नई दिल्ली (विश्वास टीम)।गुरु नानक देव के 550वें प्रकाश पर्व के बाद से ही सोशल मीडिया पर एक पोस्ट वायरल हो रही है। इस पोस्ट में दो तस्वीरों को देखा जा सकता है। तस्वीरों में एक बड़ी इमारत पर पाकिस्तान का झंडा छत पर रंगा नज़र आ रहा है। इसके साथ ही इमारत के सामने पाकिस्तान का झंडा भी दिख रहा है। इन तस्वीरों के साथ दावा किया जा रहा है कि यह तस्वीरें गुरुद्वारा करतारपुर साहिब की है। विश्वास टीम ने अपनी पड़ताल में पाया कि यह तस्वीरें पाकिस्तान के गुरुद्वारा करतारपुर साहिब की नहीं, बल्कि करतारपुर कॉरिडोर इमिग्रेशन सेंटर की हैं।
वायरल हो रहे पोस्ट में दो तस्वीरों को देखा जा सकता है। तस्वीरों में एक बड़ी इमारत पर पाकिस्तान का झंडा छत पर रंगा नज़र आ रहा है। इसके साथ ही इमारत के सामने पाकिस्तान का विशाल झंडा भी दिख रहा है। पोस्ट के डिस्क्रिप्शन अनुसार, यह तस्वीरें दरबार साहिब करतारपुर पाकिस्तान की हैं।
हमने पड़ताल को शुरू करते हुए सबसे पहले पाकिस्तान के गुरुद्वारा करतारपुर साहिब की तस्वीरों को गूगल सर्च से निकाला। तस्वीरों को देखकर एक बात साबित हो जाती है कि इस पोस्ट में इस्तेमाल की गई तस्वीरें दरबार साहिब करतारपुर की नहीं है, क्योंकि दरबार साहिब की इमारत और तस्वीर में दिख रही इमारत एक-दूसरे से अलग हैं। आप पाकिस्तान के गुरुद्वारा करतारपुर साहिब और वायरल तस्वीरों में फर्क नीचे देख सकते हैं।
आपको बता दें कि इमरान खान ने पाकिस्तान के गुरुद्वारा करतारपुर साहिब और करतारपुर कॉरिडोर इमिग्रेशन सेंटर पाकिस्तान की तस्वीरों को 3 November 2019 को ट्वीट भी किया था। इमरान खान के आधिकारक ट्विटर हैंडल (@ImranKhanPTI) द्वारा किए गए ट्वीट को आप नीचे देख सकते हैं।
अब बारी थी यह जानने की कि यह वायरल तस्वीरें आखिर है कहां की? हमने पड़ताल आगे बढ़ाते हुए इन तस्वीरों का स्क्रीनशॉट लिया और उन्हें गूगल रिवर्स इमेज टूल में सर्च किया। हमें सर्च के नतीजों में “tribune.com” की खबर का एक लिंक मिला, जिसमें वायरल तस्वीर का इस्तेमाल किया गया था। यह खबर 4 नवंबर 2019 को प्रकाशित की गई थी और इस खबर की हेडलाइन थी :First phase of Kartarpur Corridor project completed
इस खबर में इस्तेमाल की गई तस्वीरें करतारपुर कॉरिडोर इमिग्रेशन सेंटर पाकिस्तान की हैं। इस खबर में करतारपुर कॉरिडोर के इमिग्रेशन सेंटर के बारे में बताया गया था, जहां से दरबार साहिब जाने वाली संगतों की चेकिंग हुआ करेगी। इस खबर में यह भी बताया गया था कि दरबार साहिब जाने के लिए संगतों को बसें इमिग्रेशन सेंटर से ही मिलेंगी।
अब हमने Google Maps का इस्तेमाल करते हुए करतारपुर कॉरिडोर इमिग्रेशन सेंटर पाकिस्तान की लोकेशन के साथ तस्वीरों को निकाला। तस्वीरों से यह साफ़ हुआ कि वायरल तस्वीरें गुरुद्वारा करतारपुर साहिब की नहीं, बल्कि इमिग्रेशन सेंटर करतापुर कॉरिडोर पाकिस्तान की है। आप तस्वीरों के स्क्रीनशॉट को नीचे देख सकते हैं।
अब हमने google maps का इस्तेमाल करते हुए यह जानना चाहा कि पाकिस्तान के गुरुद्वारा करतापुर साहिब और करतारपुर कॉरिडोर इमिग्रेशन सेंटर के बीच में दूरी कितनी है। हमने पाया कि यह दूरी करीब 5 किलोमीटर की है। आप नीचे स्क्रीनशॉट में दोनों के बीच की दूरी को देख सकते हैं।
पंजाब के मुख्यमंत्री कैप्टन अमरिंदर सिंह ने अपने आधिकारिक ट्विटर हैंडल (@capt_amarinder) से 9 नवंबर 2019 को एक ट्वीट भी किया था, जिसमें वो पाकिस्तान के गुरुद्वारा करतारपुर साहिब में माथा टेकते और दरबार साहिब के बरामदे में घूमते नज़र आ रहे हैं।
अब तक यह साबित हो चुका था कि वायरल हो रही तस्वीरें करतारपुर साहिब पाकिस्तान के दरबार साहिब की नहीं हैं इसीलिए हमने आधिकारक पुष्टि लेने के लिए शिरोमणि गुरुद्वारा प्रबंधक कमेटी अमृतसर के प्रवक्ता कुलविंदर सिंह से बात की। उन्होंने हमें बताया, “सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म पर हर दिन फर्जी दावे वायरल होते रहते हैं। यह भी उन्हीं में से एक है।”
अब हमने इस पोस्ट को शेयर करने वाले फेसबुक पेज “Real-Nationalist” की सोशल स्कैनिंग करने का फैसला किया। हमने पाया कि यह पेज जुलाई 2019 को बनाया गया था और इस पेज को “2,685” लोग फॉलो करते हैं।
नतीजा: विश्वास टीम ने अपनी पड़ताल में पाया कि वायरल हो रही तस्वीरें पाकिस्तान के गुरुद्वारा करतारपुर साहिब की नहीं, बल्कि करतारपुर कॉरिडोर पाकिस्तान के इमिग्रेशन सेंटर की हैं।
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