विश्वास न्यूज की पड़ताल में वायरल पोस्ट भ्रामक साबित हुई। सीएम गहलोत के अधूरे वीडियो को गलत संदर्भ के साथ वायरल किया गया।
नई दिल्ली (विश्वास न्यूज)। सोशल मीडिया के विभिन्न प्लेटफार्म पर राजस्थान के मुख्यमंत्री अशोक गहलोत का 11 सेकंड का एक वीडियो वायरल हो रहा है। इसमें मुख्यमंत्री को राम नाम का अर्थ बताते हुए देखा जा सकता है। सोशल मीडिया यूजर्स इस अधूरे वीडियो को गलत संदर्भ के साथ वायरल कर रहे हैं। विश्वास न्यूज ने वायरल पोस्ट की जांच की। पता चला कि मुख्यमंत्री गहलोत एक कार्यक्रम में दरियावजी महाराज नाम के एक संत के कथन को बोलते हुए लोगों से रूबरू हुए थे, लेकिन सोशल मीडिया में कुछ लोगों ने अशोक गहलोत के अधूरे वीडियो को गलत संदर्भ के साथ वायरल कर दिया।
फेसबुक यूजर अरविंद तापरिया ने 31 मई को सीएम गहलोत का वीडियो शेयर करते हुए लिखा कि जब नाश मनुज पर छाता है, पहले विवेक मर जाता है।
11 सेकंड के इस वीडियो में पसीने से लथपथ अशोक गहलोत को यह बोलते हुए सुना जा सकता है कि राम में जो रा है उसका मतलब है राम का। सही बात कही! और म है राम का, म है उसका मतलब मोहम्मद है।
फेसबुक पोस्ट के कंटेंट को फैक्ट चेक के उद्देश्य से ज्यों का त्यों लिखा गया है। इसे सच मानकर दूसरे यूजर्स भी वायरल कर रहे हैं। पोस्ट का आकाईव वर्जन यहां देखें।
विश्वास न्यूज ने मुख्यमंत्री अशोक गहलोत के वीडियो की सच्चाई जानने के लिए सबसे पहले ऑनलाइन टूल का इस्तेमाल किया। वीडियो को इनविड टूल में अपलोड करके कई कीफ्रेम्स निकाले। फिर इन्हें गूगल रिवर्स इमेज सर्च टूल में अपलोड करके खोजना शुरू किया। ओरिजनल वीडियो अशोक गहलोत के यूट्यूब चैनल पर मिला। इसे 28 मई 2022 को लाइव किया गया था। इस वीडियो के 41वें मिनट पर अशोक गहलोत को यह बोलते हुए सुना जा सकता है, “मुझे चिंता होती है कई बार। हो क्या रहा है देश में…इस प्रकार का तनाव क्यों है…मुझे बताया गया है…दरियावजी महाराज ने लिखा था, राम में जो रा है उसका मतलब है राम का। सही बात कही! और म है राम का, म है राम का उसका मतलब मोहम्मद है। ऐसी हिंदू- मुस्लिम एकता के प्रतीक थे दरियावजी महाराज।”
पड़ताल को आगे बढ़ाते हुए गूगल सर्च के जरिए संबंधित इवेंट की खबरों को खोजना शुरू किया। भास्कर डॉट कॉम की वेबसाइट पर पब्लिश एक खबर में बताया गया कि मुख्यमंत्री अशोक गहलोत 28 मई को शाम 4.30 बजे नागौर जिले के रेण कस्बे में पहुंचे थे। अंतरराष्ट्रीय वरिष्ठ रामस्नेही संप्रदाय की प्रधान पीठ रामधाम देवल पहुंचकर सीएम अशोक गहलोत ने ब्रह्मलीन पीठाधीश्वर आचार्य डॉ. हरिनारायण शास्त्री की पहली बरसी कार्यक्रम में हिस्सा लिया। पूरी खबर यहां पढ़ें।
दैनिक भास्कर के नागौर संस्करण में 29 मई की तारीख को हमें विस्तार से खबर मिली। इसमें बताया गया कि सीएम बोले-दरियावजी महाराज ने कहा था कि राम में जो रा है उसका मतलब है राम और म है उसका मतलब है मोहम्मद। ऐसे ही हिंदू-मुस्लिम एकता के प्रतीक दरियावजी महाराज थे। उनके संस्कार को ही ग्रहण करने की जरूरत है। पूरी खबर नीचे पढ़ी जा सकती है।
पड़ताल को आगे बढ़ाते हुए विश्वास न्यूज ने राजस्थान के वरिष्ठ पत्रकार अबरार अली बेरी से संपर्क किया। उन्होंने बताया कि पिछले दिनों मुख्यमंत्री अशोक गहलोत नागौर के रेण कस्बे में गए थे। वहां उन्होंने संत दरियावजी महाराज के कथन का इस्तेमाल करते हुए हिंदू-मुस्लिम एकता पर बल दिया था, लेकिन कुछ लोग उनके अधूरे वीडियो को गलत संदर्भ के साथ वायरल कर रहे हैं।
अब बारी थी अधूरे वीडियो को गलत संदर्भ के साथ वायरल करने वाले यूजर की जांच की। फेसबुक यूजर अरविंद तापरिया की सोशल स्कैनिंग में पता चला कि इनके तीन हजार दोस्त हैं, जबकि नौ सौ से ज्यादा लोग इन्हें फॉलो करते हैं। यह यूजर राजस्थान के बाड़मेर के रहने वाले हैं।
निष्कर्ष: विश्वास न्यूज की पड़ताल में वायरल पोस्ट भ्रामक साबित हुई। सीएम गहलोत के अधूरे वीडियो को गलत संदर्भ के साथ वायरल किया गया।
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