तेलंगाना के हैदराबाद में दुर्गा पूजा पंडाल में मानसिक रूप से बीमार व्यक्ति के द्वारा अनजाने में प्रसाद और देवी दुर्गा की मूर्ति को नुकसान पहुंचाए जाने की घटना को सांप्रदायिक दावे के साथ भ्रामक रूप से शेयर किया जा रहा है।
नई दिल्ली (विश्वास न्यूज)। सोशल मीडिया यूजर एक वीडियो को शेयर कर रहे हैं, जिसमें देवी दुर्गा की प्रतिमा नजर आ रही है और मूर्ति के नीचे कुछ सामान बिखरा पड़ा है। वीडियो को सांप्रदायिक रंग देते हुए यह कहकर साझा किया जा रहा है कि यह बांग्लादेश में हुई घटना का नहीं, बल्कि हैदराबाद की घटना का है।
विश्वास न्यूज ने अपनी जांच में इस दावे को भ्रामक पाया। वायरल हो रहा वीडियो हैदराबाद का है, लेकिन इसमें कोई सांप्रदायिक एंगल नहीं है। मामले में गिरफ्तार आरोपी का नाम कृष्णैया गौड़ है, जो मानसिक रूप से अस्वस्थ है। पुलिस ने आरोपी को गिरफ्तार कर उसकी जांच कराए जाने के बाद उसे मानसिक चिकित्सालय भेज दिया है। हैदराबाद
सोशल मीडिया यूजर ‘Naresh Kumar’ ने वायरल वीडियो (आर्काइव लिंक) को शेयर करते हुए लिखा है, “ये दृश्य बांग्लादेश का नही बल्कि भारत के हैदराबाद का है वीडियो शेयर करो।”
सोशल मीडिया के अलग-अलग प्लेटफॉर्म पर कई अन्य यूजर्स ने इस वीडियो को समान दावे के साथ शेयर किया है।
वायरल वीडियो के आधार पर की-वर्ड सर्च करने पर हमें कई न्यूज रिपोर्ट्स मिली, जिसमें इस घटना का जिक्र है। इंडिया टुडे की 12 अक्टूबर की रिपोर्ट के मुताबिक, “तेलंगाना के हैदराबाद में देवी दुर्गा की मूर्ति तोड़ने के आरोप में मानसिक रूप से अस्वस्थ एक व्यक्ति को गिरफ्तार किया गया है। आरोपी की पहचान कृष्णैया गौड़ के रूप में हुई है, जो तेलंगाना के नगरकुर्नूल जिले का रहने वाला है।”
डेक्कन हेराल्ड.कॉम की वेबसाइट पर हमें इस घटना की रिपोर्ट समान संदर्भ में साझा हुई मिली। न्यूज एजेंसी पीटीआई की रिपोर्ट के मुताबिक, “पुलिस ने इस मामले में किसी भी सांप्रदायिक एंगल से इनकार किया है।”
सर्च में हमें न्यूज एजेंसी का ट्वीट मिला, जिसमें हैदराबाद के सेंट्रल जोन के डीसीपी अक्षांश यादव का बयान है।
उनके मुताबिक, “सुबह लगभग 6:00 बजे हमें फोन आया कि प्रदर्शनी मैदान में रखी दुर्गा माता की मूर्ति का दाहिना हाथ क्षतिग्रस्त हो गया है और ‘प्रसाद’ और मूर्ति के चरणों में रखे अन्य सामान बिखरे हुए हैं। हमारी टीम तत्काल वहां पहुंची और सबूत की तलाश में हमने सीसीटीवी फुटेज को खंगाला और सुबह करीब 8.15 बजे एक आरोपी को गिरफ्तार किया। आरोपी का नाम कृष्णैया गौड़ है, जो इधर-उधर भटकने वाला व्यक्ति है। वह भूख की वजह से इस पंडाल में आया और भोजन की तलाश में उसने प्रसाद को बिखेर दिया और इसी दौरान मूर्ति भी क्षतिग्रस्त हो गई। चूंकि यह घटना आयोजकों की लापरवाही की वजह से हुई, इसलिए हमने आयोजकों के खिलाफ भी मामला दर्ज किया है।”
हमारी जांच से स्पष्ट है कि वायरल हो रहा वीडियो हैदराबाद में हुई घटना का है, लेकिन इसमें कोई सांप्रदायिक पहलू नहीं है। वायरल वीडियो को लेकर हमने हैदराबाद के डिप्टी कमिश्नर ऑफ पुलिस अक्षांश यादव से संपर्क किया। उन्होंने घटना में किसी भी सांप्रदायिक पहलू के दावे को खारिज करते हुए कहा, “आरोपी व्यक्ति मानसिक रूप से बीमार है और हमने सीसीटीवी को चेक किया और पाया कि वह जो कर रहा था उसे इसका बिलकुल भी अंदाजा नहीं था। आरोपी का नाम कृष्णैया गौड़ है।” यादव ने बताया, “आरोपी को गिरफ्तार कर उसे मजिस्ट्रेट के समक्ष पेश किया गया और फिर जांच के बाद मानसिक चिकित्सालय भेज दिया।”
वायरल वीडियो को शेयर करने वाले यूजर को फेसबुक पर करीब चार लाख लोग फॉलो करते हैं। कुछ दिनों पहले ऐसे ही एक वीडियो को मध्य प्रदेश के उज्जैन के नाम पर सांप्रदायिक दावे के साथ वायरल किया गया था, जिसने हमने अपनी जांच में फेक पाया था। संबंधित फैक्ट चेक रिपोर्ट को यहां पढ़ा जा सकता है।
गौरतलब कि एआईएमआईएम के अध्यक्ष असदुद्दीन ओवैसी हदैराबाद से लगातार पांचवीं बार लोकसभा के लिए निर्वाचित हुए हैं। 2024 के चुनावी नतीजों के मुताबिक, ओवैसी ने भारतीय जनता पार्टी (बीजेपी) की उम्मीदवार माधवी लता कोंपेला को करीब तीन लाख से अधिक मतों से मात दी।
निष्कर्ष: तेलंगाना के हैदराबाद में दुर्गा पूजा पंडाल में मानसिक रूप से बीमार व्यक्ति के द्वारा अनजाने में प्रसाद और देवी दुर्गा की मूर्ति को नुकसान पहुंचाए जाने की घटना को सांप्रदायिक दावे के साथ भ्रामक रूप से शेयर किया जा रहा है।
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