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Fact Check: ईरान में हिजाब अनिवार्यता कानून नहीं हुआ खत्म, नैतिकता पुलिस के भंग होने का दावा भी गलत है

विश्वास न्यूज़ ने अपनी पड़ताल में पाया कि वायरल किये जा रहे यह दोनों ही दावे फर्जी हैं। ना ही ईरान में हिजाब की अनिवार्यता को खत्म किया गया है और न ही नैतिकता पुलिस को भंग किया गया है। वायरल पोस्ट फर्जी है।

  • By: Umam Noor
  • Published: Dec 18, 2022 at 06:09 PM

नई दिल्ली (विश्वास न्यूज़)। ईरान में पिछले कुछ अरसे से हिजाब के खिलाफ हो रहे प्रदर्शनों के बीच सोशल मीडिया पर कई खबर वायरल हो रही है। वायरल पोस्ट में दावा किया जा रहा है कि ईरान की सरकार ने इस मामले पर घुटने टेकते हुए हिजाब पहनने को अनिवार्य करने वाले कानून को ख़त्म कर दिया है और धार्मिक पुलिस को भंग कर दिया गया है। विश्वास न्यूज़ ने अपनी पड़ताल में पाया कि वायरल किये जा रहे यह दोनों ही दावे फर्जी हैं। ना ही ईरान में हिजाब की अनिवार्यता को खत्म किया गया है और न ही नैतिकता पुलिस को भंग किया गया है। वायरल पोस्ट फर्जी है।

क्या है वायरल पोस्ट में?

फेसबुक यूजर ने वायरल पोस्ट को शेयर करते हुए लिखा, ‘आखिर ईरान की इस्लामी सरकार महिला अधिकार आंदोलन के आगे झुक ही गई | ईरान में अब महिलाओं के लिए हिजाब की अनिवार्यता समाप्त कर दी गई है | धार्मिक पुलिस को भंग कर दिया गया है।”

पोस्ट के आर्काइव वर्जन को यहाँ देखें।

पड़ताल

वायरल पोस्ट में दो दावे किये जा रहे हैं इसलिए हमने पड़ताल दो भागों में करने का फैसला किया।

पहला दावा

‘ईरान की सरकार ने महिलाओं के लिए हिजाब की अनिवार्यता समाप्त कर दी।’ इस दावे के पड़ताल के लिए सबसे पहले हमने न्यूज़ सर्च किया। सर्च में हमें ऐसी कोई खबर नहीं मिली, जो इस दावे की पुष्टि करती हो।

फ्रांस 24 इंग्लिश के यूट्यूब चैनल पर हमें 16 दिसंबर 2022 को अपलोड हुआ वीडियो मिला, जिसमें दी गई मालूमात के मुताबिक, मिस्बा अमिनी की मौत के तीन महीने बाद अभी भी ईरान के कुछ हिस्सों में हिजाब के खिलाफ प्रदर्शन जारी है।

WION के यूट्यूब चैनल पर 18 दिसंबर 2022 यानी आज अपलोड हुआ एक वीडियो मिला, जिसमें दी गई मालूमात के मुताबिक, ‘ईरान के प्रदर्शनों में शामिल होने की वजह से ईरानी एक्ट्रेस टरनेह अलीदूस्ती को हिरासत में ले लिया है।’

वायरल दावे से जुड़ी पुष्टि के लिए हमने ईरान के पत्रकार हामिद रज़ा से संपर्क किया और उन्होंने हमें बताया, ‘यह खबर पूरी तरह फर्जी है। ईरान की सरकार ने हिजाब पहनने की अनिवार्यता को खत्म नहीं किया है।’

दूसरा दावा

वायरल की जा रही पोस्ट में दूसरा दावा है, ‘ईरान की धार्मिक पुलिस को भंग कर दिया गया है।’

टाइम डॉट कॉम की 6 दिसंबर 2022 की खबर के मुताबिक, ‘ईरान के अटॉर्नी जनरल मोहम्मद जफर मोंटेजेरी ने एक सवाल के जवाब में कहा था, ‘नैतिकता पुलिस का न्यायपालिका से कोई लेना-देना नहीं है और इसे समाप्त कर दिया गया है। उनके इस बयान के बाद ईरान की स्टेट मीडिया का कहना है कि जफर मोंटेजेरी के बयान की गलत व्याख्या की गई है। इसके अलावा किसी भी ईरानी अधिकारी ने नैतिकता पुलिस को बंद करने की पुष्टि नहीं की है।”

सीएनबीसी की 5 दिसंबर की खबर में ईरान के अल- आलम न्यूज़ के हवाले से बताया गया, “ईरान के इस्लामिक गणराज्य में किसी भी अधिकारी ने नैतिकता पुलिस को भंग करने की पुष्टि नहीं की है।”

ईरान की न्यूज़ वेबसाइट etemadonline की खबर के मुताबिक, ‘कुछ विदेशी मीडिया ने देश के अटॉर्नी जनरल के एक उद्धरण का हवाला देते हुए दावा किया कि ईरान में धार्मिक पुलिस को हटा दिया गया है। हालांकि, इस बात की कोई आधिकारिक पुष्टि नहीं हुई है।”

ईरान की जर्नलिस्ट नताशा फतह ने 5 दिसंबर 2022 को इसी मामले पर ट्वीट करते हुए लिखा है, ‘ऐसी खबरें फैल रहीं हैं कि ईरान अपनी कुख्यात “नैतिकता पुलिस” को भंग कर रहा है, जो शरिया ड्रेस कोड लागू करती है, लेकिन यह खबर सच नहीं है।” इस ट्वीट के साथ एक न्यूज़ क्लिप को भी देखा जा सकता है।

इसी मामले पर ईरान के वरिष्ठ पत्रकार मोहम्मद हसन नजमी का भी ट्वीट मिला। उन्होंने ट्वीट करते हुए लिखा, ‘अटॉर्नी जनरल का पूरा भाषण: “सबसे पहले, हमारे पास एक नैतिकता पुलिस नहीं थी और इसका नाम सामाजिक सुरक्षा बल था। दूसरा यह कि न्यायिक प्रणाली ने नैतिकता पुलिस को बंद करने के लिए कभी भी कोई मामूली कदम भी नहीं उठाया है” दूसरे शब्दों में, अटॉर्नी जनरल ने नैतिकता पुलिस को बंद करने के बारे में कुछ नहीं कहा।”

ईरान की फैक्ट चेकर फातिमा करीम खान ने विश्वास न्यूज़ से इस बारे में बात करते हुए बताया, ”अटार्नी जनरल के बयान के बाद नैतिकता पुलिस को बंद करने की यह खबर हर जगह वायरल हुई थी, लेकिन इसमें कोई सच्चाई नहीं है। सरकार की तरफ से ऐसा कोई आदेश नहीं आया है। पूरी तरह गलत बयान, नैतिकता पुलिस अभी भी बाहर है, इसलिए हिजाब अनिवार्य है। दो हफ्ते पहले उन्होंने एक बैंक मैनेजर को हटा दिया, क्योंकि उसके बैंक ने एक महिला को अनिवार्य हिजाब के बिना सेवा दी थी। यहां तक कि विश्वविद्यालयों के शिक्षक भी अब छात्रों को कक्षा में अपना हिजाब लगाने के लिए कह रहे हैं, जो पहले कक्षा में सामान्य नहीं था।”

फर्जी पोस्ट को शेयर करने वाले फेसबुक यूजर की सोशल स्कैनिंग में हमने पाया कि यूजर को 18 हजार लोग फॉलो करते हैं।

निष्कर्ष: विश्वास न्यूज़ ने अपनी पड़ताल में पाया कि वायरल किये जा रहे यह दोनों ही दावे फर्जी हैं। ना ही ईरान में हिजाब की अनिवार्यता को खत्म किया गया है और न ही नैतिकता पुलिस को भंग किया गया है। वायरल पोस्ट फर्जी है।

  • Claim Review : ईरान की सरकार ने हिजाब पहनने को अनिवार्य करने वाले कानून को ख़त्म कर दिया है और धार्मिक पुलिस को भंग कर दिया गया है।
  • Claimed By : Day Care Home -crech
  • Fact Check : झूठ
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