नई दिल्ली (विश्वास न्यूज)। बिहार विधानसभा चुनाव के पहले चरण के मतदान से पहले सोशल मीडिया पर कई ऐसी तस्वीरें और वीडियो को साझा किया जा रहा है, जिसका बिहार से कोई लेना-देना नहीं है। ऐसी ही एक वायरल तस्वीर को लेकर दावा किया जा रहा है कि यह बिहार चुनाव प्रचार के दौरान की है।
विश्वास न्यूज की पड़ताल में यह दावा गलत निकला। जिस तस्वीर को बिहार चुनाव से जोड़कर वायरल किया जा रहा है वह वास्तव में पश्चिम बंगाल में नागरिकता संशोधन कानून (सीएए) के दौरान हुए विरोध प्रदर्शन की है।
सोशल मीडिया यूजर ‘Keeranur Sha Navas’ ने वायरल तस्वीर (आर्काइव लिंक) को शेयर करते हुए लिखा है, ”Bihar is on fire mode 🔥🔥🔥GoBackModi.”
सोशल मीडिया के अलग-अलग प्लेटफॉर्म पर कई अन्य यूजर्स ने इस तस्वीर को बिहार का मानते हुए उसे समान दावे के साथ शेयर किया है।
वायरल हो रही तस्वीर को गूगल रिवर्स इमेज सर्च किए जाने पर हमें यह तस्वीर पत्रकार मयूख रंजन घोष के वेरिफाइड ट्विटर प्रोफाइल पर मिली।
11 जनवरी 2020 को इस तस्वीर को शेयर करते हुए उन्होंने लिखा है, ‘This is one of the busiest roads in Kolkata. #Esplanade. Lakhs and lakhs of people commute, jam packed traffic r seen. Just look at this place tonight. Roads turned into graffitis, no traffic, all roads blocked, students protesting overnight.This is #Kolkata #modiinkolkata.’
हिंदी में इसे ऐसे पढ़ा जा सकता है, ‘यह कोलकाता के व्यस्ततम सड़कों में से एक है। एस्प्लानेड। लाखों लोग यहां से गुजरते हैं और यहां भीड़-भाड़ आम है। इस जगह को देखिए जरा। सड़कें रंगी हुई दीवालों में बदल गई हैं। कोई ट्रैफिक नहीं। सभी सड़कें बंद हैं। छात्र पूरी रात यहां प्रदर्शन कर रहे हैं। यह कोलकाता है।’
एक अन्य सोशल मीडिया यूजर ‘Madhurima | মধুরিমা’ ने भी अपनी प्रोफाइल से चार तस्वीरों को शेयर किया है, जिसमें वायरल हो रही तस्वीर भी शामिल है।
उन्होंने भी इन तस्वीरों को 11 जनवरी 2020 को शेयर करते हुए इसे कोलकाता के एस्प्लानेड का बताया है। तस्वीर को गौर से देखने पर हमें एक दीवाल पर ‘Metro Channel Control Post Hare Street Police Station’ लिखा हुआ नजर आया।
इस की-वर्ड से सर्च करने पर हमें ‘द हिंदू’ की वेबसाइट पर तीन फरवरी 2019 को प्रकाशित आर्टिकल मिला, जिसमें इस्तेमाल की गई एक तस्वीर में पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी को प्रदर्शन करते हुए देखा जा सकता है। वह जहां बैठी हैं, उनके पीछे नजर आ रही दीवार वही है, जो वायरल तस्वीर में दिख रही है।
तस्वीर के कैप्शन में लिखा हुआ है, ‘कोलकाता पुलिस प्रमुख राजीव कुमार के खिलाफ CBI की कार्रवाई के खिलाफ धरने पर बैठी ममता बनर्जी।’ गेट्टी इमेजेज पर भी यह तस्वीर मौजूद है और उसके साथ दी गई जानकारी के मुताबिक यह फोटो कोलकाता के मेट्रो चैनल के सामने की है।
गूगल मैप से भी इस लोकेशन (मेट्रो चैनल पुलिस स्टेशन, एस्प्लानेड) के बंगाल में होने की पुष्टि होती है। इससे यह साबित होता है कि वायरल हो रही तस्वीर कोलकाता में हुए पुराने विरोध प्रदर्शन की है, जिसे बिहार चुनाव के दौरान मोदी विरोध के गलत दावे के साथ वायरल किया जा रहा है।
विश्वास न्यूज ने मयूख रंजन घोष से संपर्क किया। उन्होंने हमें बताया, ‘वायरल हो रही तस्वीर बंगाल में जनवरी महीने में नागरिकता संशोधन कानून (CAA) के खिलाफ हुए विरोध प्रदर्शन की है। यह मेट्रो चैनल के बाहर की तस्वीर है, जो हारे स्ट्रीट पुलिस स्टेशन के क्षेत्राधिकार में आता है। इसे मेट्रो चैनल के नाम से भी बुलाते हैं।’
वायरल हो रही तस्वीर को गलत दावे के साथ शेयर करने वाले यूजर ने अपनी प्रोफाइल में खुद को तमिलनाडु के कोयंबटूर का रहने वाला बताया है। उनकी प्रोफाइल को करीब आठ सौ से अधिक लोग फॉलो करते हैं।
निष्कर्ष: पश्चिम बंगाल में नागरिकता संशोधन कानून (CAA) के खिलाफ हुए विरोध प्रदर्शन की पुरानी तस्वीर को बिहार चुनाव से जोड़कर वायरल किया जा रहा है।
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