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Fact Check: 2000 रुपये के नकली नोटों की जब्ती की यह तस्वीर गुजरात की नहीं, तेलंगाना के खम्मम की है

2000 रुपये के नकली नोटों की तस्वीर के गुजरात से बरामद किए जाने के दावे के साथ वायरल हो रही तस्वीर फर्जी है। वायरल तस्वीर तेलंगाना के खम्मम जिले की है, जब तेलंगाना पुलिस ने 2000 रुपये के नकली नोटों के करीब 300 से अधिक बंडल को जब्त किया था।

नई दिल्ली (विश्वास टीम)। सोशल मीडिया पर 2000 रुपये के नोटों के कई बंडल की एक तस्वीर वायरल हो रही है, जिसे लेकर दावा किया जा रहा है कि इन्हें गुजरात से बरामद किया गया है। विश्वास न्यूज की पड़ताल में यह दावा गलत निकला। 2000 रुपये के नकली नोटों की जब्ती का यह मामला तेलंगाना का है, जिसे खम्मम पुलिस ने बरामद किया था।

क्या है वायरल पोस्ट में?

फेसबुक यूजर सुमित शर्मा (Sumit Sharma) ने 2000 रुपये के नोटों की तस्वीर को शेयर करते हुए लिखा है, ”गुजरात से देशभक्ति और ईमानदारी से भरपूर संघ समर्थक श्री केतन दवे की कार से मिला यह नकली नोटों का भण्डार…।”

पड़ताल किए जाने तक इस तस्वीर को करीब 200 लोग शेयर कर चुके हैं। अन्य सोशल मीडिया यूजर ने भी इस तस्वीर को समान और मिलते-जुलते दावे के साथ शेयर किया है।

पड़ताल

गूगल रिवर्स इमेज किए जाने पर ‘तेलंगाना टुडे’ की न्यूज वेबसाइट पर हमें एक खबर का लिंक मिला, जिसमें इस तस्वीर का इस्तेमाल किया गया है। खबर के मुताबिक, ”खम्मम पुलिस ने नकली नोटों के रैकेट का पर्दाफाश किया।”

तेलंगाना टुडे में 2 नवंबर 2019 को प्रकाशित खबर

खबर के मुताबिक यह घटना 2 नवंबर 2019 की है, जब खम्मम पुलिस ने नकली नोटों के गिरोह का पर्दाफाश करते हुए एक ही परिवार के चार लोगों को गिरफ्तार करते हुए उनके पास से 2000 रुपये के नोटों की तरह दिखने वाले नोटों के 350 बंडल की जब्ती की।

खम्मम के पुलिस कमिश्नर तफ्शीर इकबाल ने मीडिया को बताया, ‘यह गिरोह सतुपल्ली से ऑपरेट कर रहा था। मुख्य आरोपी के तौर पर शेख मादर की पहचान की गई है, जो जिले के सतुपल्ली मंडल में गौरीगुदेम गांव में दूध और पॉल्ट्री का कारोबार करता था।’

कमिश्नर ने बताया कि पुलिस ने 2000 रुपये के फर्जी नोटों के 350 बंडल को जब्त किया है और इन सभी नोटों पर रिजर्व बैंक ऑफ इंडिया की जगह चिल्ड्रन बैंक ऑफ इंडिया लिखा हुआ है। सतुपल्ली पुलिस स्टेशन में इस मामले में आरोपियों के खिलाफ (Cr.No. 344/2019 u/s 420, 307 R/w 34 IPC) मुकदमा दर्ज किया गया है।

3 नवंबर 2019 को ‘टाइम्स ऑफ इंडिया’ की खबर से भी इसकी पुष्टि होती है। खबर के मुताबिक तेलंगाना के खम्मम में फर्जी नोटों के गिरोह का भंडाफोड़ करते हुए पुलिस ने 6 करोड़ रुपये के नकली नोटों को जब्त किया। खबर में वीडियो भी शामिल हैं, जिसमें खम्मम के पुलिस कमिश्नर तफ्शीर इकबाल को अन्य पुलिस अधिकारियो के साथ मीडिया से बातचीत करते हुए देखा जा सकता है। वायरल तस्वीर में भी कमिश्नर उन्हीं अधिकारियों के साथ नजर आ रहे हैं।

टाइम्स ऑफ इंडिया में 2 नवंबर 2019 को प्रकाशित खबर

2 नवंबर 2019 को “मुंबई मिरर’ की खबर में भी इस घटना की जानकारी है, जिसमें इस्तेमाल की गई खबर में पुलिस अधिकारियों को उन्हीं नोटों के बंडल के साथ देखा जा सकता है, जो वायरल तस्वीर में नजर आ रही है।

कमिश्नर ऑफ पुलिस खम्मम के ट्विटर हैंडल (अनवेरिफाइड) पर 2 नवंबर को इस घटना की जानकारी दी गई है, जिसमें खम्मम के पुलिस कमिश्नर के साथ अन्य अधिकारी जब्त किए गए नोटों के साथ नजर आ रहे हैं।

विश्वास न्यूज ने इसे लेकर खम्मम के डिप्टी सुपरिन्टेंडेंट ऑफ पुलिस गणेश से बात की है। उन्होंने बताया, ‘खम्मम में फर्जी नोटों की जब्ती की घटना करीब दो महीने पहले हुई थी। हाल-फिलहाल ऐसी कोई जब्ती नहीं हुई है।’

यानी 2000 रुपये के नोटों की जो तस्वीर गुजरात के नाम से वायरल हो रही है, वह तेलंगाना के खम्मम जिले में हुई जब्ती की तस्वीर है, जब स्थानीय पुलिस ने नवंबर महीने में 2000 रुपये के फर्जी नोटों की गड्डियों को जब्त किया था।

वायरल पोस्ट में दूसरा दावा यह किया गया है कि नकली नोटों की बरामदगी ”संघ समर्थक” केतन दवे की कार से की गई है।

न्यूज सर्च में हमें ‘हिंदुस्तान टाइम्स’ में 4 मार्च 2017 को प्रकाशित खबर का लिंक मिला, जिसके मुताबिक नोटबंदी के बाद हुए सबसे बड़े नकली नोटों की जब्ती का मामला गुजरात के राजकोट में सामने आया, जब पुलिस ने राजकोट स्थित फाइनैंसर केतन दवे के पास से 57 लाख से अधिक की रकम बरामद की। इस मामले में छह लोगों को गिरफ्तार किया गया था।

4 मार्च 2017 को हिंदुस्तान टाइम्स में छपी खबर

दोनों घटनाओं का समय और तस्वीरें भी अलग-अलग हैं। 2000 के नोटों की जो तस्वीर वायरल हो रही है, वह तेलंगाना के खम्मम में नवंबर 2019 को हुई जब्ती का है, जबकि गुजरात के राजकोट में रहने वाले केतन दवे के पास से नकली नोटों की बरामदगी की घटना मार्च 2017 की है।

4 मार्च 2017 को यह खबर न्यूज एजेंसी पीटीआई के हवाले से ‘बिजनेस स्टैंडर्ड’ में भी प्रकाशित हुई थी। दोनों ही खबरों में दवे के आरएसएस से संबंधों का कोई जिक्र नहीं है।

निष्कर्ष: 2000 रुपये के नकली नोटों की तस्वीर के गुजरात से बरामद किए जाने के दावे के साथ वायरल हो रही तस्वीर फर्जी है। वायरल तस्वीर तेलंगाना के खम्मम जिले की है, जब तेलंगाना पुलिस ने 2000 रुपये के नकली नोटों के करीब 300 से अधिक बंडल को जब्त किया था।

  • Claim Review : गुजरात से 2000 रुपये के नकली नोटों की बरामदगी
  • Claimed By : FB User-Sumit Sharma
  • Fact Check : झूठ
झूठ
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