Fact Check : कश्‍मीर के नाम पर वायरल हो रही तस्‍वीर लखनऊ पुलिस की है, 9 साल पहले हुई थी घटना

विश्‍वास न्‍यूज की जांच में पता चला कि कश्‍मीर के नाम पर वायरल तस्‍वीर यूपी पुलिस के अत्याचार की पुरानी तस्‍वीर है। कोलाज में बाकी दोनों तस्‍वीरें सही हैं।

Fact Check : कश्‍मीर के नाम पर वायरल हो रही तस्‍वीर लखनऊ पुलिस की है, 9 साल पहले हुई थी घटना

नई दिल्‍ली (विश्‍वास न्‍यूज)। सोशल मीडिया में तीन तस्‍वीरों का एक कोलाज वायरल हो रहा है। इन तस्‍वीरों के जरिए अमेरिका, फिलीस्‍तीन और कश्‍मीर में अत्‍याचार की बात की जा रही है।

विश्‍वास न्‍यूज की जांच में पता चला कि कश्‍मीर के नाम पर वायरल हो रही तस्‍वीर यूपी पुलिस के अत्‍याचार की 9 साल पुरानी फोटो है। इस तस्‍वीर को जानबूझकर कश्‍मीर के नाम पर वायरल किया जा रहा है। बाकी दोनों तस्‍वीरों के साथ किया गया दावा सही है। ये दो तस्‍वीरें अमेरिका और फिलीस्‍तीन की ही हैं।

क्‍या हो रहा है वायरल

इस्‍माइल फैजल (@faisalsheelath) नाम के ट्विटर हैंडल से एक कोलाज को अपलोड करते हुए लिखा गया : ‘Racism everywhere in the name of Religion,Cast,Colour, Language, Ethnicity etc etc when we will change this brutal mentality #300DaysOfKashmirSiege #georgesfloyd #protests #Kashmir #chicagoprotest sometimes I feel that Humans are the most dangerous creatures I’ve ever seen.’

पड़ताल

विश्‍वास न्‍यूज ने वायरल पोस्‍ट में मौजूद कोलाज में इस्‍तेमाल की गई तीनों तस्‍वीर की सच्‍चाई पता लगाना शुरू किया। सबसे पहले हमने पहली तस्‍वीर को गूगल रिवर्स इमेज में अपलोड करके सर्च किया। हमें पता चला कि अमेरिका के मिनेसोटा राज्य में पिछले महीने मई में मिनीपोलिस पुलिस विभाग के एक अधिकारी ने अश्‍वेत अमेरिकी नागरिक जॉर्ज फ्लॉयड पर काबू पाने के लिए उसकी गर्दन पर घुटने से दबाव बनाए रखा था, जिसके कारण जॉर्ज फ्लॉयड की मौत हो गई। इस हत्‍या के बाद से पूरी दुनिया में विरोध प्रदर्शन हुआ। पूरी खबर आप यहां देख सकते हैं।

इसी तरह हमने दूसरी तस्‍वीर के बारे में जानकारी जुटाना शुरू किया। हमें यह तस्‍वीर haaretz.com पर मिली। इसे रॉयटर्स ने 20 सितंबर 2016 को ली थी। तस्‍वीर फिलीस्‍तीन के हेब्रोन की है। यह आप यहां देख सकते हैं।

अब बारी थी कश्‍मीर के नाम पर वायरल तस्‍वीर की सच्‍चाई जानने की। यह तस्‍वीर पहले भी वायरल हो चुकी है। दरअसल यह तस्‍वीर 9 मार्च 2011 की है। उस वक्‍त अखिलेश यादव को लखनऊ एयरपोर्ट से हिरासत में लिया गया था। जिसके बाद लोहिया वाहिनी के प्रमुख आनंद भदौरिया को प्रदर्शन के कारण तत्‍कालीन डीआईजी ध्रुवकांत ठाकुर ने जमीन पर गिराकर पीटा था। वायरल तस्‍वीर को लखनऊ के फोटोग्राफर प्रमोद अधिकारी ने क्लिक की थी। विश्‍वास न्‍यूज से बातचीत में उन्‍होंने विस्‍तार से इसके बारे में बताया। प्रमोद अधिकारी ने बताया, ‘वायरल तस्‍वीर वर्ष 2011 की। तस्‍वीर में जमीन पर गिरे हुए आनंद भदौरिया हैं, जो अभी सपा से एमएलसी हैं, जबकि अफसर का नाम डीके ठाकुर हैं।’

पूरी पड़ताल को आप यहां पढ़ सकते हैं।

अंत में हमने वायरल पोस्‍ट करने वाले यूजर की जांच की। पता चला कि इस्‍माइल फैजल दुबई में रहते हैं। यह ट्विटर हैंडल अप्रैल 2013 में बनाया गया था।

निष्कर्ष: विश्‍वास न्‍यूज की जांच में पता चला कि कश्‍मीर के नाम पर वायरल तस्‍वीर यूपी पुलिस के अत्याचार की पुरानी तस्‍वीर है। कोलाज में बाकी दोनों तस्‍वीरें सही हैं।

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