विश्वास टीम (नई दिल्ली)। नागरिकता संशोधन विधेयक के संसद के दोनों सदनों से पारित होने के बाद असम के मुख्यमंत्री सर्वानंद सोनोवाल और वित्त मंत्री हेमंत बिस्वा सरमा की तस्वीर वायरल हो रही है, जिसमें वह किसी आध्यात्मिक शख्सियत के साथ बैठे हुए नजर आ रहे हैं। दावा किया जा रहा है कि उनके साथ नजर आ रहा आध्यात्मिक व्यक्ति बांग्लादेशी है।
विश्वास न्यूज की पड़ताल में यह दावा गलत निकला। असम के मुख्यमंत्री और वित्त मंत्री के साथ नजर आ रहा व्यक्ति न तो बांग्लादेशी है और न ही वह मुख्यमंत्री के आध्यात्मिक गुरु हैं।
फेसबुक यूजर ‘’ৰাজ পা’পজ অসমীয়া’’ ने असम के मुख्यमंत्री सर्वानंद सोनोवाल और हेमंत बिस्वा सरमा की तस्वीर को शेयर करते हुए लिखा है, ‘‘বাংলাদেশী বঙালৰ ভৰিৰ তলুৱা চেলেকি থকা অৱস্থাত আমাৰ অসমৰ ভতুৱা কুকুৰ কিতা চা !’”
हिंदी में इसे ऐसे पढ़ा जा सकता है, ‘बांग्लादेशियों के @##@#@# हमारे नेता।’ पड़ताल किए जाने तक इस तस्वीर को 2,000 से अधिक लोग शेयर कर चुके हैं।
वायरल फेसबुक पोस्ट को गलत बताते हुए असम के कई यूजर्स ने इसे रिपोर्ट किए जाने और फेसबुक से हटाए जाने की मांग की है।
तस्वीर को रिवर्स इमेज किए जाने पर हमें असम के एक पोर्टल sentinelassam.com पर 9 दिसंबर 2019 को प्रकाशित रिपोर्ट मिली, जिसमें इसी तस्वीर का इस्तेमाल किया गया है। रिपोर्ट के मुताबिक, मुख्यमंत्री (सर्वानंद सोनोवाल) ने एक कार्यक्रम के दौरान लोगों से आध्यात्मिक गुरु ”श्री श्री अनुकूल चंद्र” के आदर्शों का अनुसरण करने की अपील की।
खबर के मुताबिक, ‘मुख्यमंत्री नागांव जिले में ”श्री श्री अनुकूल चंद्र” के धृति बरताना महोत्सव में भाग लेने गए थे। जहां उन्होंने असम के लोगों से ”परम प्रेमामोई श्री श्री ठाकुर अनुकूल चंद्र” के आदर्शों और शिक्षाओं का अनुसरण करने की अपील की, ताकि सौहार्द्रपूर्ण समाज का निर्माण किया जा सके।’ इस मौके पर उनके साथ राज्य के वित्त मंत्री हेमंत बिस्वा सरमा भी मौजूद थे।
8 दिसंबर 2019 को मुख्यमंत्री सोनोवाल ने अपने आधिकारिक ट्विटर हैंडल से इन तस्वीरों को ट्वीट किया है।
खबर बताती है कि इस मौके पर मुख्यमंत्री ने ”श्री श्री बबाई दा” से भी बात की। ‘बबाई दा (Bobai Da)’ कीवर्ड के साथ सर्च करने पर हमें उनका कई वीडियो और तस्वीरें मिली, जो यह बता रही है कि मुख्यमंत्री और वित्त मंत्री जिस व्यक्ति के साथ बैठे हुए नजर आ रहे हैं वह बबाई दा ही हैं। सत्संग बिहार नाम के यू-ट्यूब चैनल पर 13 सितंबर 2017 को अपलोड किए गए वीडियो में उन्हें बोलते हुए सुना जा सकता है।
alchetron.com पर बबाई दा के वीडियो और उनकी तस्वीरों को देखा जा सकता है। यहां पर मौजूद जानकारी के मुताबिक बबाई दा (मूल नाम अक्रद्युति चक्रवर्ती) एक आध्यात्मिक गुरु हैं, जिनका जन्म झारखंड के देवघर में हुआ है और वह यहां मौजूद सत्संग आश्रम में आध्यात्मिक गतिविधियों का संचालन करते हैं। उनका जन्म ठाकुर अनुकूल चंद्र के परिवार में हुआ था।
दैनिक जागरण में देवघर के ब्यूरो चीफ राजीव रंजन इसकी पुष्टि की। उन्होंने बताया, ‘ठाकुर अनुकूल चंद्र अविभाजित भारत में ही देवघर (झारखंड) आ गए थे। ऐसे में वह भारतीय नागरिक ही हैं। उनके बेटे का नाम अमरेंद्रनाथ चक्रवर्ती था, जिन्हें लोग बर दा के नाम से बुलाते हैं। अमरेंद्रनाथ चक्रवर्ती के बेटे अशोक चक्रवर्ती हुए और इन्हीं के बेटे हैं बबाई दा। बबाई दा के मार्गदर्शन में गठित समिति सत्संग की आध्यात्मिक गतिविधियों का संचालन करती हैं। सत्संग के अनुयायी पूरे देश में फैले हुए हैं।’ उन्होंने कहा कि सत्संग का प्रभाव झारखंड-बंगाल और पूर्वोत्तर के राज्यों में है।
gutenberg.us पर मौजूदा जानकारी से इसकी पुष्टि होती है। वेबसाइट पर दी गई जानकारी के मुताबिक, श्री श्री बबई दा का जन्म झारखंड के देवघर में ठाकुर अनुकूल चंद्र के परिवार में हुआ था। वह देश और विदेश में अनुकूल चंद्र की शिक्षा और आदर्शों का प्रचार करते हैं।
देवघर जिला प्रशासन की आधिकारिक वेबसाइट पर हमें सत्संग आश्रम और उसके संस्थापक अनुकूल चंद्र के बारे में जानकारी मिली।
जानकारी के मुताबिक, ‘सत्संग आश्रम ठाकुर अनुकूल चंद्र के श्रद्धालुओं के लिए पवित्र स्थान है, जिसे अनुकूल चंद्र ने स्थापित किया था। ठाकुर अनुकूल चंद्र का जन्म 14 सितंबर 1988 को अविभाजित भारत के पबना जिले के हिमैतपुर गांव में हुआ था। उन्होंने 1946 में देवघर में इस आश्रम की स्थापना की, जो सभी समुदाय के लोगों के लिए आकर्षण के केंद्रों में से एक हैं।’
सत्संग की वेबसाइट पर उनकी जन्म और कर्मयात्रा के बारे में विस्तार से जानकारी दी गई है।
असम के वरिष्ठ पत्रकार अनिरुद्ध भगत ने बताया, “मुख्यमंत्री सर्वानंद सोनोवाल के आध्यात्मिक गुरु का निधन कुछ सालों पहले हो चुका है और वह असम के ही रहने वाले थे।” उन्होंने कहा कि असम के कुछ इलाकों में सत्संग और उसकी आध्यात्मिक शिक्षा को मानने वाले श्रद्धालु रहते हैं।
30 जनवरी 2017 को अंग्रेजी अखबार टाइम्स ऑफ इंडिया में प्रकाशित खबर का लिंक मिला, जिसमें इस घटना की जानकारी है।
खबर के मुताबिक, ‘मुख्यमंत्री सर्वानंद सोनोवाल के आध्यात्मिक गुरु कृष्णागुरु ईश्वर अरुण गोस्वामी का 82 साल की उम्र में निधन हो गया। उन्होंने बरपेटा में कृष्णागुरु सेवाश्रम की स्थापना की थी।’
नागरिकता संशोधन विधेयक के संसद के दोनों सदनों से पारित होने के बाद सोशल मीडिया पर लगातार अफवाहें फैलाई जा रही हैं। असम के मुख्यमंत्री सर्वानंद सोनोवाल ने लोगों को इससे बचने की अपील की है। उन्होंने कहा, ‘कुछ लोग फर्जी और भ्रामक खबरें फैला कर स्थिति को बिगाड़ना चाहते हैं। उनका कहना है कि असम में 1 करोड़ से 1.5 करोड़ लोगों को नागरिकता मिलने जा रही है, जो फर्जी दुष्प्रचार है।’
निष्कर्ष: असम के मुख्यमंत्री सर्वानंद सोनोवाल और वित्त मंत्री हेमंत बिस्वा सरमा की तस्वीर गलत संदर्भ के साथ सोशल मीडिया पर वायरल हो रही है। वायरल तस्वीर में वह सत्संग आश्रम के बबाई दा के साथ नजर आ रहे हैं, जो बांग्लादेशी नहीं हैं। बबाई दा झारखंड के देवघर में पैदा हुए और वहां स्थापित सत्संग आश्रम की आध्यात्मिक गतिविधियों का संचालन करते हैं।
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