Fact Check: उत्तर प्रदेश के पुजारी की शवयात्रा की तस्वीर पुणे के डॉक्टर की मौत के नाम पर वायरल

नई दिल्ली (विश्वास न्यूज)। सोशल मीडिया पर कई यूजर्स शव यात्रा की एक तस्वीर को शेयर कर रहे हैं। दावा किया जा रहा है कि पुणे के एक डॉक्टर की कोरोना वायरस संक्रमण के कारण मौत हो गई और मुस्लिम लोगों ने उनका अंतिम संस्कार किया, क्योंकि उनके बच्चे विदेश से भारत नहीं आ सके थे।

विश्वास न्यूज की पड़ताल में यह दावा गलत निकला। शवयात्रा की जिस तस्वीर को पुणे का बताकर वायरल किया जा रहा है, वह उत्तर प्रदेश के मेरठ की घटना है। साथ ही मरने वाले व्यक्ति का नाम रमेश चंद माथुर था, जो मंदिर की देखभाल किया करते थे।हालांकि, वायरल पोस्ट में मृतक का नाम डॉ. रमाकांत जोशी बताया गया है, जो पुणे के रहने वाले थे।

क्या है वायरल पोस्ट में?

सोशल मीडिया यूजर ‘Roman Kravencheko’ ने वायरल तस्वीर (आर्काइव लिंक) को शेयर करते हुए लिखा है, ”@sinha_ankit9 This is a case of Pune doctor who died because of Covid-19… muslims are performing funeral for this man because his own kids are abroad…his name is Dr Ramakant Joshi.. would you have done this for any muslim?”

https://twitter.com/Romankrevenche1/status/1299224228328169472

सोशल मीडिया के अलग-अलग प्लेटफॉर्म पर कई अन्य यूजर्स ने इस तस्वीर को समान दावे के साथ शेयर किया है।

फेसबुक पर गलत दावे के साथ साझा की जा रही पोस्ट

Kohraam.com की वेबसाइट पर लगी खबर (आर्काइव लिंक) में भी इस तस्वीर का इस्तेमाल किया गया है और दावा किया गया है कि महाराष्ट्र के पुणे में कोरोना महामारी से संक्रमित डॉक्टर की मौत हो गई, जिसके बाद तबलीगी जमात के लोगों ने आगे आकर शव का अंतिम संस्कार किया।

पड़ताल

वायरल तस्वीर को गूगल रिवर्स इमेज सर्च करने पर हमें यह तस्वीर ‘टाइम्स ऑफ इंडिया’ की वेबसाइट पर 30 अप्रैल 2020 को प्रकाशित खबर में मिली।

टाइम्स ऑफ इंडिया की वेबसाइट पर 30 अप्रैल 2020 को प्रकाशित खबर

खबर के मुताबिक, ‘उत्तर प्रदेश के मेरठ में एक मंदिर के पुजारी रमेश माथुर के देहावसान के बाद मुस्लिमों ने उनके शव को कंधा दिया। माथुर अपनी पत्नी और बेटे के साथ मेरठ के शाहपीर गेट वाले इलाके में रहते थे, जो मुस्लिम बहुल इलाका है।’

न्यूज सर्च करने पर हमें इस मामले की विस्तृत रिपोर्ट ‘दैनिक जागरण’ की वेबसाइट पर 29 अप्रैल को लगी खबर में मिली। खबर में इसी शवयात्रा की एक अन्य तस्वीर लगी हुई है। रिपोर्ट के मुताबिक, ‘शाहपीर गेट स्थित कायस्थ धर्मशाला निवासी पुजारी की मौत के बाद अंतिम यात्रा में नाते-रिश्तेदार नहीं आ सके। आसपास के मुस्लिम समुदाय के लोगों ने परिवार को ढांढस बंधाया और शव को कंधा देते हुए सूरजकुंड श्मशान घाट ले गए।’

दैनिक जागरण में 29 अप्रैल को प्रकाशित खबर

रिपोर्ट में बताया गया है, ’68 वर्षीय रमेश माथुर कायस्थ धर्मशाला में अपनी पत्‍‌नी रेखा के साथ रहते थे। रमेश धर्मशाला की देखरेख करने के साथ ही वहां पर स्थित चित्रगुप्त जी मंदिर में पूजा अर्चना भी करते थे।’

इसके बाद हमने हमारे सहयोगी दैनिक जागरण के मेरठ के रिपोर्टर से संपर्क किया। सिटी रिपोर्टर ओम वाजपेयी ने इसकी पुष्टि करते हुए बताया, ‘यह तस्वीर मेरठ के शाहपीर गेट स्थित कायस्थ धर्मशाला निवासी पुजारी के अंतिम यात्रा की ही है।’

रिपोर्ट में बताया गया है, ‘रमेश के अमाशय की आंत में गांठ थी। मंगलवार की दोपहर दो बजे उनका निधन हो गया। घर में केवल छोटा बेटा चंद्रमौली और पत्‍‌नी थे। रमेश की मौत से मां और बेटा असहाय हो गए। विलाप सुनकर पड़ोस में रहने वाले अकील मियां पहुंचे। कुछ ही समय में सारे मोहल्ले के लोग धर्मशाला में जमा हो गए। मुस्लिम महिलाएं पहुंचीं और रेखा को संभाला। सूचना पर पूर्व पार्षद हिफ्जुर्रहमान पहुंचे और बेटे को दिलासा दिया। अकील मियां कुछ लोगों को साथ लेकर गंगा मोटर कमेटी पहुंचे। वहां से अंतिम संस्कार का सामान लेकर आए। मुस्लिम समाज के लोगों ने ही अर्थी तैयार की। मुखाग्नि चंद्रमौली ने दी। जनाजे में चलने वाले सभी लोग राम नाम सत्य है का उद्घघोष भी लगा रहे थे।’

विश्वास न्यूज ने इस जनाजे में शामिल हिजबुर्रहमान से संपर्क किया। उन्होंने भी तस्वीर की पुष्टि करते हुए इसे रमेश माथुर की शवयात्रा का बताया।

इसके बाद हमने न्यूज सर्च के जरिए पुणे में रमाकांत जोशी के नाम के किसी डॉक्टर की कोरोना वायरस से हुई मौत की खबर को खोजने की कोशिश की। सर्च में हमें ऐसी कोई रिपोर्ट नहीं मिली, जिसमें ऐसी किसी घटना का जिक्र हो।

वायरल तस्वीर को गलत दावे के साथ शेयर करने वाले यूजर ने अपनी प्रोफाइल में खुद को कनाडा का रहने वाला बताया है। उनकी प्रोफाइल में दी गई जानकारी के मुताबिक, वह भारतीय अल्पसंख्यक और इस्लाम पर शोध कर रहे हैं।

https://www.instagram.com/p/CEtQBwKnbT6/

निष्कर्ष: पुणे के डॉक्टर की कोरोना वायरस संक्रमण से हुई मौत और मुस्लिमों के उनकी शवयात्रा में शामिल होने के दावे के साथ वायरल हो रही तस्वीर उत्तर प्रदेश के मेरठ की है, जहां के एक पुजारी की मौत के बाद मुस्लिमों ने उनके शव को कंधा देते हुए उनके अंतिम संस्कार में मदद की थी।

False
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