Fact Check : नेपाली सैनिकों के साथ भारत ने नहीं की क्रूरता, पोस्‍ट झूठी है

विश्‍वास न्‍यूज की जांच में पता चला कि वायरल पोस्‍ट फर्जी है। भारतीय सेना को बदनाम करने के लिए फर्जी दावे के साथ वीडियो को वायरल किया जा रहा है।

नई दिल्‍ली (विश्‍वास न्‍यूज)। भारत-नेपाल विवाद के बीच सोशल मीडिया पर कई प्रकार के झूठ वायरल हो रहे हैं। तस्‍वीरों और वीडियो के माध्‍यम से फर्जी खबरें फैलाई जा रही हैं। इसी क्रम में अब एक वीडियो को वायरल करते हुए कहा जा रहा है कि भारतीय सेना ने नेपाली गोरखा सैनिकों के साथ बहुत बुरा सलूक किया। वीडियो में कुछ सैनिकों के ऊपर धुआं छोड़ते हुए देखा जा सकता है।

विश्‍वास न्‍यूज ने वायरल पोस्‍ट की पड़ताल की। यह फर्जी निकली। खुद भारतीय सेना ने इसे फेक बताया।

क्‍या हो रहा है वायरल

फेसबुक पेज कश्‍मीर ने 30 जून को एक वीडियो को अपलोड करते हुए दावा किया जा भारतीय सेना ने नेपाल के गोरखा सैनिकों के साथ बहुत बुरा बर्ताव किया। क्‍लेम को आप यहां पढ़ सकते हैं : ‘This is now Nepali Gorkha soldiers are treated by the Indian Army. They are known as the bravest warriors but they are treated as lower caste soldiers. This is a chemical attack drill without any protective equipment. It can cause permanent damage.’

वायरल पोस्‍ट के फेसबुक और आकाईव वर्जन को देखें।

पड़ताल

विश्‍वास न्‍यूज ने सबसे पहले वायरल वीडियो को ध्‍यान से देखा। 46 सेकंड के इस वीडियो में कुछ लोगों का एक झुंड बैठा हुआ है। इनके ऊपर एक शख्‍स को धुआं फैलाते हुए देखा जा सकता है। वीडियो में यह भी बोलते हुए सुना जा सकता है कि नाक बंद करो…। वीडियो देखकर ही साफ लगा रहा है कि यह किसी प्रकार की ट्रेनिंग का वीडियो है।

इसके बाद हमने Youtube पर अलग-अलग कीवर्ड का इस्‍तेमाल करते हुए संबंधित वीडियो को सर्च करना शुरू किया। हमें NSG Commando ट्रेनिंग का एक वीडियो मिला। जिसमें वायरल वीडियो की तरह कुछ लोग एकजुट होकर बैठे हुए दिखें। जिसके बाद इनके ऊपर धुआं छोड़ा गया।

https://www.youtube.com/watch?v=vg9vFJCzIPU

इसी तरह यह वीडियो हमें एक और Youtube चैनल पर मिला। इसमें बताया गया कि एनएसजी कमांडो को कैसे आंसू गैस से बचने की ट्रेनिंग दी जाती है, वीडियो उसी से जुड़ा हुआ है।

विश्‍वास न्‍यूज ने वायरल वीडियो को लेकर भारतीय सेना से संपर्क किया। सेना के प्रवक्‍ता ने विश्‍वास न्‍यूज को बताया कि वायरल पोस्‍ट फर्जी है। यह किसी ट्रेनिंग का वीडियो हो सकता है।

विश्‍वास न्‍यूज को ओरिजनल वीडियो नहीं मिला, लेकिन यह तय था कि भारतीय सेना को बदनाम करने के लिए ट्रेनिंग के वीडियो को झूठे दावों के साथ वायरल किया जा रहा है।

अंत में हमने फर्जी पोस्‍ट करने वाले यूजर की जांच की। कश्‍मीर नाम के इस पेज को जून 2020 में ही बनाया गया है। इसमें कश्‍मीर से जुड़ी खबरें, वीडियो, तस्‍वीरों को अपलोड किया जाता है।

निष्कर्ष: विश्‍वास न्‍यूज की जांच में पता चला कि वायरल पोस्‍ट फर्जी है। भारतीय सेना को बदनाम करने के लिए फर्जी दावे के साथ वीडियो को वायरल किया जा रहा है।

False
Symbols that define nature of fake news
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