Fact Check : कन्हैया कुमार की 2016 की तस्वीर भ्रामक दावे के साथ वायरल

विश्वास न्यूज ने वायरल पोस्ट की जांच की। पड़ताल में हमने इसे भ्रामक पाया। दरअसल वायरल तस्वीर वर्ष 2016 की है।

नई दिल्ली (Vishvas News)। देश में लोकसभा चुनाव के बीच सोशल मीडिया पर कांग्रेस नेता कन्हैया कुमार की एक तस्वीर वायरल हो रही है, जिसमें उन्हें लेटे हुए देखा जा सकता है। कन्हैया कुमार उत्तर-पूर्वी दिल्ली लोकसभा सीट से कांग्रेस प्रत्याशी हैं। वायरल तस्वीर को उनके ऊपर हुए हालिया हमले से जोड़कर वायरल किया जा रहा है।

विश्वास न्यूज ने वायरल पोस्ट की जांच की। पड़ताल में हमने इसे भ्रामक पाया। दरअसल वायरल तस्वीर वर्ष 2016 की है, उस वक्त कन्हैया कुमार जेएनयू में थे। एक भूख हड़ताल के वक्त उनकी तबीयत खराब हो गई थी। यह तस्वीर उसी वक्त की है। इसी पुरानी तस्वीर को मौजूदा आम चुनाव के बीच चुनावी दुष्प्रचार की मंशा से शेयर किया जा रहा है।

क्या हो रहा है वायरल

फेसबुक पेज मोदी का परिवार ने 20 मई को कन्हैया कुमार की तस्वीर को उन पर हुए हालिया हमले से जोड़कर पोस्ट किया। साथ में लिखा कि एक थप्पड़ से ये हाल। अभी तो जूते खाने है।

इसे सच मानकर सोशल मीडिया के अलग-अलग प्लेटफार्म पर वायरल किया जा रहा है। पोस्ट के कंटेंट को यहां ज्यों का त्यों ही लिखा गया है। इसका आर्काइव वर्जन यहां देखें।

https://twitter.com/janardanspeaks/status/1791734804175855732

पड़ताल

विश्वास न्यूज ने कन्हैया कुमार की वायरल तस्वीर की सच्चाई पता लगाने के लिए सबसे पहले इसे गूगल लेंस से सर्च किया। हमें यह तस्वीर एनडीटीवी की वेबसाइट पर मिली। 7 मई 2016 को पब्लिश खबर में बताया गया कि जेएनयू स्टूडेंट यूनियन के प्रेसिडेंट कन्हैया कुमार को भूख हड़ताल के बाद बीमार पड़ने पर जेएनयू हेल्थ सेंटर ले जाया गया।

21 मई 2024 को टीवी 9 भारतवर्ष ने अपनी वेबसाइट पर पब्लिश एक खबर में बताया कि कन्हैया कुमार पर 17 मई को हमला हुआ था। इस मामले में पुलिस ने एक आरोपी अजय कुमार को अरेस्ट किया था, जिसे कड़कड़डूमा कोर्ट से जमानत मिल गई।

विश्वास न्यूज ने जांच को आगे बढ़ाते हुए कांग्रेस की सोशल मीडिया टीम के गिरीश कुमार से संपर्क किया। उनके साथ वायरल तस्‍वीर को शेयर किया। उन्होंने जानकारी देते हुए बताया कि वायरल दावा गलत है। कन्हैया कुमार की यह तस्वीर काफी पुरानी है।

पड़ताल के अंत में पुरानी तस्वीर को अभी का बताकर भ्रम फैलाने वाले यूजर की जांच की गई। इसके बारे में कुछ खास जानकारी नहीं मिल पाई।

विश्वास न्यूज लोकसभा चुनाव से संबंधित कई फर्जी और भ्रामक दावों की पड़ताल कर चुका है। इनकी फैक्ट चेक रिपोर्ट को यहां क्लिक करके पढ़ा जा सकता है।

निष्कर्ष : विश्वास न्यूज ने वायरल पोस्ट की जांच की। पड़ताल में पता चला कि 2016 में भूख हड़ताल के कारण बीमार हुए कन्हैया की तस्वीर को अब गलत दावे के साथ वायरल किया जा रहा है।

Misleading
Symbols that define nature of fake news
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