Fact Check: आर्मी चीफ जनरल मनोज पांडे और मोहन भागवत की तस्वीर के साथ की गई छेड़छाड़

विश्वास न्यूज की पड़ताल में संघ प्रमुख मोहन भागवत, केंद्रीय मंत्री नितिन गडकरी और आर्मी चीफ की वायरल तस्‍वीर फेक साबित हुई। वायरल तस्वीर एडिटेड है। तीन अलग-अलग तस्वीरों को एडिट कर एक साथ जोड़ा गया है। 

विश्वास न्यूज (नई दिल्ली)। सोशल मीडिया के विभिन्‍न प्‍लेटफार्म पर राष्‍ट्रीय स्‍वयंसेवक संघ (आरएसएस) के प्रमुख मोहन भागवत की एक तस्वीर वायरल हो रही है। तस्वीर में मोहन भागवत के साथ केंद्रीय मंत्री नितिन गडकरी और आर्मी चीफ जनरल मनोज पांडे को भी देखा जा सकता है। इस फोटो को शेयर करते हुए सोशल मीडिया यूजर्स दावा कर रहे हैं कि आर्मी चीफ ने नागपुर में संघ के मुख्‍यालय में मोहन भागवत से मुलाकात की। विश्‍वास न्‍यूज ने वायरल पोस्‍ट की जांच की। पड़ताल में वायरल दावा गलत साबित हुआ। वायरल तस्वीर एडिटेड है। तीन अलग-अलग तस्‍वीरों को एडिट करके वायरल तस्‍वीर को बनाया गया है।

क्या है वायरल पोस्ट में ?

ट्विटर यूजर गुना कांग्रेस सेवा दल ने वायरल तस्वीर को शेयर करते हुए लिखा है, “ज़रा सोचो। केवल नागपुरी ब्राह्मण ही हिन्दुस्तान का नेतृत्व करने को प्राथमिकता दे सकते हैं। श्री मोहन भागवत जी के अनुसार।”

फेसबुक पर यूजर इस तस्वीर को मिलते-जुलते दावों के साथ शेयर कर रहे हैं। पोस्ट के आर्काइव वर्जन को यहां देखा जा सकता है।

पड़ताल –

विश्‍वास न्‍यूज ने वायरल तस्वीर की सच्चाई जानने के लिए फोटो को क्रॉप कर गूगल रिवर्स इमेज के जरिए सर्च किया। इस दौरान हमें मोहन भागवत, नितिन गडकरी और जनरल मनोज पांडे की तस्वीर अलग-अलग जगह प्राप्त हुई। जिसके बाद ये साफ हो गया कि तीनों की तस्वीर को एडिट कर एक साथ जोड़ा गया है।

नितिन गडकरी की असली तस्वीर हमें 4 अप्रैल 2022 को इंडिया टीवी की वेबसाइट पर प्रकाशित एक रिपोर्ट में प्राप्त हुई। असली तस्वीर में नितिन गडकरी को राज ठाकरे और उनके परिवार के साथ खड़ा हुआ देखा जा सकता है।

मोहन भागवत की तस्वीर को जब हमने क्रॉप कर गूगल रिवर्स इमेज के जरिए सर्च किया, तो हमें असली तस्वीर इंडिया टुडे की वेबसाइट पर 2016 को प्रकाशित एक खबर में प्राप्त हुई। साल 2016 में उद्धव ठाकरे अपने बेटे के साथ आरएसएस मुख्यालय नागपुर में मोहन भागवत से मिलने के लिए पहुंचे थे। असली तस्वीर में मोहन भागवत को उद्धव ठाकरे और आदित्य ठाकरे के साथ खड़े देखा जा सकता है।

जनरल मनोज पांडे की तस्वीर को गूगल रिवर्स इमेज के जरिए सर्च करने पर हमें असली तस्वीर Etv bharat पर 19 अप्रैल 2022 को प्रकाशित एक रिपोर्ट में प्राप्त हुई। असली तस्वीर में जनरल पांडे अपने दोस्त दिलीप के साथ खड़े नजर आ रहे हैं।

पड़ताल को आगे बढ़ाते हुए हमने ये सर्च करना शुरू किया क्या तीनों ने हाल-फिलहाल में मुलाकात की है। हमने गूगल पर कई कीवर्ड्स के जरिए सर्च किया, लेकिन हमें तीनों के मुलाकात की कोई विश्वसनीय मीडिया रिपोर्ट प्राप्त नहीं हुई। नीचे दिए गए कोलाज में तीनों तस्वीरों की तुलना को साफ-साफ देखा जा सकता है।

अधिक जानकारी के लिए हमने दिल्ली आरएसएस के मीडिया प्रभारी राजीव तुली से सम्पर्क किया। उन्होंने हमें बताया कि वायरल दावा गलत है। ऐसी कोई मुलाकात हाल-फिलहाल में नहीं हुई है। वायरल तस्वीर एडिटेड है।

पड़ताल के अंत में विश्‍वास न्‍यूज ने फेक दावे को शेयर करने वाले यूजर गुना कांग्रेस सेवादल के ट्विटर हैंडल की सोशल स्कैनिंग की। स्कैनिंग से हमें पता चला कि यूजर मध्य प्रदेश का रहने वाला है और मई 2022 से ट्विटर पर सक्रिय है।

निष्कर्ष: विश्वास न्यूज की पड़ताल में संघ प्रमुख मोहन भागवत, केंद्रीय मंत्री नितिन गडकरी और आर्मी चीफ की वायरल तस्‍वीर फेक साबित हुई। वायरल तस्वीर एडिटेड है। तीन अलग-अलग तस्वीरों को एडिट कर एक साथ जोड़ा गया है। 

False
Symbols that define nature of fake news
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