वायरल पोस्ट भ्रामक है। मिस्र की 2011 की तस्वीर को 28 फरवरी 2021 को हुई रैली का बता कर वायरल किया जा रहा है।
नई दिल्ली (विश्वास न्यूज़)। सोशल मीडिया पर एक भीड़ की तस्वीर को शेयर करते हुए दावा किया जा रहा है कि यह 28 फरवरी 2021 को पश्चिम बंगाल में कोलकाता के ब्रिगेड ग्राउंड में हुई लेफ्ट की रैली की तस्वीर है।
Vishvas News की जांच में दावा गलत निकला। मिस्र में 2011 में हुए एक विरोध प्रदर्शन की तस्वीर को 28 फरवरी 2021 को कोलकता में हुई रैली का बता कर वायरल किया जा रहा है।
क्या हो रहा है वायरल
इस पोस्ट को Au Ro नाम के एक फेसबुक यूजर ने Ramachandra Guha नाम के फेसबुक पेज पर शेयर करते हुए लिखा “This is Massive! Joint rally of INC, India & CPIM, WESTBENGAL at Brigade ground in the heart of Kolkata. More then 10 million people join in. According to opinion polls conducted by Telegraph, Wire, Scroll and Quint, Mamta Bannerjee won by an overwhelming majority already. In the words of Neruda, you can cut all flowers but you cannot stop spring.”
इस पोस्ट के आर्काइव लिक को यहाँ देखा जा सकता है।
पड़ताल
वामपंथी-कांग्रेस-आईएसएफ गठबंधन ने रविवार 28 फरवरी 2021 को कोलकाता के प्रसिद्ध ब्रिगेड परेड ग्राउंड में मेगा रैली के साथ 2021 पश्चिम बंगाल विधानसभा चुनाव के लिए अपने अभियान को शुरू किया था। कई मीडिया हाउसेस ने भी इस रैली को कवर किया था।
वायरल तस्वीर की पड़ताल करने के लिए हमने Google रिवर्स इमेज सर्च टूल का उपयोग करके तस्वीर के स्रोत की खोज की। हमें यह तस्वीर democratherald.com नाम की वेबसाइट पर मिली। इसके साथ कैप्शन में लिखा था, “Egypt 2011: Ten years ago: Egyptian President Hosni Mubarak announced he would not run for a new term in September elections but rejected protesters’ demands he step down immediately and leave the country, after a dramatic day in which a quarter-million Egyptians staged their biggest protest to date calling on him to go.” मतलब यह कि यह तस्वीर मिस्र की है और 2011 की है।
हमें यही तस्वीर 1 February 2011 को फाइल्ड cryptome.org की गैलरी में भी मिली। इस तस्वीर के साथ डिस्क्रिप्शन में लिखा था “The crowd gathers in Tahrir, or Liberation, Square in Cairo, Egypt, Tuesday, Feb. 1, 2011. Tens of thousands of people flooded into the heart of Cairo Tuesday, filling the city’s main square as a call for a million protesters was answered by the largest demonstration in a week of unceasing demands for President Hosni Mubarak to leave after nearly 30 years in power. AP” जिसका हिंदी अनुवाद होता है ” मंगलवार, 1 फरवरी, 2011 को मिस्र के काहिरा में ताहिर स्क्वायर में भीड़ इकट्ठा हुई। हजारों लोगों ने शहर के मुख्य चौक को भर दिया। एपी”
इस वायरल दावे के संबंध में हमने हमारे सहयोगी दैनिक जागरण के कोलकाता ब्यूरो प्रमुख जेके वाजपेयी से संपर्क किया। उन्होंने कहा, “यह तस्वीर हाल में हुई लेफ्ट रैली की नहीं है। असल में यह तस्वीर कोलकाता की है ही नहीं। तस्वीर में दिख रही इमारतें कोलकाता में नहीं हैं।”
विश्वास न्यूज ने इस वायरल दावे को शेयर करने वाले यूजर Au Ro के प्रोफाइल को स्कैन किया। हमने पाया कि यूजर पांडिचेरी से है।
निष्कर्ष: वायरल पोस्ट भ्रामक है। मिस्र की 2011 की तस्वीर को 28 फरवरी 2021 को हुई रैली का बता कर वायरल किया जा रहा है।
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