नई दिल्ली (विश्वास टीम)। सोशल मीडिया पर वायरल हो रही पोस्ट में दावा किया जा रहा है कि उत्तर प्रदेश के उन्नाव में मदरसे में पढ़ने वाले बच्चों से जबरन जय श्री राम का नारा लगवाने की कोशिश की गई और ऐसा नहीं किए जाने पर उनकी पिटाई की गई। विश्वास न्यूज की जांच में यह दावा गलत निकला। उन्नाव में घटित इस मामले का सांप्रदायिक दावे से कोई संबंध नहीं है।
फेसबुक यूजर ”उत्तर प्रदेश का मुसलमान” नाम के पेज से शेयर किए गए पोस्ट में दो तस्वीरों को साझा करते हुए लिखा गया है, ‘#उन्नाव में मदरसे के बच्चे पास मैदान मे खेल रहे थे कि उसी दौरान बजरंग दल के लोगों ने टोपी पहने देख बच्चों पर हमला कर दिया और ज़बरदस्त पिटाई की और जय श्री राम के नारा लगाने को बोला ना लगने पर और पिटाई की जब बच्चों ने अपनी जान बचा कर भागने की कोशिश की तो उनपर पत्थर से हमला कर दिया जिस की वजह वह बच्चे जख़्मी हो गए। कॉपी।’
पड़ताल किए जाने तक इस पोस्ट को करीब 100 बार शेयर किया जा चुका है और करीब 200 लोगों ने इसे लाइक किया है।
सर्च में हमें पता चला कि फेसबुक और ट्टिटर पर यह घटना मिलते-जुलते और समान दावे के साथ वायरल हुई। पड़ताल की शुरुआत हमने फेसबुक पोस्ट में नजर आ रहे दोनों तस्वीरों की जांच से की। गूगल रिवर्स इमेज की मदद से किए गए सर्च में हमें पता चला कि जिन दोनों तस्वीरों के हवाले से पोस्ट में कथित दावा किया गया है, वह सही है।
नेशनल हेराल्ड के वेब संस्करण में प्रकाशित इस रिपोर्ट में इस तस्वीर को देखा जा सकता है, जो फेसबुक पर कथित दावे के साथ वायरल हो रही हैं। हालांकि, इस रिपोर्ट में भी इन तस्वीरों के जरिए वहीं दावे किए गए हैं।
उन्नाव के जामा मस्जिद के मौलाना नईम मिसबही के मुताबिक, ‘बच्चों को कुछ लोगों ने तब पीटा, जब वह क्रिकेट खेल रहे थे और उन्होंने जय श्री राम का नारा लगाने से इनकार कर दिया। उन्होंने बच्चों पर पत्थर पर भी फेंके। उनका फेसबुक प्रोफाइल चेक करने पर पता चला कि वह बजरंग दल से जुड़े हुए हैं।’
हालांकि, उन्नाव पुलिस के मुताबिक, 11 जुलाई की यह घटना आपसी झड़प की वजह से हुई। उन्नाव के सर्कल ऑफिसर के मुताबिक,” जामा मस्जिद का जो मदरसा है, दारुल उलूम, वहां वृहस्पतिवार को हाफ डे हो जाता है। सामान्यतया हाफ डे के दिन मदरसे के बच्चे जीआईसी इंटर कॉलेज में क्रिकेट खेलने जाते हैं। वहां काफी बच्चे क्रिकेट खेलते हैं, काफी बड़ा ग्राउंड है। आज क्रिकेट खेलने के दौरान किसी प्रकार से इन बच्चों के साथ झगड़ा हुआ है, जिसमें इनके द्वारा दी गई तहरीर है। उसके अनुसार, सुसंगत धाराओं में अभियोग पंजीकृत किया गया है और विधिक कार्रवाई की गई है। तीन बच्चे घायल हुए हैं, उनका मेडिकल कराया गया है और विधिक कार्रवाई की जा रही है।”
इस मामले में पुलिस की तरफ से जारी प्रेस नोट के मुताबिक, ‘मदरसे के अब्दुल वारिस, मोहम्मद अली, मोहम्मद हारुन और मोहम्मद मुकदस जीआईसी क्रिकेट ग्राउंड पर मैच खेलने गए हुए थे, जहां पर चार लड़के ग्राउंड पर आ गए और बोले कि जय श्री राम का नारा लगाओ। नारा न लगाने पर उपरोक्त लड़कों के ऊपर जानलेवा हमला किया व मारे पीटे। तहरीर के आधार पर मुकदमा संख्या 810/19 धारा 323, 352, 504, 606 के तहत आदित्य शुक्ला, क्रांति, कमल और अज्ञात के खिलाफ अभियोग पंजीकृत कर घायल लड़कों को जिला अस्पताल भेजकर मेडिकल मुआयना कराया गया। मुकदमे की विवेचना के बाद पता चला कि जिन लड़कों की नामजदगी उपरोक्त मुकदमे में लिखाई गई है, उनकी मौजूदगी घटनास्थल पर नहीं पायी गई। विवेचना से तथ्य प्रकाश में आया है कि क्रिकेट खेलने के दौरान ग्राउंड में बने सीढ़ियों पर गोलू उर्फ गबडू, संकेत भारती, दिपांशु चौधरी और संतोष कुमार बैठे हुए थे, जिसमें से गोलू उर्फ गबडू से मदरसे से आए बच्चों से आपसी कुछ कहा सुनी हुई और जिस पर दोनों पक्ष के लड़कों में मारपीट हुई। नारा आदि लगाने की बात प्रकाश में नहीं आई। गठित टीमों द्वारा संकेत भारती पुत्र लक्ष्मण निवासी खजुरिया बाग थाना कोतवाली उन्नाव को गिरफ्तार कर पूछताछ की जा रही है। अन्य अभियुक्तों की गिरफ्तारी का प्रयास गठित टीमों द्वारा किया जा रहा है।’
12 जुलाई को उन्नाव पुलिस अधीक्षक के बयान से भी इस बात की पुष्टि होती है।
जब इस मामले में विश्वास न्यूज ने उन्नाव के डीएसपी उमेश चंद्र त्यागी से बात की तो उन्होंने इस घटना में गिरफ्तार आरोपियों के बजरंग दल से किसी प्रकार के संबंधों को खारिज कर दिया। उन्होंने कहा, ‘घटना में दो आरोपियों संकेत भारती और संतोष को गिरफ्तार किया गया है और दो अन्य आरोपियों की तलाश जारी है। किसी भी आरोपी का बजरंग दल से कोई संबंध नहीं है। जिन दो लोगों को गिरफ्तार किया गया है, वह बदमाश प्रवृत्ति के लोग हैं।’ त्यागी ने फरार चल रहे आरोपियों के बारे में कोई भी जानकारी देने से इनकार कर दिया।
निष्कर्ष: उत्तर प्रदेश के उन्नाव में मदरसे के लड़कों के साथ हुई मारपीट की घटना दो पक्षों के बीच हुई कहासुनी की वजह से हुई। मामले में शामिल चार आरोपियों में से दो को गिरफ्तार किया जा चुका है, जबकि दो अभी फरार चल रहे हैं। मारपीट की घटना दो अलग-अलग समुदाय के लोगों के बीच में हुई, लेकिन पीड़ित पक्ष को ‘’जय श्रीराम’’ का नारा लगाने के लिए मजबूर नहीं किया गया।
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