जुलाई 2021 में लखीमपुर खीरी के पलियाकलां में ब्लॉक प्रमुख के नामांकन के दौरान कुछ लोगों ने कांग्रेस उम्मीदवार को बैरिकेडिंग से बाहर खींचने का प्रयास किया था, लेकिन पुलिस ने उनको बचा लिया था। पुराने वीडियो को शेयर कर भ्रामक दावा किया जा रहा है।
नई दिल्ली (विश्वास न्यूज)। लोकसभा चुनाव 2024 के दौरान सोशल मीडिया पर पीलीभीत के नाम से एक वीडियो वायरल हो रहा है। इसमें बैरिकेडिंग पार कर रहे एक शख्स को कुछ लोग खींचने की कोशिश करते दिख रहे हैं। वहां पुलिस भी मौजूद है। कुछ यूजर्स इस वीडियो को शेयर कर दावा कर रहे हैं कि लखीमपुर में भाजपा नेताओं ने सपा ब्लॉक प्रमुख उम्मीदवार का पुलिस के सामने अपहरण करने का प्रयास किया।
विश्वास न्यूज ने अपनी जांच में पाया कि वायरल वीडियो जुलाई 2021 का है। उस समय ब्लॉक प्रमुख चुनाव के दौरान कुछ लोगों ने लखीमपुर खीरी के पलिया से कांग्रेस प्रत्याशी को बैरिकेडिंग से बाहर खींचने का प्रयास किया था, लेकिन पुलिस ने उम्मीदवार को लोगों के चंगुल से छुड़ाया और अंदर भेजा। वीडियो को भ्रामक दावे के साथ शेयर किया जा रहा है।
फेसबुक यूजर Aman Singh (आर्काइव लिंक) ने 16 अप्रैल को वीडियो को शेयर करते हुए लिखा,
“लाइव किडनैपिंग देखनी है..
तो आइए उत्तर प्रदेश…..
वीडियो लखीमपुर से है… जहाँ सपा के ब्लॉक प्रमुख उम्मीदवार को पुलिस के सामने भाजपा नेता किडनैप करने का प्रयास कर रहे हैं….
यही है योगी का बनाया हुआ अपहरण प्रदेश।”
एक्स यूजर Samajwadi Prahari (आर्काइव लिंक) ने 16 अप्रैल को वीडियो समान दावे के साथ पोस्ट किया है।
वायरल वीडियो की पड़ताल के लिए हमने वायरल पोस्ट को देखा। इसके कमेंट सेक्शन में खीरी पुलिस की तरफ से जवाब (आर्काइव लिंक) दिया गया है। इसमें कहा गया है कि वायरल वीडियो जुलाई 2021 का है। पलिया थाना क्षेत्र में नामांकन प्रक्रिया के दौरान यह वाकया हुआ था। पुलिस ने इस मामले में कार्रवाई की थी। हाल-फिलहाल में लखीमपुर खीरी में ऐसी कोई घटना नहीं हुई है।
कीवर्ड से सर्च करने पर हमें फेसबुक पर जुलाई 2021 में पोस्ट किए गए वीडियो मिले। इन्हें समान दावे के साथ शेयर किया गया था। फेसबुक यूजर Thakur Harendra Solanki Harsh ने 9 जुलाई 2021 को इस वीडियो को शेयर (आर्काइव लिंक) किया है।
इससे साफ होता है कि वायरल वीडियो हाल-फिलहाल का नहीं, बल्कि करीब तीन साल पुराना है।
इस बारे में अन्य कीवर्ड से और सर्च करने पर हमें एक्स यूजर Owais Gandhi की पोस्ट (आर्काइव लिंक) मिली। 8 जुलाई 2021 को की गई इस पोस्ट में वायरल वीडियो के लंबे वर्जन को शेयर किया गया है। इसमें एक शख्स कांग्रेस पार्टी के प्रस्ताव के बारे में बोल रहा है।
दैनिक जागरण की वेबसाइट पर 8 जुलाई 2021 को छपी खबर के अनुसार, पलियाकलां में ब्लॉक प्रमुख प्रत्याशी नवनीत यादव जब नामांकन कराने पहुंचे तो कुछ लोगों ने उन्हें पकड़कर बाहर खींचा। पुलिस ने प्रत्याशी को उनके चंगुल से छुड़ाया। वहां मौजूद सैफ नकवी जब पुलिसकर्मियों पर बरसे तो उम्मीदवार को अंदर भेजा गया। वहीं, सपा प्रत्याशी उत्तम कुमार गौतम का नामांकन समय का हवाला देते हुए लेने से मना कर दिया गया।
दैनिक जागरण की वेबसाइट पर ही 9 जुलाई 2021 को छपी खबर में लिखा है, “पलियाकलां में ब्लॉक प्रमुख चुनाव के लिए सपा प्रत्याशी नामांकन नहीं करा पाए थे। जबकि कांग्रेस प्रत्याशी को खींचने का प्रयास किया गया, लेकिन उन्होंने नामांकन दाखिल कर दिया था। कांग्रेस नेता सैफ ने कहा था कि कांग्रेस प्रस्तावक से कागज छीनने और अनुमोदक को उठाकर ले जाने वालों के खिलाफ पुलिस में शिकायत की गई है।”
यूपी कांग्रेस के जनरल सेक्रेटरी (महासचिव) सैफ अली नकवी ने अपने फेसबुक पेज पर भी वायरल वीडियो के लंबे वर्जन को अपलोड (आर्काइव लिंक) किया है। 8 जुलाई 2021 को अपलोड इस वीडियो के साथ लिखा गया कि भाजपा के समर्थकों ने कांग्रेस प्रत्याशी को अगवा करने की कोशिश की, लेकिन पुलिस ने उम्मीदवार को बचा लिया। पुलिस ने उपद्रवियों पर लाठी चलाकर उन्हें खदेड़ा। यूजर ने इसके लिए पुलिस की तारीफ भी की।
इस बारे में दैनिक जागरण के लखीमपुर खीरी के ब्यूरो चीफ धर्मेश ने कहा कि वीडियो में कांग्रेस के प्रत्याशी को घसीटा जा रहा है और जो चिल्ला रहे हैं, वह सैफ अली नकवी हैं। वह वर्तमान में यूपी कांग्रेस के महासचिव हैं। वीडियो 2021 का है।
इससे साफ होता है कि ब्लॉक प्रमुख चुनाव के दौरान कांग्रेस उम्मीदवार को खींचने की कोशिश की गई थी, न कि सपा उम्मीदवार को।
पुराने वीडियो को भ्रामक दावे के साथ शेयर करने वाले फेसबुक यूजर की प्रोफाइल को हमने स्कैन किया। अंबाला के रहने वाले यूजर एक राजनीतिक विचारधारा से प्रभावित हैं।
निष्कर्ष: जुलाई 2021 में लखीमपुर खीरी के पलियाकलां में ब्लॉक प्रमुख के नामांकन के दौरान कुछ लोगों ने कांग्रेस उम्मीदवार को बैरिकेडिंग से बाहर खींचने का प्रयास किया था, लेकिन पुलिस ने उनको बचा लिया था। पुराने वीडियो को शेयर कर भ्रामक दावा किया जा रहा है।
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