नई दिल्ली (विश्वास टीम)। सोशल मीडिया पर एक पोस्ट वायरल हो रहा है, जिसमें दावा किया जा रहा है कि झारखंड के मुख्यमंत्री रघुबर दास कथित रूप से नशे की हालत में एक न्यूज चैनल की महिला पत्रकार को इंटरव्यू दे रहे थे। विश्वास न्यूज की पड़ताल में वायरल हो रहा दावा गलत साबित होता है।
सोशल मीडिया पर वायरल पोस्ट में दावा किया गया है, ‘गांजे के नशे में धुत झारखंड के मुख्यमंत्री रघुवर दास…. महिला पत्रकार को भी नाक सिकुड़ना पडा।’
फेसबुक पर इस पोस्ट को 27 मई 2019 को शेयर किया गया। पड़ताल किए जाने तक इस पोस्ट को 100 से अधिक बार शेयर किया जा चुका है।
पड़ताल में हमें पता चला कि यही तस्वीर इसी दावे के साथ सोशल मीडिया के अन्य माध्यमों मसलन ट्विटर पर भी वायरल हुआ है।
सोशल मीडिया सर्च में हमें पता चला कि इस तस्वीर को फेसबुक पर झारखंड के कांग्रेसी नेता ने समान दावे के साथ पोस्ट किया है। अभिजीत राज (Abhijit Raj) के फेसबुक प्रोफाइल से इस तस्वीर को समान दावे के साथ 27 मई 2019 को दोपहर बाद दो बजकर 10 मिनट पर पोस्ट किया गया। अभिजीत राज की प्रोफाइल से इस पोस्ट को अब तक करीब 900 लोगों ने शेयर किया है।
प्रोफाइल स्कैन में हमें पता चला कि अभिजीत राज झारखंड कांग्रेस से जुड़े हुए हैं, और उन्होंने अपने प्रोफाइल भी इसकी जानकारी भी दी है। फेसबुक पर दी गई जानकारी के मुताबिक, धनबाद के रहने वाले अभिजीत झारखंड, यूथ कांग्रेस में वाइस प्रेसिडेंट हैं।
तस्वीर में झारखंड के मुख्यमंत्री के साथ हिंदी न्यूज चैनल एबीपी की महिला पत्रकार नजर आ रही हैं। कथित दावे की सच्चाई जानने के लिए विश्वास न्यूज ने झारखंड में काम कर रही एबीपी की महिला पत्रकार और रिपोर्टर निधि श्री से बात की।
निधि ने वायरल हो रहे दावे का खंडन करते हुए कहा कि वहां ऐसा कुछ भी नहीं हुआ, जिसका दावा सोशल मीडिया पर किया जा रहा है।
उन्होंने कहा, ‘सामान्य बातचीत के दौरान जैसे किसी इंसान का हाथ उसके नाक या माथे पर चला जाता है, ऐसा ही उस वक्त हुआ। जिस फ्रेम को वायरल किया जा रहा है, वह एक हिस्सा है, जब मैंने थोड़ी देर के लिए अपने हाथ को नाक पर रखा।’ निधि ने अपने ट्विटर हैंडल पर भी वायरल दावे का खंडन किया है।
निधि के मुताबिक वायरल हो रही तसवीर 23 मई को हुए मतगणना के दिन की है, जो न्यूज चैनल पर भी प्रसारित हुआ था।
निष्कर्ष: विश्वास न्यूज की पड़ताल में नशे की हालत में झारखंड के मुख्यमंत्री रघुबर दास के इंटरव्यू देने का दावा गलत साबित होता है।