Fact Check : ललितपुर की महिला से बात करते हुए पीएम मोदी का अधूरा वीडियो गलत संदर्भ के साथ वायरल

नई दिल्‍ली (Vishvas News)। सोशल मीडिया के विभिन्‍न प्‍लेटफार्म पर पीएम नरेंद्र मोदी का एक वीडियो वायरल हो रहा है। इसमें उन्‍हें एक महिला से यह पूछते हुए देखा जा सकता है कि क्‍या उसे प्रधानमंत्री स्‍वनिधि योजना का कोई लाभ मिला है क्‍या। जवाब में वीडियो में दिख रही महिला मना करती है। आठ सेकंड के इस वीडियो के आधार पर सोशल मीडिया में कुछ लोग प्रधानमंत्री पर निशाना साध रहे हैं। दावा किया जा रहा है कि इस महिला ने प्रधानमंत्री की पोल खोल दी।

विश्‍वास न्‍यूज ने वायरल वीडियो की विस्‍तार से जांच की तो सच्‍चाई कुछ और ही साबित हुई। दरअसल यूपी में एक कार्यक्रम के दौरान पीएम मोदी ऑनलाइन माध्‍यम से ललितपुर की बबिता नाम की एक महिला से बातचीत कर रहे थे। उसी कार्यक्रम के वीडियो में से आठ सेकंड की क्लिप एडिट करके गलत संदर्भ के साथ वायरल कर दी गई। हमारी जांच में यह पोस्‍ट भ्रामक साबित होती है।

क्‍या हो रहा है वायरल

फेसबुक यूजर फेसबुक यूजर महंत बिद्याधर (बुलु) ने 5 अक्‍टूबर को आठ सेकंड का अधूरा वीडियो शेयर करते हुए लिखा : ‘जब झुठेन्द्र ने आईने में अपनी शक्ल देखी….!’

वीडियो में पीएम मोदी को ललितपुर की बबिता से बात करते हुए देखा जा सकता है। इसमें पीएम बबिता से पूछते हैं कि तो आपको प्रधानमंत्री स्‍वयोजना का कोई लाभ मिला है क्‍या? इसके जवाब में बबिता कहती हैं कि
नहीं, साहब कुछ नहीं मिला है सर।

वीडियो यहीं खत्‍म हो जाता है। फेसबुक पोस्‍ट और वीडियो के कंटेंट को यहां ज्‍यों का त्‍यों लिखा गया है। इस अधूरे वीडियो को कई दूसरे यूजर्स भी वायरल कर रहे हैं। इनमें राजनीतिक दल के कई नेता भी शामिल हैं। पोस्‍ट का आर्काइव्‍ड वर्जन यहां देखें।

पड़ताल

तस्‍दीक की शुरुआत के लिए विश्‍वास न्‍यूज ने सबसे पहले वायरल वीडियो को स्‍कैन किया। एक-एक शब्‍द को ध्‍यान से सुना। वीडियो में हमें बबिता (ललितपुर) लिखा नजर आया। इसके अलावा वायरल वीडियो में आजतक चैनल का लोगो भी दिखा। पड़ताल की शुरुआत हमने यूट्यूब से की। सर्च के दौरान हमें 5 अक्‍टूबर को आजतक के यूट्यूब पर एक पूरा वीडियो मिला। इसमें बताया कि PM Modi ने आवास योजना (शहरी) की लाभार्थी Lalitpur की Babita से की बात की।

यह पूरा वीडियो 5:09 मिनट का है। इस वीडियो को पूरा देखने पर हमें पता चला कि 2:18 मिनट से लेकर 2:25 मिनट के वीडियो को काट कर वायरल किया जा रहा है, जबकि ओरिजनल वीडियो में इससे पहले बबिता को यह बोलते हुए देखा जा सकता है कि उन्‍हें घर के लिए ढाई लाख रूपए मिले। प्रधानमंत्री स्‍वनिधि योजना के बारे में जब बबिता मना करती हैं तो पीएम उन्‍हें उसकी प्रॉसेस बताते हुए इसके लिए अप्‍लाई करने को कहते हैं। पूरा वीडियो यहां देखें।

यही वीडियो हमें नरेंद्र मोदी के यूट्यूब चैनल पर भी मिला।

गूगल सर्च के दौरान हमें पता चला कि पीएम मोदी ने 5 अक्‍टूबर को लखनऊ के इंदिरा गांधी प्रतिष्‍ठान में ललितपुर की बबिता, आगरा की विमलेश और कानपुर की रामजानकी नाम की महिलाओं से वर्चुअल संवाद किया। इसी कार्यक्रम में पीएम ने पीएम आवास योजना (शहरी) के तहत 75 जिलों के 75 हजार लाभार्थियों को आवास की चाबी का वर्चुअल हस्‍तांतरण भी किया। संबंधित कार्यक्रम को कई मीडिया संस्‍थानों ने विस्‍तार से कवर किया। दैनिक जागरण की खबर को आप नीचे पढ़ सकते हैं।

दैनिक जागरण के ललितपुर के ईपेपर को खंगालने पर हमें कार्यक्रम की विस्‍तृत खबर मिली। इसमें पीएम मोदी और बबिता की बातचीत के बारे में विस्‍तार से बताया गया। यह खबर 6 अक्‍टूबर के संस्‍करण में प्रकाशित हुई। पीएम मोदी ने लाभार्थी बबिता से पूछा कि आपको सरकार से क्‍या मिला तो उन्‍होंने कहा कि ढाई लाख मिला सर। इसी तरह जब मोदी ने उनसे पूछा कि प्रधानमंत्री स्‍वनिधि योजना का लाभ मिला क्‍या तो इसके जवाब में बबिता ने कहा कि कहा- नहीं मिला सर, कुछ नहीं मिला। आगे मोदी कहते हैं कि आप इसका फायदा उठाइए। बैंक वालों से मिलिए। उनको कहिए कि प्रधानमंत्री स्‍वनिधि योजना है। हमारा यहां मकान है। हम चाहते हैं इससे जुड़ना। तो वह आपको दस हजार रूपया देंगे और इससे आप अपना कारोबार आगे बढ़ा सकते हैं। दैनिक जागरण की पूरी खबर को नीचे पढ़ा जा सकता है।

विश्‍वास न्‍यूज ने पड़ताल को आगे बढ़ाते हुए यूपी भाजपा के प्रवक्‍ता राकेश त्रिपाठी से संपर्क किया। उनके साथ वायरल वीडियो को शेयर किया। उन्‍होंने विश्‍वास न्‍यूज से कहा- नरेंद्र मोदी ऐसे प्रधानमंत्री हैं, जो योजनाओं के लाभार्थियों से सीधे बात करते हैं। कुछ लोगों को यह बात हजम नहीं हो रही। इसलिए फेक वीडियो क्रिएट करके अफवाह फैलाने की कोशिश कर रहे हैं।

पड़ताल के अंत में फेसबुक यूजर महंत बिद्याधर (बुलु) की सोशल स्‍कैनिंग की। हमें पता चला कि यूजर ओडिशा का रहने वाला है। इसे तीन सौ से ज्‍यादा लोग फॉलो करते हैं।

Misleading
Symbols that define nature of fake news
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