Fact Check : वीडियो में बुजुर्ग ने नहीं की अखिलेश यादव से मस्जिद बनाने की बात, गलत दावा हुआ सोशल मीडिया पर वायरल

विश्वास न्यूज ने वायरल दावे की जांच की और पाया कि वायरल दावा फर्जी है। वीडियो अखिलेश यादव के किसी हालिया चुनाव अभियान से संबंधित नहीं है। तकरीबन दो साल से ज्यादा पुराना है। वीडियो में बुजुर्ग न तो अखिलेश यादव का अपमान करते हैं और न ही मस्जिद बनाने की बात करते हैं। वह मशीनों (ईवीएम) से छेड़छाड़ की बात करते हैं। उनका कहना है कि अगर ईवीएम मशीन को नहीं बदला गया तो पार्टी को न तो वोट मिलेगा और न ही सरकार बनेगी।

नई दिल्ली (विश्वास टीम)। अखिलेश यादव का 14 सेकेंड का एक वीडियो तेजी से वायरल हो रहा है। जिसे शेयर कर दावा किया जा रहा है कि डोर टू डोर कैंपेन के दौरान भीड़ में एक बुजुर्ग ने अखिलेश यादव से कहा, जाओ और मस्जिद बनाओ पूरे मोहल्ले में से तुम्हे कोई एक भी वोट नहीं देगा। विश्वास न्यूज ने वायरल दावे की जांच की और पाया कि वायरल दावा फर्जी है। वीडियो अखिलेश यादव के किसी हालिया चुनाव अभियान से संबंधित नहीं है। वीडियो तकरीबन दो साल से ज्यादा पुराना है। वीडियो में बुजुर्ग न तो अखिलेश यादव का अपमान करते हैं और न ही मस्जिद बनाने की बात करते हैं। वह मशीनों (ईवीएम) से छेड़छाड़ की बात करते हैं।

क्या है वायरल पोस्ट में?

फेसबुक यूजर संदीप कुमार ने वायरल वीडियो को शेयर करते हुए लिखा है कि इधर अखिलेश को डोर टु डोर कैम्पेन में भीड़ व कैमरे के सामने एक बुजुर्ग ने बड़ी बेज्जती करते हुए बोले.. “तुम जाओ मस्जिद बनाओ मस्जिद , पूरे मोहल्ले में से तुम्हे कोई एक वोट भी नही देगा।”

फेसबुक यूजर Rajesh Malviya ने भी ऐसी ही पोस्ट के साथ इस दावे को अपने फेसबुक पर शेयर किया है। सोशल मीडिया पर कई अन्य यूजर्स इस पोस्ट से मिलते-जुलते दावे को शेयर कर रहे हैं। फेसबुक पोस्‍ट के कंटेंट को यहां ज्‍यों का त्‍यों लिखा गया है। इसके आकाईव्ड वर्जन को यहां देखा जा सकता है।

https://twitter.com/SaurabhSMUP/status/1489292770044829696

पड़ताल –

विश्‍वास न्‍यूज ने वायरल पोस्‍ट की सच्‍चाई जानने के लिए InVID टूल का इस्‍तेमाल किया। वायरल वीडियो के कई ग्रैब्‍स इसके माध्‍यम से निकाले गए। इसके बाद इनकी मदद से गूगल रिवर्स सर्च टूल का इस्‍तेमाल करते हुए ओरिजनल सोर्स तक पहुंचने की कोशिश की गई। इस दौरान हमें वायरल हो रहा पूरा वीडियो U News नामक एक फेसबुक पेज पर 18 नवंबर 2019 को अपलोड मिला। कैप्शन में दी गई जानकारी के मुताबिक, वीडियो कन्नौज के एक गांव का है। जहां पर अखिलेश यादव अपनी पत्नी डिम्पल के साथ गांव वालों से मिलने के लिए पहुंचे थे। इस दौरान गांव वालों ने ईवीएम मशीन के बारे में बात की तो अखिलेश यादव ने कहा, “पहले बूथ कैप्चरिंग लड़ाई झगड़े से होता था, लेकिन अब बीजेपी वालों ने होशियारी कर ये तरीका निकाला है। फिर भीड़ में से एक बुजुर्ग बोलने लगाता है कि अगर मशीन नहीं बदलेंगे तो दद्दा कभी नहीं जीतेंगे और अगर मशीन बदल जाएगी तो मोदी को एक वोट भी नहीं मिलेगा।”

पड़ताल के दौरान हमें यही वीडियो अखिलेश यादव और डिंपल यादव के कई फैन पेज पर 12 नवंबर 2019 को अपलोड मिला। यहां पर भी वीडियो को लेकर यही जानकारी दी गई है।

पड़ताल को आगे बढ़ाते हुए हमने गूगल पर कुछ कीवर्ड्स के जरिए सर्च किया। इस दौरान हमें वायरल वीडियो हलचल न्यूज नामक एक यूट्यूब चैनल पर नवंबर 2019 को अपलोड मिला। वीडियो रिपोर्ट के अनुसार, बुजुर्ग ने ईवीएम मशीन को बदलने की बात कही थी, न कि मस्जिद बनवाने की बात कही थी। बुजुर्ग शख्स अखिलेश यादव को नहीं, बल्कि पीएम मोदी को वोट न देने की बात कह रहा था।

पूरी तरह से पुष्टि करने के लिए हमने समाजवादी पार्टी के राष्ट्रीय प्रवक्ता मनोज काका से संपर्क किया। उन्होंने हमें बताया कि वायरल दावा गलत है। उन्होंने कहा, “अखिलेश यादव के साथ किसी भी रैली में किसी तरह का दुर्व्यवहार नहीं हुआ है। समाजवादी पार्टी की छवि खराब करने की कोशिश की जा रही है।”

हम स्वतंत्र रूप से इस बात की पुष्टि नहीं करते हैं कि ये वीडियो कितना पुराना है और कहां का है। लेकिन यह तय है कि इस वीडियो का हालिया चुनाव से कोई संबंध नहीं है और न ही बुजुर्ग ने अखिलेश यादव का अपमान किया है।

पड़ताल के अंत में हमने दावे को शेयर करने वाले फेसबुक यूजर संदीप कुमार के अकाउंट की स्कैनिंग की। स्कैनिंग से हमें पता चला कि फेसबुक पर 280 से ज्यादा लोग यूजर को फॉलो करते हैं। यूजर उत्तर प्रदेश के बागपत जिले का रहने वाला है। संदीप कुमार मई 2011 से फेसबुक पर सक्रिय है।

निष्कर्ष: विश्वास न्यूज ने वायरल दावे की जांच की और पाया कि वायरल दावा फर्जी है। वीडियो अखिलेश यादव के किसी हालिया चुनाव अभियान से संबंधित नहीं है। तकरीबन दो साल से ज्यादा पुराना है। वीडियो में बुजुर्ग न तो अखिलेश यादव का अपमान करते हैं और न ही मस्जिद बनाने की बात करते हैं। वह मशीनों (ईवीएम) से छेड़छाड़ की बात करते हैं। उनका कहना है कि अगर ईवीएम मशीन को नहीं बदला गया तो पार्टी को न तो वोट मिलेगा और न ही सरकार बनेगी।

False
Symbols that define nature of fake news
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