Fact Check: कर्नाटक में भाजपा विधायक के पास ईवीएम पकड़े जाने का दावा गलत

कर्नाटक में पिछले साल हुए चुनाव के दौरान ग्रामीणों ने चुनाव अधिकारी की कार से रिजर्व ईवीएम को निकालकर तोड़ दिया था। उस घटना के वीडियो को अब फिर से भाजपा विधायक से जोड़कर गलत दावे के साथ शेयर किया जा रहा है।

नई दिल्ली (विश्वास न्यूज)। लोकसभा चुनाव से पहले ईवीएम को लेकर सोशल मीडिया पर फिर से कुछ पोस्ट शेयर की जाने लगी हैं। विश्वास न्यूज इनमें से कुछ फर्जी पोस्ट की जांच कर चुका है। अब कुछ सोशल मीडिया यूजर्स एक वीडियो शेयर कर दावा कर रहे हैं कि कर्नाटक में लोगों ने भाजपा विधायक को ईवीएम के साथ पकड़ा है। वीडियो में लोगों को गाड़ी से ईवीएम निकालकर तोड़ते देखा जा सकता है।

विश्वास न्यूज ने अपनी जांच में पाया कि कर्नाटक में भाजपा विधायक के पास से ईवीएम पकड़े जाने का दावा गलत है। दरअसल, वायरल वीडियो पिछले साल मई के दौरान कर्नाटक में हुए चुनाव के दौरान का है। ग्रामीणों ने सेक्टर अधिकारी की गाड़ी में रखी रिजर्व ईवीएम को तोड़ दिया था। इस मामले में 24 लोगों की गिरफ्तारी हुई थी।

क्या है वायरल पोस्ट

फेसबुक यूजर Santosh Nishad (आर्काइव लिंक) ने 5 फरवरी को वीडियो पोस्ट करते हुए लिखा,

“कर्नाटक स्थानीय लोगों ने एक भाजपा विधायक को ईवीएम के साथ पकड़ा..आश्चर्य है कि ये कैसे ईवीएम प्राप्त कर रहे हैं और उसके साथ कैसे घूम रहे हैं? यदि वे ईवीएम मशीनें पकड़ रहे हैं तो मतदान कराने और लोगों को मूर्ख बनाने का क्या कारण है!”

एक्स यूजर Gurjar (आर्काइव लिंक) ने भी वीडियो पोस्ट करते हुए इसी तरह का दावा किया।

https://twitter.com/PratiharSurendr/status/1752003724028022999

पड़ताल

वायरल पोस्ट की जांच के लिए इनविड टूल की मदद से कीफ्रेम निकालकर उसे गूगल लेंस की मदद से सर्च किया। सेथीपुनल नाम की वेबसाइट पर 10 मई 2023 को इससे संबंधित खबर छपी है। इसमें वायरल वीडियो के कीफ्रेम का भी इस्तेमाल किया गया है। खबर में लिखा है कि मामला कर्नाटक के विजयपुरा जिले के माजबीनाला गांव के एक मतदान केंद्र का है। वहां ग्रामीणों ने चुनाव अधिकारियों द्वारा वोटिंग मशीनें ले जाने का विरोध किया। लोगों ने चुनाव अधिकारियों के वाहनों पर हमला कर दिया और अतिरिक्त मशीनों को तोड़ दिया। बाद में पता चला कि ग्रामीण यह सोचकर नाराज हो गए थे कि मतदान का समय खत्म होने से पहले ही वोटिंग मशीनें ले ली गई हैं। इस मामले में पुलिस ने 23 लोगों को गिरफ्तार कर जेल में डाल दिया। खबर में कहीं भी भाजपा नेता या विधायक का कोई जिक्र नहीं है।

News18 Assam/Northeast के यूट्यूब चैनल पर भी इस वीडियो को कर्नाटक चुनाव के दौरान मई 2023 का बताया गया है। इसके डिस्क्रिप्शन में लिखा है कि विजयपुरा जिले के मसाबिनल गांव में ग्रामीणों ने रिजर्व ईवीएम और वीवीपैट नष्ट कर दीं। ग्रामीणों ने चुनाव आयोग की गाड़ी को भी क्षतिग्रस्त कर दिया। यह घटना तब हुई, जब चुनाव आयोग के अधिकारी जिले के भीतर रिजर्व ईवीएम को ले जा रहे थे।

10 मई को एक्स हैंडल पर वायरल दावे के साथ वीडियो को पोस्ट किया गया था। इसके जवाब में विजयपुरा जिले के डिप्टी कमिश्नर के अकाउंट से पोस्ट कर इस दावे को फेक बताया गया था। पोस्ट में कहा गया था कि सेक्टर अधिकारी रिजर्व ईवीएम लेकर जा रहे थे। उनकी गाड़ी को रोककर ग्रामीणों ने ईवीएम को नुकसान पहुंचाया था। केस दर्ज कर 24 लोगों को गिरफ्तार किया गया था।  

कर्नाटक चुनाव आयोग की तरफ से 10 मई 2023 को एक प्रेस रिलीज कर कहा गया था कि 28-बसावन बागेवाडा विधानसभा क्षेत्र के रेवेन्यू सेक्टर अधिकारी मलप्पा हनमंतप्पा अपने स्टाफ के सदस्यों के साथ 10 मई को रिजर्व ईवीएम और वीवीपैट लेकर बसावन बागेवडी स्ट्रॉन्ग रूम से मसाबिनल की तरफ कार से जा रहे थे। इस दौरान 100-150 लोगों ने मसाबिनल में उनकी कार को रोक लिया और उनको कार से बाहर निकाल लिया। लोगों ने ईवीएम को भी नुकसान पहुंचाया। इसमें यह भी लिखा है कि 10 मई को राज्य की 224 विधानसभा सीटों पर शांतिपूर्वक मतदान हुआ।  

इससे पहले भी यह वीडियो गलत दावे के साथ वायरल हो चुका है, तब विश्वास न्यूज ने विजयपुरा के तत्कालीन एसपी एचडी आनंद कुमार से बात की थी। उन्होंने कहा था कि लोगों ने गलतफहमी की वजह से चुनाव अधिकारी की कार में रखी अतिरिक्त ईवीएम को तोड़ दिया था। इस मामले में 24 लोगों को गिरफ्तार किया गया है।

वीडियो को गलत दावे के साथ शेयर करने वाले फेसबुक यूजर की प्रोफाइल को हमने स्कैन किया। गोरखपुर के रहने वाले यूजर के 5 हजार से ज्यादा फॉलोअर्स हैं।

निष्कर्ष: कर्नाटक में पिछले साल हुए चुनाव के दौरान ग्रामीणों ने चुनाव अधिकारी की कार से रिजर्व ईवीएम को निकालकर तोड़ दिया था। उस घटना के वीडियो को अब फिर से भाजपा विधायक से जोड़कर गलत दावे के साथ शेयर किया जा रहा है।

False
Symbols that define nature of fake news
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