विश्वास न्यूज की जांच में पता चला कि जिस तस्वीर के जरिए केंद्र सरकार और पाकिस्तान पर निशाना साधा जा रहा है, वह 2017 की एक पुरानी तस्वीर है। इस तस्वीर का वर्तमान समय से कोई संबंध नही है। इसलिए वायरल पोस्ट फर्जी साबित हुई।
नई दिल्ली (विश्वास न्यूज)। एक पूरे परिवार की आत्महत्या की तस्वीर के जरिए कुछ यूजर्स केंद्र सरकार पर निशाना साध रहे हैं। तस्वीर को सरकारी राहतों से जोड़ते हुए यूजर्स दावा कर रहे हैं कि यह तस्वीर सरकारी दावों की पोल खोल रही है। कुछ यूजर्स तो इस तस्वीर के बहाने पाकिस्तान पर इल्जाम लगाते हुए दावा कर रहे हैं कि पाकिस्तान में ऐसे हिंदुओं को मारा जा रहा है।
देशभर में कोरोना संकट के बीच इस तस्वीर को जब वायरल किया जाने लगा तो विश्वास न्यूज ने वायरल पोस्ट की जांच की। हमें पता चला कि 2017 में राजस्थान के जोधपुर के एक गांव में पूरे परिवार ने एक साथ आत्महत्या कर ली थी। उसी घटना की तस्वीर को अब कुछ लोग वायरल कर रहे हैं।
फेसबुक यूजर जाहिद हुसैन ने 28 मई को एक तस्वीर को अपलोड करते हुए लिखा : “सरकार के राहत की पोल खोलती हुई एक हृदयविदारक घटना…😥 क्या देश को इस हृदय विदारक घटनाओं का ज़िक्र केंद्र सरकार के किसी मंत्री या अधिकारी द्वारा अफ़सोस करते दिखी….? मोदी जी-आप ये किस तरह का नया भारत बना चुके हैं…!”
वहीं, कई यूजर्स वायरल तस्वीर को पाकिस्तान का बताकर वायरल कर रहे हैं। यूजर्स कह रहे हैं कि पाकिस्तान में हिंदुओं की ऐसे हत्या की जा रही है।
विश्वास न्यूज ने वायरल तस्वीर को गूगल रिवर्स इमेज में अपलोड करके सर्च किया। हमें यह तस्वीर इजिप्टीन जनरल ऑफ फोरेंसिक साइंस की वेबसाइट पर मिली। 30 अक्टूबर 2019 को पब्लिश एक रिपोर्ट में इस तस्वीर का इस्तेमाल किया गया था।
रिपोर्ट के लेखकों में एक नाम हमें नवनीत अटेरिया का मिला। इसके बाद हमने इनके बारे में जानकारी जुटाना शुरू किया। हमें पता चला कि डॉक्टर नवनीत फिलहाल गोरखपुर के AIIMS में असिंस्टेट प्रोफेसर हैं।
पड़ताल के अगले चरण में हमने डॉक्टर नवनीत से संपर्क किया। उन्होंने बताया, वायरल तस्वीर का इस्तेमाल एक रिपोर्ट में किया गया था। तस्वीर 2017 की है। उस वक्त जोधपुर के एक गांव में गरीबी से तंग आकर एक परिवार के चार लोगों ने अपनी जान दे दी। नवनीत ने हमें इससे जुड़ी एक खबर का लिंक भी भेजा।
गूगल सर्च के दौरान जोधपुर में आत्महत्या की घटना की कई खबर मिली। 1 सितंबर 2017 को आजतक की वेबसाइट पर पब्लिश खबर के मुताबिक, यह घटना जोधपुर के भाकरी गांव में खेतों के पास बने कमरे में घटी थी।
इसके बाद हमने फेसबुक यूजर जाहिद हुसैन के अकाउंट की जांच की। हमें पता चला कि यूजर हरियाणा का रहने वाला है। यह अकाउंट मई 2018 में बनाया गया था।
निष्कर्ष: विश्वास न्यूज की जांच में पता चला कि जिस तस्वीर के जरिए केंद्र सरकार और पाकिस्तान पर निशाना साधा जा रहा है, वह 2017 की एक पुरानी तस्वीर है। इस तस्वीर का वर्तमान समय से कोई संबंध नही है। इसलिए वायरल पोस्ट फर्जी साबित हुई।
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