वक्फ (संशोधन ) विधेयक, 2024 पर संयुक्त संसदीय समिति (जेपीसी) ने ईमेल और पोस्ट के जरिए आम लोगों से उनके सुझाव मांगे थे और इस सुझाव के लिए सरकार की तरफ से कोई नंबर नहीं जारी किया गया था। इस विधेयक पर आम जनता के सुझाव देने की डेडलाइन 16 सितंबर रात 12 बजे तक थी, जो अब समाप्त हो चुकी है।
नई दिल्ली (विश्वास न्यूज)। वक्फ (संशोधन) बिल को संयुक्त संसदीय समिति (जेपीसी) को भेजे जाने और फिर जेपीसी की तरफ से इस बिल या विधेयक पर आम जनता की तरफ से सुझाव मांगे जाने के संदर्भ में सोशल मीडिया के अलग-अलग प्लेटफॉर्म पर कई यूजर्स एक मोबाइल नंबर को शेयर कर दावा कर रहे हैं कि सरकार ने एक मोबाइल नंबर को जारी किया है, जिस पर मिस्ड कॉल कर वक्फ बोर्ड को समाप्त किए जाने की मांग का समर्थन किया जा सकता है।
विश्वास न्यूज ने अपनी जांच में इस दावे को गलत पाया। वक्फ बोर्ड संशोधन बिल को संसद में पेश करने के बाद जेपीसी यानी संयुक्त संसदीय समिति को भेज दिया गया था और इस जेपीसी की पहली बैठक 22 अगस्त को हुई थी और इसमें यह सुझाव दिया गया था कि न्यूजपेपर्स में विज्ञापन देकर इस पर जनता की राय मांगी जाएगी। इस रायशुमारी के लिए निकाले गए ऐड में रायशुमारी के लिए 15 दिनों का वक्त दिया गया था, जिसमें ईमेल और पोस्ट के जरिए सुझाव दिए जाने का विकल्प था। सरकार की तरफ से इस रायशुमारी के लिए कोई मोबाइल नंबर नहीं जारी किया गया था।
फेसबुक यूजर ‘राजेश राष्ट्रीय सर्वोपरि’ ने वायरल पोस्ट (आर्काइव लिंक) को शेयर करते हुए लिखा है, “9209204204…वक्प बोर्ड हटाने के लिए किसी को मेल भेजना नहीं आता तो इस नम्बर पर मिस कॉल करें।जरूर करें।और ये आप सब ग्रुपों में भेजे आज लास्ट तारीख है देशहित में थोड़ी सेवा जरूर करे।”
कई अन्य यूजर्स ने इस पोस्ट को समान और मिलते-जुलते दावे के साथ शेयर किया है।
सबसे पहले हमने इस नंबर पर कॉल कर इसे चेक किया। ट्रूकॉलर में इस नंबर का क्लासिफिकेशन ‘वक्फ बोर्ड स्पैम’ के तौर पर मौजूद है और यह नंबर बंद है। प्रेस इन्फॉर्मेशन ब्यूरो (पीआईबी) की वेबसाइट पर मौजूद जानकारी के मुताबिक, आठ अगस्त 2024 को वक्फ (अमेंडमेंट) बिल, 2024 और मुसलमान वक्फ (रिपील) बिल, 2024 को लोकसभा में पेश किया गया था और इसके बाद इस वक्फ (संसोधन) विधेयक, 2024 को संसद की संयुक्त समिति (जेपीसी) को रेफर कर दिया गया था।
इसके बाद 22 अगस्त 2024 को जेपीसी की पहली बैठक हुई थी और इसमें समाचार पत्रों में विज्ञापन के जरिए इस मामले के सभी हितधारकों से सार्वजनिक सुझाव मांगे जाने का जिक्र हुआ था। इसके बाद अखबारों में विज्ञापन देकर जेपीसी ने इस मामले में लोगों से उनके विचारों और सुझावों को मांगा था।
लोकसभा सचिवालय की तरफ से जारी विज्ञापन के मुताबिक, विज्ञापन के जारी होने के 15 दिनों के भीतर सुझाव देने का आग्रह किया गया था, जिसे ईमेल (jpcwaqf-lss@sansad.nic.in) और लोकसभा सचिवालय (संयुक्त सचिव, लोकसभा सचिवालय, कमरा संख्या 440, पार्लियामेंट हाउस एनेक्सी, नई दिल्ली, 110001) के जरिए भेजा जाना था।
विज्ञापन की जानकारी के मुताबिक, इस विधेयक पर आम जनता से सार्वजनिक राय के अलावा एनजीओ/एक्सपर्ट्स/हितधारकों और अन्य संस्थानों से भी उनके सुझाव मांगे गए थे।
कई अन्य न्यूज रिपोर्ट्स में भी इसका जिक्र है। द हिंदू की 12 सितंबर 2024 की रिपोर्ट के मुताबिक, जेपीसी की तरफ से सुझाव मांगे जाने के बाद हिंदू और मुस्लिम समूह ने लोगों से वक्फ विधेयक पर उनके सुझावों को भेजने की अपील की थी और इसके लिए प्री-ड्राफ्टेड मैसेज को सोशल मीडिया पर शेयर किया गया था।
एक अन्य रिपोर्ट के मुताबिक, जेपीसी की अगली बैठक 19-20 सितंबर को तय है और इससे पहले समिति को अब तक करीब 84 लाख सुझाव मिल चुके हैं। 18 सितंबर 2024 की ईटी की रिपोर्ट के मुताबिक, “वक्फ (संशोधन) बिल, 2024 पर आज जेपीसी की बैठक होनी थी, लेकिन इसे तकनीकी कारणों से टाल दिया गया। अब यह बैठक 19 और 20 सितंबर को होगी।”
वायरल दावे को लेकर हमने दैनिक जागरण के राष्ट्रीय ब्यूरो के प्रमुख आशुतोष झा से संपर्क किया। उन्होंने पुष्टि करते हुए बताया, “वक्फ (संसोधन) विधेयक पर राय देने के लिए जेपीसी की तरफ से पोस्ट और ईमेल का विकल्प दिया गया था।”
वायरल पोस्ट को जिस ग्रुप में शेयर किया गया है, वह पब्लिक ग्रुप है, जिसे करीब ढ़ाई लाख से अधिक लोग फॉलो करते हैं।
मौजूदा और ऐतिहासिक संदर्भ में अर्थव्यवस्था, बिजनेस, डिजिटल स्कैम से संबंधित मामलों की विस्तृत जानकारी के लिए विश्वास न्यूज के एक्स्प्लेनर को यहां पढ़ा जा सकता है।
निष्कर्ष: वक्फ (संशोधन ) विधेयक, 2024 पर संयुक्त संसदीय समिति (जेपीसी) ने ईमेल और पोस्ट के जरिए आम लोगों से उनके सुझाव मांगे थे और इस सुझाव के लिए सरकार की तरफ से कोई नंबर नहीं जारी किया गया था। इस विधेयक पर आम जनता के सुझाव देने की डेडलाइन 16 सितंबर रात 12 बजे तक थी, जो अब समाप्त हो चुकी है।
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