, जिसे अब भ्रामक दावे के साथ चुनावी नतीजों से जोड़कर शेयर किया जा रहा है। 

नई दिल्ली (विश्वास न्यूज)। सोशल मीडिया पर बुलडोजर लेकर जाती एक ट्रेन का वीडियो तेजी से वायरल हो रहा है। वीडियो को शेयर कर दावा किया जा रहा है कि राजस्थान में बीजेपी के चुनाव जीतने के बाद उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने राजस्थान में बुलडोजर भेजे हैं। 

विश्वास न्यूज ने अपनी पड़ताल में पाया कि वायरल वीडियो को लेकर किया जा रहा दावा गलत है। असल में वायरल वीडियो दो साल पुराना है और आंध्र प्रदेश की ओर जा रही ट्रेन का है, जिसे अब भ्रामक दावे के साथ चुनावी नतीजों से जोड़कर शेयर किया जा रहा है। 

क्या हो रहा है वायरल ?

फेसबुक यूजर ‘सूरज बरनवाल’ ने 5 नवंबर 2023 को वायरल वीडियो को शेयर करते हुए कैप्शन में लिखा है, “5 साल की गन्दगी साफ करने के लिए  उत्तर प्रदेश  से राजस्थान के लिए ट्रेन रवाना हो गई है।”

पोस्ट के आर्काइव लिंक को यहां पर देखें।

https://twitter.com/nascentlens/status/1731936595073507548

पड़ताल 

वायरल दावे की सच्चाई जानने के लिए हमने गूगल पर संबंधित कीवर्ड्स की मदद से सर्च करना शुरू किया। हमें दावे से जुड़ी कोई विश्वसनीय न्यूज रिपोर्ट नहीं मिली। 

पड़ताल को आगे बढ़ाते हुए हमने इनविड टूल की मदद से वीडियो के कई कीफ्रेम निकाले और उन्हें गूगल रिवर्स इमेज की मदद से सर्च किया। इस दौरान हमें वीडियो का लंबा वर्जन गोपी रेल वर्ल्ड नामक एक वेरिफाइड यूट्यूब चैनल पर मिला। वीडियो को 26 नवंबर 2021 को शेयर किया गया है। मौजूद जानकारी के मुताबिक, वीडियो WAG-9H 31395 भिलाई ट्रेन का है। यह ट्रेन जेसीबी के साथ ओंगोल की ओर जा रही थी। वीडियो में 3.11 से वायरल वीडियो वाले हिस्से को हूबहू देखा जा सकता है। 

गोपी रेल वर्ल्ड के अकाउंट को खंगालने पर हमने पाया कि शख्स रेलवे से जुड़ी वीडियो को बनाकर शेयर करता है। अधिक जानकारी के लिए हमने गोपी से संपर्क किया है। रिप्लाई आने पर रिपोर्ट को अपडेट कर दिया जाएगा।

नॉर्थ सेंट्रल रेलवे के सीपीआरओ अमित मालवीय से भी हमने संपर्क किया। उन्होंने हमें बताया, “वायरल दावा गलत है। यह वीडियो पुराना है। लोग अक्सर पुराने वीडियो को गलत दावों को साथ शेयर करते हैं।”

अंत में हमने वीडियो को गलत दावे के साथ शेयर करने वाले यूजर के अकाउंट को स्कैन करना शुरू किया। हमने पाया कि यूजर एक विचारधारा से प्रभावित पोस्ट को शेयर करता है। यूजर को 3.8 हजार लोग फॉलो करते हैं।

निष्कर्ष: विश्वास न्यूज ने अपनी पड़ताल में पाया कि बुलडोजर लेकर जाती ट्रेन के वायरल वीडियो को लेकर किया जा रहा दावा गलत है। असल में वायरल वीडियो दो साल पुराना है और आंध्र प्रदेश की ओर जा रही ट्रेन का है, जिसे अब भ्रामक दावे के साथ चुनावी नतीजों से जोड़कर शेयर किया जा रहा है। 

False
Symbols that define nature of fake news
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