Fact Check: बिहार में कन्हैया कुमार की पिटाई का दावा गलत

विश्वास न्यूज़ की पड़ताल में CAA विरोध को लेकर बिहार में JNUSU के पूर्व प्रेसिडेंट कन्हैया कुमार की पिटाई का दावा फ़र्ज़ी साबित होता है। वायरल की जा रही तस्वीर 2016 की पटियाला हाउस कोर्ट की है और इस तस्वीर का CAA से कोई लेना देना नहीं है।

Fact Check: बिहार में कन्हैया कुमार की पिटाई का दावा गलत

विश्वास न्यूज़ (नई दिल्ली)। सोशल मीडिया पर कन्हैया कुमार की एक तस्वीर वायरल हो रही है। तस्वीर को CAA के विरोध से जोड़ कर यूजर बिहार की बता कर शेयर कर रहे हैं। विश्वास न्यूज़ की पड़ताल में CAA विरोध को लेकर बिहार में JNUSU के पूर्व प्रेसिडेंट कन्हैया कुमार की पिटाई का दावा फ़र्ज़ी साबित होता है। वायरल की जा रही तस्वीर 2016 की पटियाला हाउस कोर्ट की है और इस तस्वीर का CAA से कोई लेना देना नहीं है।

क्या है वायरल पोस्ट में?

फेसबुक यूजर करण गुप्ता ने ‘एक करोड़ हिंदूओ का ग्रुप ( एड होते ही 150 हिंदू ओ को एड करे )जय श्री राम’ के पेज से 4 फरवरी 2020 को कन्हैया कुमार की एक तस्वीर शेयर की, जिसमें उन्हें बहुत से पुलिसवालों के इर्द-गिर्द देखा जा सकता है। पोस्ट को शेयर करते हुए यूजर ने कैप्शन में लिखा, ”बिहार में कन्हैया कुमार को लोगो ने दबोच लिया,साथ ही साथ कन्हैया कुमार को बहुत पीटा और काफिले को भी घेर लिया गया,लोगो ने कन्हैय कुमार की गाडी के सीसे भी तोड़ दिए, कन्हैया कुमार CAA को लेकर अपना एजेंडा चलाने तथा नरेंद्र मोदी सरकार के विरोध में बिहार में कार्यक्रम करने पहुंचा था” .

पड़ताल

सबसे पहले वायरल तस्वीर का रिवर्स इमेज सर्च किया और हमारे हाथ indianexpress.com की एक खबर का लिंक लगा। 18 फरवरी 2016 को छपी खबर की सुर्खी थी, ”JNUSU president Kanhaiya Kumar sent to 14-day judicial custody”. खबर के मुताबिक़, ”देशद्रोह के आरोप में गिरफ्तार जेएनयूएसयू के अध्यक्ष कन्हैया कुमार को बुधवार को वकीलों द्वारा कथित तौर पर पीटा गया, जबकि उन्हें पटियाला हाउस कोर्ट में पेश किया जा रहा था।”

सोर्स: इंडियन एक्सप्रेस

IndiaTV के वेरिफाइड यूट्यूब चैनल पर भी हमें कन्हैया के इसी मामले से जुड़ा एक वीडियो भी मिला, 17 फरवरी 2016 को अपलोड किये गए वीडियो में बताया गया कि पटियाला हाउस में वकीलों ने कन्हैया कुमार की पिटाई की।”

यह तस्वीर पुरानी है। इस बात की पुष्टि के लिए हमने दैनिक जागरण के दिल्ली/ एनसीआर इनपुट हेड सौरव श्रीवास्तव से बात की और उन्होंने बताया, ”ये तस्वीर 2016 की है, जब कन्हैया कुमार को पटियाला हाउस कोर्ट दिल्ली में पेश किया गया था।”

अब यह तो साफ़ हो चुका था कि वायरल की जा रही तस्वीर 2016 की है, लेकिन हमने यह पता करने की कोशिश कि की क्या हाल में कन्हैया कुमार की बिहार में CAA को ले कर पिटाई हुई है। हमने कीवर्ड डाल कर न्यूज़ सर्च किया और हमारे हाथ दैनिक जागरण की न्यूज़ वेबसाइट jagran.com की एक खबर का लिंक लगा। 01 फरवरी 2020 को छपी खबर में बताया गया, ”सीपीआइ नेता कन्हैया कुमार के काफिले पर शनिवार की सुबह असामाजिक तत्वों ने हमला बोल दिया। घटना कन्हैया के सिवान से छपरा आने के क्रम में कोपा इलाके में हुई। इस अचानक किए गए हमले में कन्हैया के काफिले में शामिल कुछ लोगों के घायल होने के साथ ही कई गाड़ियों के क्षतिग्रस्त होने की सूचना है। जानकारी के मुताबिक, इस वारदात में कन्हैया को चोट नहीं आई है, क्योंकि वो दूसरी गाड़ी में सवार थे।”

अब हमने बिहार सिवान के ब्यूरो हेड कीर्ति पाण्डे से बात की और मामले को तफ्सील से जाना। उन्होंने हमें बताया कि ”पिछले दिनों सिवान से छपरा जा रहे कन्हैया कुमार के काफिले पर कुछ असामाजिक तत्वों ने पत्थरबाजी की थी। यह पथराव कन्हैया कुमार की गाडी पर नहीं हुआ, बल्कि पीछे चल रही कुछ गाड़ियों पर पत्थर पड़े थे। कन्हैया कुमार की बिहार में पिटाई का दावा बिल्कुल गलत है।”

अब बारी थी इस पोस्ट को वायरल करने वाले फेसबुक यूजर Karan Gupta की सोशल स्कैनिंग करने की। हमने पाया की यह यूजर 2009 से फेसबुक पर मौजूद है।

निष्कर्ष: विश्वास न्यूज़ की पड़ताल में CAA विरोध को लेकर बिहार में JNUSU के पूर्व प्रेसिडेंट कन्हैया कुमार की पिटाई का दावा फ़र्ज़ी साबित होता है। वायरल की जा रही तस्वीर 2016 की पटियाला हाउस कोर्ट की है और इस तस्वीर का CAA से कोई लेना देना नहीं है।

False
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