Fact Check: दिल्ली सरकार की तरफ से सिर्फ एक ही धर्म के कोरोना वॉरियर्स के परिजनों को वित्तीय मदद देने का झूठा दावा वायरल

दिल्ली सरकार की तरफ से कोरोना वॉरियर्स को वित्तीय मदद देने में धार्मिक भेदभाव का दावा करने वाली वायरल पोस्ट झूठी है। विश्वास न्यूज की पड़ताल में सामने आया है कि पिछले साल कोरोना के मामलों की शुरुआत के बाद से ही केजरीवाल सरकार द्वारा अलग-अलग धर्मों से जुड़े कोरोना वॉरियर्स के परिजनों को राहत राशि का चेक सौंपा गया है।

विश्‍वास न्‍यूज (नई दिल्‍ली)। सोशल मीडिया पर दिल्ली की केजरीवाल सरकार को लेकर एक दावा वायरल हो रहा है। सोशल मीडिया यूजर्स दावा कर रहे हैं कि दिल्ली सरकार कोरोना वॉरियर्स को वित्तीय मदद देने में धार्मिक भेदभाव कर रही है। पिछले दिनों दिल्ली सरकार की तरफ से कोरोना वॉरियर के तौर पर निधन होने पर दी जाने वाली वित्तीय मदद के रूप में डॉक्टर अनस मुजाहिद के परिजनों को एक करोड़ रुपये का चेक सौंपा गया। इसी घटना के बाद केजरीवाल सरकार पर एक खास धर्म को ही वित्तीय मदद देने का आरोप लगाकर पोस्ट शेयर की जा रही है। विश्वास न्यूज की पड़ताल में ये दावा झूठा निकला है। पिछले साल कोरोना के मामलों की शुरुआत के बाद से ही केजरीवाल सरकार द्वारा अलग-अलग धर्मों से जुड़े कोरोना वॉरियर्स के परिजनों को राहत राशि का चेक सौंपा गया है।

क्या हो रहा है वायरल

फेसबुक यूजर्स Sharad Gupta ने 26 मई 2021 को एक पोस्ट शेयर की है। इस पोस्ट में एक तस्वीर है, जिसपर कुछ टेक्स्ट लिखा गया है। तस्वीर में दिल्ली सीएम अरविंद केजरीवाल किसी शख्स को कुछ सौंपते हुए नजर आ रहे हैं। इस तस्वीर पर लिखा है, ‘केजरीवाल मृतक डॉक्टर अनस मुजाहिद के परिवार से मिले और एक करोड़ रुपये का चेक उसे सौंपा अनस की कोरोना से मौत हुई थी!! दिल्ली में 70 डॉक्टरों की कोरोना से मौत हो चुकी है, 69 हिंदू थे इस लिए कुछ नहीं?’

इस पोस्ट के आर्काइव्ड वर्जन को यहां क्लिक कर देखा जा सकता है।

पड़ताल

विश्वास न्यूज ने वायरल दावे की पड़ताल के लिए सबसे पहले इंटरनेट पर ओपन सर्च के माध्यम से यह जानना चाहा कि डॉक्टर अनस मुजाहिद का मामला क्या है। हमें हमारे सहयोगी दैनिक जागरण की वेबसाइट पर 22 मई 2021 को प्रकाशित एक रिपोर्ट मिली। इस रिपोर्ट में बताया गया है कि दिल्ली सीएम अरविंद केजरीवाल ने कोरोना योद्धा डॉक्टर अनस मुजाहिद के परिवार से मुलाकात कर उन्हें एक करोड़ रुपये की सहायता राशि का चेक सौंपा। रिपोर्ट में बताया गया है कि डॉक्टर अनस जीटीबी अस्पताल में जूनियर रेजिडेंट थे। कोविड-19 की ड्यूटी करने के दौरान वह कोरोना संक्रमित हो गए थे। 8 मई 2021 को उनकी टेस्ट रिपोर्ट पॉजिटिव आई थी और इलाज के दौरान 9 मई 2021 की सुबह ही उनका निधन हो गया। इस रिपोर्ट को यहां क्लिक कर देखा जा सकता है।

कीवर्ड्स (केजरीवाल, एक करोड़ चेक आदि) से सर्च करने पर हमें दैनिक जागरण की दूसरी पुरानी रिपोर्ट्स भी मिलीं। हमें दैनिक जागरण की वेबसाइट पर 3 जुलाई 2020 की एक रिपोर्ट मिली। इस रिपोर्ट में बताया गया है कि केजरीवाल सरकार की तरफ से कोरोना की वजह से जान गंवाने वाले लोक नायक अस्पताल के डॉक्टर असीम गुप्ता के परिजनों को एक करोड़ रुपये का चेक सौंपा गया। इस रिपोर्ट को यहां क्लिक कर देखा जा सकता है।

इसी तरह दैनिक जागरण की 2 सितंबर 2020 को प्रकाशित रिपोर्ट में बताया गया है कि दिल्ली सरकार में फार्मासिस्ट के तौर पर तैनात कोरोना वॉरियर राजेश भारद्वाज का निधन होने के बाद सीएम केजरीवाल ने उनके परिजनों को एक करोड़ रुपये का चेक सौंपा। इस रिपोर्ट को यहां क्लिक कर देखा जा सकता है।

इसी तरह हमें दैनिक जागरण की वेबसाइट पर 13 मार्च 2021 को प्रकाशित एक रिपोर्ट मिली। इस रिपोर्ट में बताया गया है कि बाड़ा हिंदू राव अस्पताल में लैब तकनीशियन के पद पर तैनात कोरोना वॉरियर राकेश जैन के निधन के बाद केजरीवाल सरकार की तरफ से उनके परिजनों को एक करोड़ रुपये का चेक सौंपा गया। इस रिपोर्ट को यहां क्लिक कर देखा जा सकता है।

ये तमाम रिपोर्ट्स बताती हैं कि केजरीवाल सरकार की तरफ से दूसरे धर्मों के कोरोना वॉरियर्स के निधन के बाद उनके परिजनों को एक करोड़ रुपये की राहत राशि का चेक सौंपा गया। इंटरनेट पर पड़ताल के दौरान हमें ट्विटर पर दिल्ली सीएम अरविंद केजरीवाल की आधिकारिक प्रोफाइल से 22 मई 2021 को किया गया एक ट्वीट मिला। इस ट्वीट में सीएम केजरीवाल ने डॉक्टर अनस मुजाहिद के परिजनों को एक करोड़ रुपये का चेक सौंपने की बात बताई है। इस ट्वीट को यहां नीचे देखा जा सकता है।

हमने ट्विटर पर अडवांस सर्च ऑप्शन का इस्तेमाल किया। हमें दिल्ली सीएम केजरीवाल के ट्विटर हैंडल से कोरोना योद्धाओं के परिजनों को एक करोड़ रुपये का चेक सौंपने की जानकारी देने वाले कई दूसरे ट्वीट मिले। इनमें से कुछ का जिक्र यहां किया जा रहा है।

20 मई 2020 को किए गए एक ट्वीट में दिल्ली सीएम ने बताया है कि कोरोना वॉरियर स्कूल टीचर शिवजी मिश्रा के परिजनों को एक करोड़ रुपये का चेक सौंपा।

25 जुलाई 2020 को किए गए ट्वीट में दिल्ली सीएम ने बताया है कि सिविल डिफेंस के अरुण कुमार के निधन के बाद उनके परिजनों को एक करोड़ रुपये का चेक सौंपा गया।

21 अगस्त 2020 को किए गए ट्वीट में सीएम केजरीवाल ने बताया है कि कोरोना योद्धा सफाई कर्मचारी राजू के परिजनों को एक करोड़ रुपये का चेक सौंपा गया।

विश्वास न्यूज की अबतक की पड़ताल में ये बात साफ हो चुकी थी कि केजरीवाल सरकार की तरफ से सिर्फ एक धर्म के कोरोना योद्धा के परिजनों को एक करोड़ रुपये का चेक सौंपने का दावा गलत है। अलग-अलग पेशे से आने वाले अलग-अलग धर्मों के कोरोना योद्धाओं के परिजनों को एक करोड़ रुपये का चेक दिल्ली सरकार की तरफ से दिया गया है।

अपनी पड़ताल को आगे बढ़ाते हुए विश्वास न्यूज ने हमारे सहयोगी दैनिक जागरण के पत्रकार विष्णु शुक्ला से संपर्क किया। विष्णु शुक्ला दिल्ली सरकार के मामलों को कवर भी करते हैं। हमने उनके साथ वायरल पोस्ट में किया जा रहा दावा शेयर किया। उन्होंने भी पुष्टि करते हुए बताया कि वायरल दावा सही नहीं है। केजरीवाल सरकार की तरफ से सिर्फ एक धर्म के नहीं बल्कि अलग-अलग धर्मों के कोरोना योद्धाओं के परिजनों को राहत राशि सौंपी गई है और इस संबंध में दैनिक जागरण में भी अलग-अलग कई रिपोर्ट प्रकाशित हुई हैं।

विश्वास न्यूज ने इस वायरल दावे को शेयर करने वाले फेसबुक यूजर Sharad Gupta की प्रोफाइल को स्कैन किया। यूजर ज्ञानपुर, यूपी के रहने वाले हैं।

निष्कर्ष: दिल्ली सरकार की तरफ से कोरोना वॉरियर्स को वित्तीय मदद देने में धार्मिक भेदभाव का दावा करने वाली वायरल पोस्ट झूठी है। विश्वास न्यूज की पड़ताल में सामने आया है कि पिछले साल कोरोना के मामलों की शुरुआत के बाद से ही केजरीवाल सरकार द्वारा अलग-अलग धर्मों से जुड़े कोरोना वॉरियर्स के परिजनों को राहत राशि का चेक सौंपा गया है।

False
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