Fact Check: तिरुमला की यह तस्वीर देशव्यापी लॉक डाउन की घोषणा से पहले की है

तिरुमला में पुजारियों के पूजा और हवन करने वाली तस्वीर को गलत दावे के साथ वायरल किया जा रहा है। वायरल हो रही तस्वीर देशव्यापी लॉक डाउन की घोषणा से पहले की है।

नई दिल्ली (विश्वास टीम)। दिल्ली के निजामुद्दीन मरकज में शामिल हुए 300 से अधिक लोगों के संक्रमित होने की रिपोर्ट के बाद सोशल मीडिया पर हवन करते हुए एक पुजारियों की एक तस्वीर वायरल हो रही है। दावा किया जा रहा है कि यह तस्वीर देश में जारी लॉक डाउन के बीच 31 मार्च की है।

विश्वास न्यूज की पड़ताल में यह दावा गलत निकला। वायरल हो रही तस्वीर चेन्नई के तिरुमला तिरुपति देवस्थानम की है, जहां 19 मार्च को हवन का आयोजन किया गया था, जबकि देश में लॉक डाउन की घोषणा 24 मार्च को हुई थी।

क्या है वायरल पोस्ट में?

फेसबुक यूजर ‘Janardan Mishra’ ने पुजारियों के हवन की तस्वीर (आर्काइव लिंक) को शेयर करते हुए लिखा है, ”तय कीजिये ये छिपे हुए हैं या फंसे हुए हैं ….! तस्वीर 31 मार्च को तिरुमला के आयोजन की । #राष्ट्रद्रोही_मीडिया।”

सोशल मीडिया पर वायरल हो रही तस्वीर

पड़ताल किए जाने तक इस तस्वीर को एक हजार से अधिक लोग शेयर कर चुके हैं। कई अन्य सोशल मीडिया यूजर्स ने इस तस्वीर को समान और मिलते-जुलते दावे के साथ शेयर किया है।

पड़ताल

वायरल हो रही तस्वीर को संबंधित कीवर्ड के साथ सर्च करने पर हमें ‘इंडिया टुडे’ की वेबसाइट पर 31 मार्च 2020 को प्रकाशित खबर मिली, जिसमें इस तस्वीर का इस्तेमाल किया गया है।

इंडिया टुडे में प्रकाशित खबर

खबर में बताया गया है कि कोरोना वायरस के बढ़ते संक्रमण की वजह से 128 सालों में पहली बार तिरुमला तिरुपति मंदिर को श्रद्धालुओं के लिए बंद किया गया। इसी खबर में वायरल हो रही तस्वीर का इस्तेमाल किया गया है।

तस्वीर की क्रेडिट लाइन में न्यूज एजेंसी ‘PTI’ के नाम का जिक्र है। क्रेडिट लाइन में दी गई जानकारी के मुताबिक, ‘कोरोना वायरस के दुष्प्रभाव को कम करने के लिए चेन्नई के तिरुमला तिरुपति देवस्थानम में पुजारियों ने 19 मार्च को पूजा और हवन किया।’

विश्वास न्यूज ने इसे लेकर न्यूज एजेंसी पीटीआई के फोटो डिवीजन से संपर्क किया। दिल्ली स्थित फोटो डिवीजन से हमें बताया गया कि यह तस्वीर चेन्नई के फोटोग्राफर राधाकृष्णन सेंथिल कुमार ने खींची है।

विश्वास न्यूज से बातचीत में आर सेंथिल कुमार ने बताया कि यह तस्वीर उन्होंने ही 19 मार्च को खींची थी। उन्होंने बताया, ‘चेन्नई के टी नगर में तिरुमला तिरुपति देवस्थानम (सूचना केंद्र) में पुजारियों ने कोरोना वायरस के दुष्प्रभाव को कम करने के लिए पूजा और हवन (धनवंतरी होनम) किया था।’ जबकि वायरल पोस्ट में दावा किया गया है कि यह तस्वीर 31 मार्च की है।

गौरतलब है कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने 24 मार्च की रात को राष्ट्र के संबोधन के दौरान देश भर में 21 दिनों के लॉक डाउन का ऐलान किया था। प्रधानमंत्री के उस संबोधन को यहां सुना जा सकता है।

प्रधानमंत्री की तरफ से लॉक डाउन की घोषणा के बाद गृह मंत्रालय की तरफ से दिशा-निर्देशों को जारी किया गया था।

डेक्कन हेराल्ड की खबर के मुताबिक, देशव्यापी लॉक डाउन की घोषणा होने से पहले यानी 20 मार्च को ही तिरुपति मंदिर को एक हफ्ते के लिए बंद कर दिया गया था और इसके बाद मंदिर का संचालन करने वाली संस्था तिरुमला तिरुपति देवस्थानम ने इसे बढ़ाकर 14 फरवरी तक कर दिया। जो तस्वीर वायरल हो रही है वह चेन्नई स्थित तिरुमला तिरुपति देवस्थानम की तस्वीर है, जो तिरुपति मंदिर का प्रबंधन देखने वाली संस्था है।

डेक्कन हेराल्ड में 20 मार्च को प्रकाशित खबर

तस्वीर को शेयर करने वाले फेसबुक यूजर ने अपनी प्रोफाइल में खुद को इलाहाबाद का रहने वाला बताया है।

निष्कर्ष: तिरुमला में पुजारियों के पूजा और हवन करने वाली तस्वीर को गलत दावे के साथ वायरल किया जा रहा है। वायरल हो रही तस्वीर देशव्यापी लॉक डाउन की घोषणा से पहले की है।

False
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