विश्वास न्यूज की पड़ताल में वायरल पोस्ट फेक साबित हुई। भाजपा और पीएम मोदी के खिलाफ दुष्प्रचार की मंशा से वायरल पोस्ट को वायरल किया गया।
नई दिल्ली (विश्वास न्यूज)। भाजपा और पीएम नरेंद्र मोदी पर निशाना साधते हुए एक पोस्ट वायरल हो रही है। इस पोस्ट में इस्तेमाल की गई तस्वीर में कोविड के वक्त मारे गए लोगों के अंतिम संस्कार को दिखाया गया है। जहां पर लोगों के शव जल रहे हैं, वहां भाजपा का एक कथित होर्डिंग दिखाया गया है। इसमें पीएम मोदी की तस्वीर के साथ लिखा गया है कि सबका होगा अंतिम संस्कार, फिर एक बार मोदी सरकार। वायरल पोस्ट में एक दूसरी आपत्तिजनक तस्वीर का भी इस्तेमाल किया गया।
विश्वास न्यूज ने वायरल पोस्ट की विस्तार से जांच की। यह एडिटेड साबित हुई। पता चला कि भोपाल की एक तस्वीर के साथ छेड़छाड़ के बाद वायरल पोस्ट की फोटो को तैयार किया गया है। पड़ताल में वायरल पोस्ट फेक साबित हुई। वायरल पोस्ट में इस्तेमाल की गई दूसरी तस्वीर भी काफी आपत्तिजनक और फर्जी साबित हुई।
इंस्टाग्राम हैंडल शिबू आदिवासी ने 19 अक्टूबर को एक पोस्ट किया। इसमें एक श्मशान घाट पर बड़ी संख्या में लोगों का अंतिम संस्कार होते हुए देखा जा सकता है। साथ में पीएम और भाजपा का एक होर्डिंग भी नजर आ रहा है।
सोशल मीडिया के अलग-अलग प्लेटफॉर्म पर कई अन्य यूजर्स ने इस वीडियो को समान और मिलते-जुलते दावे के साथ शेयर किया है। पोस्ट के कंटेंट को यहां ज्यों का त्यों लिखा गया है। पोस्ट का आर्काइव वर्जन यहां देखें।
वायरल तस्वीर की सच्चाई पता लगाने के लिए सबसे पहले गूगल लेंस टूल की मदद से इसे खोजना शुरू किया गया। असली तस्वीर भास्कर डॉट कॉम पर तीन साल पहले पब्लिश एक खबर में मिली। तस्वीर के कैप्शन में इसे भोपाल के भदभदा विश्रामघाट में हुए अंतिम संस्कार का बताया गया।
पड़ताल को आगे बढ़ाते हुए वायरल तस्वीर और ऑरिजिनल तस्वीर का तुलनात्मक अध्ययन किया गया। इसमें साफ देखा जा सकता है कि भोपाल के भदभदा विश्रामघाट की तस्वीर के साथ छेड़छाड़ करके फर्जी होर्डिंग को अलग से जोड़ा गया है।
पड़ताल को आगे बढ़ाते हुए पोस्ट में इस्तेमाल की गई दूसरी तस्वीर की भी जांच की गई। गूगल रिवर्स सर्च इमेज टूल से सर्च करने पर असली तस्वीर हमें पूर्व प्रधानमंत्री एचडी देवगोडा के एक्स हैंडल पर मिली। 22 अगस्त 2018 को पोस्ट की गई असली तस्वीर में बताया गया कि देवगौड़ा वाईएसवी दत्ता की पत्नी निर्मला के निधन पर शोक जताने के लिए पहुंचे थे।
जांच के अगले चरण में हमने भाजपा के यूपी प्रवक्ता अवनीश त्यागी से संपर्क किया। उन्होंने भी इसे फर्जी बताते हुए कहा कि भाजपा और प्रधानमंत्री की लोकप्रियता से चिढ़ने वाले ही ऐसी हरकत कर सकते हैं।
निष्कर्ष: विश्वास न्यूज की पड़ताल में वायरल पोस्ट फेक साबित हुई। भाजपा और पीएम मोदी के खिलाफ दुष्प्रचार की मंशा से वायरल पोस्ट को वायरल किया गया।
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