Fact Check : सेना के जवान पर फर्जी वोटिंग का आरोप लगाते शख्स का वीडियो 5 साल पुराना, फेक दावे के साथ वायरल 

विश्वास न्यूज ने अपनी पड़ताल में पाया कि सेना के जवान पर फर्जी वोटिंग का आरोप लगाते हुए शख्स का  वायरल वीडियो हाल-फिलहाल का नहीं, बल्कि साल 2019 का है। जवान ने अज्ञात लोगों के खिलाफ मतदान में  बाधा डालने और सेना की छवि खराब करने को लेकर इसके खिलाफ शिकायत दर्ज कराई थी। पुराने वीडियो को फर्जी दावे के साथ वायरल किया जा रहा है।

नई दिल्ली (विश्वास न्यूज)। देश में लोकसभा चुनाव 2024 के लिए मतदान डाले जा रहा रहे हैं। इसी बीच सोशल मीडिया पर आर्मी के जवान पर फर्जी वोटिंग करवाने का आरोप लगाते हुए एक शख्स का वीडियो तेजी से वायरल हो रहा है। वीडियो को शेयर कर दावा किया जा रहा है कि सेना भारतीय जनता पार्टी के लिए फर्जी वोटिंग डलवा रही है। 

विश्वास न्यूज ने अपनी पड़ताल में पाया कि वीडियो को लेकर किया जा रहा दावा गलत है। वायरल वीडियो हाल-फिलहाल का नहीं, बल्कि साल 2019 का है। जवान ने मतदान में बाधा डालने और सेना की छवि खराब करने को लेकर इसके खिलाफ शिकायत दर्ज कराई थी। पुराने वीडियो को फर्जी दावे के साथ वायरल किया जा रहा है।

क्या हो रहा है वायरल ?

फेसबुक यूजर ‘टुडे अपडेट’ ने 8 मई 2024 को वायरल वीडियो को शेयर करते हुए कैप्शन में लिखा हुआ है, “आर्मी वाले ही फर्जी वोट डलवा रहे है तो इस देश का क्या।”

पोस्ट के आर्काइव लिंक को यहां पर देखें।

अन्य फेसबुक यूजर ने वायरल वीडियो को शेयर करते हुए कैप्शन में लिखा है, “ये वीडियो बनाने वाले महोदय कौन है.. जो सेना पर इस तरह का आरोप लगा रहे हैं। भाजपा के लिए फर्जी वोट डालने और बीजेपी का प्रचार करने का आरोप लगा रहे हैं।”

पोस्ट के आर्काइव लिंक को यहां पर देखें।

पड़ताल 

वायरल वीडियो की सच्चाई जानने के लिए हमने गूगल पर संबंधित कीवर्ड्स की मदद से सर्च किया। हमें वायरल वीडियो साल 2019 में कई फेसबुक (आर्काइव लिंक) और यूट्यूब पेज (आर्काइव लिंक) पर शेयर किया हुआ मिला। वीडियो को जबलपुर का बताते हुए चुनाव आयोग पर सवाल करते हुए शेयर किया गया था। 

प्राप्त जानकारी के आधार पर हमने गूगल पर संबंधित कीवर्ड्स की मदद से एक बार फिर सर्च किया। हमें दावे से जुड़ी एक रिपोर्ट (आर्काइव लिंक) 2 मई 2019 को बिजनेस स्टैंडर्ड पर प्रकाशित मिली। रिपोर्ट के मुताबिक, सेना का जवान 29  अप्रैल 2019 को कटंगा, जबलपुर में वोट डालने के लिए पहुंचा था। इस दौरान कुछ लोगों ने उनसे उनका पहचान पत्र जबरन छिनने की कोशिश की और वोट डालने से भी रोकने का प्रयास किया। फिर उन उपद्रवियों ने सेना की छवि को खराब करने के लिए एक वीडियो बनाकर वायरल कर किया। सेना के जवान ने इसकी शिकायत भी दर्ज कराई थी। 

पड़ताल के दौरान हमें जवान की ओर से की गई शिकायत की कॉपी न्यूज एजेंसी एएनआई के आधिकारिक एक्स अकाउंट पर मिली। पोस्ट (आर्काइव लिंक) को 1 मई 2019 को शेयर किया गया था। मौजूद जानकारी के मुताबिक, मध्य प्रदेश के जबलपुर में सेना के अधिकारी ने 29 अप्रैल को अज्ञात बदमाशों के खिलाफ के मतदान में बाधा डालने, पहचान पत्र छीनने, सेना की छवि खराब करने और गलत तरीके से वीडियो वायरल करने को लेकर शिकायत दर्ज कराई। 

अधिक जानकारी के लिए विश्वास न्यूज ने चुनाव आयोग के संयुक्त निदेशक अनुज चांडक से संपर्क किया।  उन्होंने वीडियो को पुराना और दावे को फेक बताया है। 

अंत में हमने वीडियो को गलत दावे के साथ शेयर करने वाले यूजर ‘टुडे अपडेट’ के अकाउंट को स्कैन किया। हमने पाया कि यूजर ने प्रोफाइल पर खुद को उत्तर प्रदेश का रहने वाला बताया हुआ है। 

निष्कर्ष: विश्वास न्यूज ने अपनी पड़ताल में पाया कि सेना के जवान पर फर्जी वोटिंग का आरोप लगाते हुए शख्स का  वायरल वीडियो हाल-फिलहाल का नहीं, बल्कि साल 2019 का है। जवान ने अज्ञात लोगों के खिलाफ मतदान में  बाधा डालने और सेना की छवि खराब करने को लेकर इसके खिलाफ शिकायत दर्ज कराई थी। पुराने वीडियो को फर्जी दावे के साथ वायरल किया जा रहा है।

Misleading
Symbols that define nature of fake news
पूरा सच जानें...

सब को बताएं, सच जानना आपका अधिकार है। अगर आपको ऐसी किसी भी खबर पर संदेह है जिसका असर आप, समाज और देश पर हो सकता है तो हमें बताएं। हमें यहां जानकारी भेज सकते हैं। हमें contact@vishvasnews.com पर ईमेल कर सकते हैं। इसके साथ ही वॅाट्सऐप (नंबर – 9205270923) के माध्‍यम से भी सूचना दे सकते हैं।

Related Posts
नवीनतम पोस्ट