Fact Check: जवाहर लाल नेहरू की तस्वीर स्वामी विद्यानंद विदेह से जोड़कर फर्जी दावे से फिर से वायरल

जनवरी 1962 में पटना में हुए कांग्रेस अधिवेशन के दौरान पंडित जवाहर लाल नेहरू को उपद्रवी भीड़ में जाने से रोकने के लिए सुरक्षाकर्मी ने पकड़ लिया था। उस तस्वीर को गलत दावे के साथ वायरल किया जा रहा है।

नई दिल्‍ली (विश्‍वास न्‍यूज)। भारत के प्रथम प्रधानमंत्री पंडित जवाहर लाल नेहरू को लेकर एक पोस्ट सोशल मीडिया पर वायरल हो रही है। इसमें जवाहर लाल नेहरू की एक तस्वीर शेयर कर कुछ यूजर्स दावा कर रहे हैं कि स्वामी विद्यानंद विदेह ने एक समारोह में पूर्व प्रधानमंत्री को थप्पड़ मार दिया था।

विश्‍वास न्‍यूज ने अपनी जांच में पाया कि पूर्व प्रधानमंत्री की तस्वीर को गलत दावे के साथ शेयर किया जा रहा है। दरअसल, वायरल तस्वीर भारत-चीन युद्ध से पहले की है। पटना अधिवेशन में कांग्रेस अधिवेशन के दौरान पंडित नेहरू जब हंगामा कर रही भीड़ को रोकने के लिए आगे बढ़े तो सुरक्षाकर्मी ने उनको पकड़ लिया था। उस घटना की तस्वीर पहले भी कई बार फर्जी दावे के साथ वायरल हो चुकी है।  

क्या है वायरल पोस्ट

विश्‍वास न्‍यूज के टिपलाइन नंबर +91 9599299372 पर यूजर ने इस तस्वीर को भेजकर इसकी सच्चाई बताने का अनुरोध किया।

फेसबुक यूजर अमरकांत त्रिपाठी ने तस्वीर को शेयर (आर्काइव लिंक) करते हुए लिखा,

“जब नेहरू के मुँह पर  झन्नाटेदार झापड़ मारा गया था स्वामी विद्यानंद विदेह के द्वारा। कारण.. नेहरू ने एक समारोह के अपने भाषण में कहा कि “हिन्दू आर्य समाज” के लोग हिंदुस्तान में शरणार्थी हैं।इतना सुनते ही स्वामी विद्यानंद विदेह जी जो उस समारोह के मुख्य अतिथि थे, उठे और मंच पर ही नेहरू को एक झन्नाटेदार झापड़ रसीद कर दिया और माइक छीनते हुए कहा कि …”आर्य समाज” के लोग शरणार्थी नहीं, ये हमारे पूर्वज हैं और इस देश के मूलनिवासी हैं ।तुम्हारे ही पूर्वज “अरेबिक” हैं, और तुम्हारे शरीर में “अरब” का खून बह रहा है। तुम इस महान देश के मूल निवासी नहीं..  तुम हो शरणार्थी…।”_साथ ही कहा कि “काश सरदार पटेल इस देश के प्रधानमंत्री होते तो यह सब  देखना न पड़ता।” (मंच पर अफरातफरी मच गई उसी समय की दुर्लभ फोटो, जो फोटोग्राफर ने बहुत मुश्किल से फिल्म की रील अपनी पेंट में छिपा कर रख ली थी) आज विदेह जैसे मर्द की कमी खल रही है वरना ये पप्पू गर्दभ बुद्धि…… भी झप्पडीयाने ‌लतियाने का ही विषय वस्तु है【विदेह गाथा :- पृष्ठ 637 से”

क्या है वायरल पोस्ट

वायरल तस्वीर को गूगल लेंस से सर्च करने पर पता चला कि यह तस्वीर पहले भी वायरल हो चुकी है। 30 जून 2020 को फेसबुक यूजर Bihari Lal Chahar ने भी इस तस्वीर को इसी तरह के दावे के साथ शेयर किया था।

सर्च में हमें एपी न्यूजरूम की वेबसाइट पर भी वायरल तस्वीर मिली। इसे 6 जनवरी 1997 को अपलोड किया गया है। इसके कैप्शन में लिखा है, जनवरी 1962 में पटना में कांग्रेस की एक बैठक में सुरक्षाकर्मी ने प्रधानमंत्री नेहरू को उपद्रवी भीड़ में जाने से बचाने के लिए पकड़ लिया। उसी वर्ष बाद में भारत पर चीन के हमले ने नेहरू को नई परेशानियों में डाल दिया था। इसमें फोटो की तारीख 1 जनवरी 1962 दी गई है।  

गूगल न्यूज आर्काइव में जनवरी 1962 का पेपर सर्च करने पर 8 जनवरी 1962 को द फ्लोरेंस टाइम्स में छपी यह तस्वीर मिली। इसके कैप्शन में भी इसे पटना में हुए कांग्रेस अधिवेशन का बताया गया।

इसके बाद हमने स्वामी विद्यानंद विदेह के बारे में जानकारी के लिए सर्च किया। वेद संस्थान की वेबसाइट के अनुसार, स्वामी विद्यानंद विदेह संस्थान के संस्थापक  हैं। वेबसाइट पर हमें ऐसी कोई जानकारी नहीं मिली, जिससे वायरल दावे की पुष्टि हो सके।  

इससे पहले जब यह पोस्ट वायरल हुई थी, तब विश्वास न्यूज ने यूपी कांग्रेस के सोशल मीडिया विभाग के स्टेट को-ऑर्डिनेटर रनीश जैन से बात की थी। उन्होंने इस तस्वीर को पटना में हुए कांग्रेस अधिवेशन का बताया था।

तस्वीर को गलत दावे के साथ शेयर करने वाले फेसबुक यूजर की प्रोफाइल को हमने स्कैन किया। एक विचारधारा से प्रभावित यूजर मुंबई में रहते हैं।

निष्कर्ष: जनवरी 1962 में पटना में हुए कांग्रेस अधिवेशन के दौरान पंडित जवाहर लाल नेहरू को उपद्रवी भीड़ में जाने से रोकने के लिए सुरक्षाकर्मी ने पकड़ लिया था। उस तस्वीर को गलत दावे के साथ वायरल किया जा रहा है।

False
Symbols that define nature of fake news
पूरा सच जानें...

सब को बताएं, सच जानना आपका अधिकार है। अगर आपको ऐसी किसी भी खबर पर संदेह है जिसका असर आप, समाज और देश पर हो सकता है तो हमें बताएं। हमें यहां जानकारी भेज सकते हैं। हमें contact@vishvasnews.com पर ईमेल कर सकते हैं। इसके साथ ही वॅाट्सऐप (नंबर – 9205270923) के माध्‍यम से भी सूचना दे सकते हैं।

Related Posts
नवीनतम पोस्ट