विश्वास न्यूज की पड़ताल में संयुक्त राष्ट्र और भारत को लेकर किया जा रहा वायरल दावा झूठा पाया गया है। भारत 1950 से ही UNSC का नॉन-परमानेंट सदस्य बनता रहा है और अबतक कुल 8 बार वह नॉन परमानेंट सदस्य रह चुका है। संयुक्त राष्ट्र के नियमों के मुताबिक सुरक्षा परिषद की अध्यक्षता का मौका वर्णमाला के क्रम में एक-एक महीने के लिए नॉन-परमानेंट सदस्यों को भी मिलती है। भारत अपने पहले के कार्य़काल में भी UNSC की अध्यक्षता कर चुका है।
नई दिल्ली (विश्वास टीम)। सोशल मीडिया पर भारत और संयुक्त राष्ट्र संघ (UN) से जुड़ा एक दावा वायरल हो रहा है। सोशल मीडिया यूजर्स एक ग्राफिक्स शेयर कर दावा कर रहे हैं कि भारत पहली बार संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद (UNSC) की अध्यक्षता करेगा। विश्वास न्यूज की पड़ताल में यह दावा झूठा पाया गया है। भारत 1950 से ही UNSC का नॉन-परमानेंट सदस्य बनता रहा है और अबतक कुल 8 बार वह नॉन परमानेंट सदस्य रह चुका है। संयुक्त राष्ट्र के नियमों के मुताबिक सुरक्षा परिषद की अध्यक्षता का मौका वर्णमाला के क्रम में एक-एक महीने के लिए नॉन-परमानेंट सदस्यों को भी मिलती है। भारत अपने पहले के कार्य़काल में भी UNSC की अध्यक्षता कर चुका है। हालांकि विदेश मंत्रालय के मुताबिक पीएम मोदी भारत के ऐसे पहले पीएम होंगे जो UNSC में किसी ओपन डिबेट की अध्यक्षता करेंगे।
फेसबुक यूजर Banwari Lal ने 4 अगस्त 2021 को वायरल ग्राफिक्स शेयर किया है। इसपर लिखा है, ‘आज से दुनियाँ की कमान भारत के हाथों में, भारत बना UNO (UNSC) का अध्यक्ष तुर्की, पाक समेत कई देश बौखलाए, United Nations की अध्यक्षता भारत पहली बार करेगा।’ इस पोस्ट के आर्काइव्ड वर्जन को यहां क्लिक कर देखा जा सकता है।
विश्वास न्यूज ने वायरल दावे की पड़ताल के क्रम में सबसे पहले यह जानना चाहा कि आखिर UNSC को लेकर भारत चर्चा में क्यों है। हमने जरूरी कीवर्ड्स के माध्यम से इस बारे में इंटरनेट पर ओपन सर्च किया। हमें Mint की वेबसाइट पर 1 अगस्त 2021 को प्रकाशित एक रिपोर्ट मिली। इस रिपोर्ट में बताया गया है कि भारत अगस्त में UNSC की अध्यक्षता करेगा। इसी रिपोर्ट में आगे बताया गया है कि भार जनवरी 2021 में 10 नॉन परमानेंट सदस्यों में से एक के रूप में दो साल के लिए UNSC में शामिल हुआ है। रिपोर्ट के मुताबिक संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद के सभी 15 सदस्यों (5 स्थाई और 10 अस्थाई) को रोटेशन के आधार पर अध्य़क्षता मिलती है। इस रिपोर्ट को यहां क्लिक कर देखा जा सकता है।
इस जानकारी के बाद हमने संयुक्त राष्ट्र की आधिकारिक वेबसाइट का रुख किया। वहां हमें साल 2021 और 2022 के लिए सुरक्षा परिषद की अध्यक्षता का शेड्यूल मिला। यहां दी गई जानकारी के मुताबिक यह शेड्यूल वर्णमाला के क्रम के हिसाब से देशों के नाम के आधार से तय किया जाता है। यहां बताया गया है कि भारत अगस्त 2021 के अलावा दिसंबर 2022 में भी अध्यक्षता करेगा। इस जानकारी को यहां क्लिक कर देखा जा सकता है।
इसी वेबसाइट पर हमें संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद के सदस्यों की जानकारी भी मिली। वेबसाइट के मुताबिक UNSC के पांच स्थाई सदस्य देश हैं। इनमें चीन, फ्रांस, रशियन फेडरेशन, यूनाइडेट किंगडम और अमेरिका शामिल हैं। यहां बताया गया है कि इसके अलावा 10 अस्थाई सदस्य देश भी होते हैं। अभी इस लिस्ट में इस्टोनिया, भारत, आयरलैंड, केन्या, मेक्सिको, नाइजर, नॉर्वे, सेंट विंसेंट एंड द ग्रेंडाइंस, ट्यूनिशिया और वियतनाम शामिल हैं। इस जानकारी को यहां क्लिक कर देखा जा सकता है।
अब हमने यह जानना चाहा कि क्या भारत पहली बार संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद का सदस्य बना है। हमें यह जानकारी भी संयुक्त राष्ट्र की वेबसाइट पर ही मिल गई। सर्च मेंबरशिप बाई कंट्री के टैब में हमें जानकारी मिली कि भारत इससे पहले 1950 से 1951, 1967 से 1968, 1972 से 1973, 1977 से 1978, 1984 से 1985, 1991 से 1992 और 2011 से 2012 में भी अस्थाई सदस्य देश रह चुका है। इस जानकारी को यहां क्लिक कर देखा जा सकता है।
इंटरनेट पर सर्च के दौरान हमें संयुक्त राष्ट्र में भारत के स्थाई मिशन की आधिकारिक वेबसाइट पर साल 2021-22 के लिए भारत की अस्थाई सदस्यता की घोषणा की प्रेस रिलीज भी मिली। इसमें भी बताया गया है कि यह आठवीं बार है जब भारत को संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद में जगह मिली है। इस प्रेस रिलीज को यहां क्लिक कर देखा जा सकता है।
हमने इंटरनेट पर पड़ताल के दौरान उन वर्षों को कीवर्ड्स के रूप में इस्तेमाल कर देखा जिन सालों में भारत UNSC का अस्थाई सदस्य रहा है। उदाहरण के लिए जैसे यूएन की वेबसाइट से हमें पता चला कि साल 2021-22 से पहले भारत 2011 से 2012 में भी अस्थाई सदस्य देश रह चुका है। हमने इंटरनेट पर कीवर्ड्स में UNSC की अध्यक्षता संग साल का जिक्र कर सर्च किया। हमें 3 जनवरी 2011 को प्रकाशित द हिंदू की पुरानी रिपोर्ट मिली। इस रिपोर्ट में बताया गया है कि भारत उस समय भी दो सालों की अस्थाई सदस्यता के दौरान UNSC की अध्यक्षता करेगा। इस रिपोर्ट को यहां क्लिक कर देखा जा सकता है।
हमें मनोहर पर्रिकर रक्षा अध्ययन एवं विश्लेषण संस्थान की वेबसाइट पर 19 सितंबर 2011 को प्रकाशित एक लेख मिला। इस लेख में बताया गया है कि भारत ने अगस्त 2011 में UNSC की अध्यक्षता की थी और इससे पहले दिसंबर 1992 में की थी। इस लेख को यहां क्लिक कर देखा जा सकता है।
विश्वास न्यूज की अबतक की पड़ताल से ये साबित हो चुका था कि भारत पहले भी UNSC की अध्यक्षता कर चुका है। विश्वास न्यूज ने इस वायरल दावे को राणा प्रताप पीजी कॉलेज, सुल्तानपुर के असिस्टेंट प्रोफेसर और अंतरराष्ट्रीय मामलों के जानकार आलोक पांडे के साथ शेयर किया। उन्होंने वायरल दावे को गलत बताते हुए कहा कि भारत पहले भी UNSC की अध्यक्षता कर चुका है। उन्होंने बताया कि संयुक्त राष्ट्र की सुरक्षा परिषद में 5 स्थाई और 10 अस्थाई सदस्यों को मिलाकर 15 सदस्य होते हैं और रोटेशन के आधार पर सभी सदस्य एक-एक महीने इसकी अध्यक्षता करते हैं। उन्होंने बताया कि भारत इस बार को जोड़कर कुल 8वीं बार UNSC का अस्थाई सदस्य बना है और उसने पहले भी इसकी अध्यक्षता की है।
विश्वास न्यूज ने इस वायरल दावे को शेयर करने वाले फेसबुक यूजर Banwari Lal की प्रोफाइल को स्कैन किया। यूजर भरतपुर के रहने वाले हैं।
निष्कर्ष: विश्वास न्यूज की पड़ताल में संयुक्त राष्ट्र और भारत को लेकर किया जा रहा वायरल दावा झूठा पाया गया है। भारत 1950 से ही UNSC का नॉन-परमानेंट सदस्य बनता रहा है और अबतक कुल 8 बार वह नॉन परमानेंट सदस्य रह चुका है। संयुक्त राष्ट्र के नियमों के मुताबिक सुरक्षा परिषद की अध्यक्षता का मौका वर्णमाला के क्रम में एक-एक महीने के लिए नॉन-परमानेंट सदस्यों को भी मिलती है। भारत अपने पहले के कार्य़काल में भी UNSC की अध्यक्षता कर चुका है।
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