Fact Check: हरसिमरत कौर बादल की एडिटेड तस्वीर को झूठे दावे के साथ किया जा रहा शेयर

विश्वास न्यूज की पड़ताल में वायरल दावे को फर्जी पाया गया। वायरल तस्वीर एडिटेड है। ओरिजनल तस्वीर में हरसिमरत कौर बादल बंदी सिंह की रिलीज के लिए एक पोस्टर पकड़े हुए थीं, जिसे झूठे दावे के साथ शेयर किया जा रहा है।

विश्वास न्यूज (नई दिल्ली)। बठिंडा से शिरोमणि अकाली दल की सांसद हरसिमरत कौर बादल की एक तस्वीर सोशल मीडिया पर तेजी से वायरल हो रही है। वायरल तस्वीर में हरसिमरत कौर बादल को एक पोस्टर पकड़े हुए देखा जा सकता है। पोस्टर में लिखा है, ‘हम भाजपा के साथ हैं।’ विश्वास न्यूज ने वायरल पोस्ट की पड़ताल की और इसे फर्जी पाया। असली तस्वीर को एडिट करके इसे गलत संदर्भ में वायरल किया जा रहा है।

क्या वायरल हो रहा है?

फेसबुक पेज ‘Europe vich punjabi‘ ने 20 जुलाई को पोस्ट शेयर की और लिखा, ‘इस जानकारी के लिए धन्यवाद नन्नी छा, वैसे, पंजाब का हर बच्चा यह जानता है, आज भी अगर कोई आपके परिवार की कॉल रिकॉर्डिंग करता है तो 90% कॉल बीजेपी को जाएगी।

सोशल मीडिया पर कई अन्य यूजर्स ने भी समान दावे के साथ इस पोस्ट को शेयर किया है। पोस्ट का आर्काइव्ड वर्जन यहां देखा जा सकता है।

पड़ताल

वायरल दावे की पड़ताल के लिए हमने गूगल रिवर्स इमेज की मदद ली। इसमें हमें 20 जुलाई 2022 की असली तस्वीर हरसिमरत कौर बादल के आधिकारिक ट्विटर हैंडल से एक ट्वीट में मिली। तस्वीर को शेयर करते हुए लिखा गया था, ‘पहले संसद के बाहर और बाद में अंदर, एक बार फिर बंदी सिंहों की रिहाई के लिए केंद्र सरकार के सामने अपने पंथ के हक की आवाज बुलंद की। गुरु साहिब हमें ताकत दें और जब तक हम जीत नहीं जाते, मैं एक विनम्र सिख की तरह अपना कर्तव्य निभाती रहूंगी।

#BandiSinghRihaKaro

यह तस्वीर 20 जुलाई 2022 को हरसिमरत कौर बादल के आधिकारिक फेसबुक पेज पर भी शेयर की गई थी। इस तस्वीर को शिरोमणि अकाली दल के आधिकारिक फेसबुक पेज पर भी पोस्ट किया गया था।

सर्च करने पर हमें gettyimages की वेबसाइट पर वायरल हुई तस्वीर से मिलती-जुलती तस्वीरें भी मिलीं।

पीटीसी द्वारा 20 जुलाई 2022 को प्रकाशित खबर में हमें वायरल तस्वीर से जुड़ी खबर भी मिली। वायरल तस्वीर के स्क्रीनशॉट का इस्तेमाल करते हुए खबर में कहा गया है, ‘संसद सदस्य हरसिमरत कौर बादल ने बंदी सिंहों की रिहाई के लिए एक बार फिर केंद्र सरकार के सामने अपनी आवाज उठाई है । पहले संसद के बाहर और बाद में अंदर। प्रमुख अकाली नेता ने कहा कि वह एक विनम्र सिख के रूप में अपना कर्तव्य निभाना जारी रखेंगी, जब तक कि गुरु साहिब का आशीर्वाद और जीत हासिल नहीं हो जाती।’ पूरी खबर यहां पढ़ें।

यहां असली और नकली तस्वीर में फर्क देखा जा सकता है।

वायरल दावे को लेकर हमने पंजाब दैनिक जागरण के विशेष संवाददाता कैलाश नाथ से संपर्क किया। साथ ही वायरल पोस्ट का लिंक उनके साथ शेयर किया। उन्होंने हमें बताया, ‘वायरल हो रहा दावा गलत है। यह फोटो एडिट की गई है।

जांच के अंत में हमने एडिटेड फोटो को झूठे दावे के साथ शेयर करने वाले पेज की जांच की। पड़ताल करने पर हमने पाया कि इस पेज को 63,544 लोग फॉलो करते हैं। फेसबुक पर यह पेज 12 जुलाई 2017 को बनाया गया था।

निष्कर्ष: विश्वास न्यूज की पड़ताल में वायरल दावे को फर्जी पाया गया। वायरल तस्वीर एडिटेड है। ओरिजनल तस्वीर में हरसिमरत कौर बादल बंदी सिंह की रिलीज के लिए एक पोस्टर पकड़े हुए थीं, जिसे झूठे दावे के साथ शेयर किया जा रहा है।

False
Symbols that define nature of fake news
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