Fact Check: देहरादून के व्यक्ति के वीडियो को दिल्ली के शहर काजी के नाम से किया जा रहा वायरल  

विश्वास न्यूज ने अपनी पड़ताल में पाया कि वीडियो में भड़काऊ बातें करते हुए नजर आ रहा व्यक्ति दिल्ली का शहर काजी नहीं, बल्कि देहरादून निवासी मुफ्ती रईस है। साल 2019 में शख्स ने एक चैनल को इंटरव्यू देते हुए भड़काऊ बयान दिया था। 

नई दिल्ली (विश्वास न्यूज)। हिंदुओं को धमकाते और भड़काऊ बातें करते हुए एक शख्स का वीडियो तेजी से सोशल मीडिया पर शेयर किया जा रहा है। इस वीडियो को शेयर कर दावा किया जा रहा है कि यह शख्स दिल्ली का शहर काजी है। 

विश्वास न्यूज ने अपनी पड़ताल में पाया कि वायरल वीडियो को लेकर किया जा रहा दावा गलत है। वीडियो में भड़काऊ बातें करते हुए नजर आ रहा व्यक्ति दिल्ली का शहर काजी नहीं, बल्कि देहरादून निवासी मुफ्ती रईस है। साल 2019 में शख्स ने एक चैनल को इंटरव्यू देते हुए यह बयान दिया था। 

क्या हो रहा है वायरल ?

इंस्टाग्राम यूजर sanatandharma8853 ने 14 जनवरी 2024 को वायरल वीडियो को शेयर किया है। वीडियो पर लिखा हुआ है, ‘हम हिंदुओं को जीना मुश्किल कर देगें देश में- काजी दिल्ली’

पोस्ट के आर्काइव लिंक को यहां पर देखें।

पड़ताल 

वायरल दावे की सच्चाई जानने के लिए हमने गूगल पर संबंधित कीवर्ड्स की मदद से सर्च किया। हमें वीडियो का बड़ा वर्जन कारी उस्मान हसनी अधिकारिक नामक एक यूट्यूब चैनल पर मिला। वीडियो को 1 जुलाई 2019 को शेयर किया गया था। मौजूद जानकारी के मुताबिक, शख्स का नाम मुफ्ती रईस है और वीडियो तबरेज अंसारी की मॉब लिंचिंग के खिलाफ देहरादून में हुए विरोध प्रदर्शन के दौरान का है।

प्राप्त जानकारी के आधार पर हमने गूगल पर संबंधित कीवर्ड्स की मदद से सर्च किया। इस दौरान हमें दावे से जुड़ी एक रिपोर्ट दैनिक जागरण की वेबसाइट पर 30 जून 2019 को प्रकाशित मिली। रिपोर्ट के अनुसार, तबरेज अंसारी मॉब लिंचिंग मामले को लेकर मुस्लिम सेवा संगठन ने दून में जिलाधिकारी कार्यालय के बाहर विरोध प्रदर्शन किया था। इसी दौरान मुफ्ती नामक एक शख्स ने कचहरी परिसर के बाहर मीडिया कर्मियों को इंटरव्यू देते हुए भड़काऊ बातें कहीं। सामाजिक सौहार्द बिगाड़ने के आरोप में धारा 153ख, और 505ख, के तहत मुकदमा दर्ज किया गया था।

अधिक जानकारी के लिए हमने देहरादून के रिपोर्टर गौरव वासुदेव से संपर्क किया। उन्होंने हमें बताया, “वायरल दावा गलत है। यह वीडियो हाल-फिलहाल का नहीं है। साल 2019 में तबरेज अंसारी मॉब लिंचिंग मामले में मुस्लिम सेवा संगठन ने विरोध प्रदर्शन किया था। इस प्रदर्शन में यह शख्स भी शामिल था। इसका नाम मुफ्ती रईस है और उस विरोध प्रदर्शन में इसने भड़काऊ बातें कहीं थी, जिसे लेकर इस पर मामला दर्ज हुआ था।”

अंत में हमने वीडियो को गलत दावे के साथ शेयर करने वाले यूजर के अकाउंट को स्कैन किया। हमने पाया कि यूजर को 316 लोग फॉलो करते हैं। यूजर एक विचारधारा से जुड़ी पोस्ट को शेयर करता है। 

पहले भी यह दावा वायरल हो चुका है। पूरी रिपोर्ट को यहां पर पढ़ा जा सकता है। 

निष्कर्ष: विश्वास न्यूज ने अपनी पड़ताल में पाया कि वीडियो में भड़काऊ बातें करते हुए नजर आ रहा व्यक्ति दिल्ली का शहर काजी नहीं, बल्कि देहरादून निवासी मुफ्ती रईस है। साल 2019 में शख्स ने एक चैनल को इंटरव्यू देते हुए भड़काऊ बयान दिया था। 

Misleading
Symbols that define nature of fake news
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