Fact Check: सरकार नागरिकों को नहीं दे रही है 30,628 रुपये की आर्थिक मदद,वायरल दावा फर्जी

विश्वास न्यूज ने अपनी पड़ताल में पाया कि वित्त मंत्रालय के नाम पर वायरल हो रहा लिंक और मैसेज दोनों फर्जी है। वित्त मंत्रालय ने ऐसी किसी सहायता की घोषणा नहीं की।

Fact Check: सरकार नागरिकों को नहीं दे रही है 30,628 रुपये की आर्थिक मदद,वायरल दावा फर्जी

नई दिल्ली (विश्वास न्यूज)। सोशल मीडिया पर वित्त मंत्रालय के नाम से एक लिंक को वायरल करते हुए दावा किया जा रहा है,”कीमतों में उछाल के बाद सरकार ने संकट से उबरने के लिए गरीब वर्ग को सहायता के रूप में प्रत्येक भारतीय नागरिक को (30,628 रुपये) की राशि देने का फैसला किया है। पोस्ट में यूजर्स को दिए गए लिंक पर खुद को पंजीकृत करने के लिए भी कहा गया है। विश्वास न्यूज ने अपनी पड़ताल में पाया कि वित्त मंत्रालय के नाम पर वायरल हो रहा लिंक और मैसेज दोनों फर्जी है। वित्त मंत्रालय ने ऐसी किसी सहायता की घोषणा नहीं की।

क्या है वायरल पोस्ट में

फेसबुक यूजर “Vajanala Ashok ” ने पोस्ट को शेयर कर लिखा है ,” After the surge in prices, the government decided to give the Indian people an amount of (Rs 30,628) for every citizen who meets the conditions as an aid to the poor class to overcome the crisis. Enter and register now and make sure to register correctly”

हिंदी अनुवाद : (कीमतों में उछाल के बाद, सरकार ने संकट से उबरने के लिए गरीब वर्ग को सहायता के रूप में शर्तों को पूरा करने वाले प्रत्येक भारतीय नागरिक को (30,628 रुपये) की राशि देने का फैसला किया। नाम दर्ज कर अभी पंजीकरण करें और सही ढंग से पंजीकरण करना सुनिश्चित करें)

कई यूजर्स ने भी इस पोस्ट को मिलते-जुलते दावे के साथ शेयर किया है। फैक्ट चेक के उद्देश्य से फेसबुक पोस्ट के कंटेंट को ज्यों-का-त्यों लिखा गया है। इसके आर्काइव वर्जन को यहां देखा जा सकता है।

पड़ताल

विश्‍वास न्‍यूज ने वायरल पोस्‍ट की सच्‍चाई जानने के लिए सबसे पहले संबंधित कीवर्ड टाइप करके इसे ढूंढा। हमें कहीं भी ऐसी कोई खबर नहीं मिली, जहाँ वित्त मंत्रालय कि तरफ से गरीब वर्ग को सहायता के रूप में (30,628 रुपये) की राशि देने का फैसला किया गया है।

जाँच को आगे बढ़ाते हुए हमने मैसेज के साथ शेयर किए गए लिंक पर क्लिक किया। लिंक पर क्लिक करते ही सबसे पहले आपका नाम भरने को कहा जायेगा। जैसे ही आप अपना नाम दर्ज करेंगे तो आपको यह लिंक 15 वॉट्सऐप दोस्तों के साथ साझा करने या इसे पांच वॉट्सऐप ग्रुप्स में भेजने के लिए कहा जाएगा। ऐसा करते ही  एक और विंडो खुलेगी, जिसमें आपको कोड के लिए क्लिक करने को कहा जायेगा। जैसे ही इस लिंक पर क्लिक करेंगे,इस पर लिखा आएगा- “आप जिस वेबसाइट पर जा रहे हैं, वह हानिकारक हो सकती है।”

यहाँ ध्यान देने वाली बात यह है कि भारत के वित्त मंत्रालय की आधिकारिक वेबसाइट https://finmin.nic.in/ है, जबकि सोशल मीडिया पर साझा किए जा रहे लिंक में https://indiamonget.blogspot.com/ लिखा है। इससे साफ़ पता चलता है कि ये फर्जी वेबसाइट का लिंक है।

हमने वायरल मैसेज की जानकारी के लिए वित्त मंत्रालय के आधिकारिक ट्विटर अकाउंट को भी खंगाला। वहां भी हमें ऐसी कोई पोस्ट नहीं मिली।

अधिक जानकारी के लिए हमने साइबर सुरक्षा विशेषज्ञ एवं राजस्थान सरकार की पब्लिक ग्रीवांस कमेटी के पूर्व आईटी सलाहकार आयुष भारद्वाज को वायरल मैसेज भेजा। आयुष भारद्वाज ने हमें बताया, यह मामला क्लिक बेटिंग का है। वायरल लिंक किसी गवर्मेंट वेबसाइट का नहीं है। यह एक ब्लॉग स्पाट का लिंक है।  जिसका यूआरएल छुपाने के लिए इन्होंने ब्रिटली का यूज़ किया है, जो यूआरएल शॉर्टनर होता है। जैसे ही कोई इस लिंक पर विजिट करता है, उसे सिर्फ विज्ञापन दिखते हैं। जिससे ट्रैफिक जनरेट होता है और पैसा मिलता है। लिंक पूरी तरह फर्जी है। इसका मकसद सिर्फ ट्रैफिक जनरेट करके पैसे कमाना है। 

वायरल पोस्ट को सोशल मीडिया प्लेटफार्म फेसबुक पर Vajanala Ashok नाम के यूजर ने शेयर किया था। हमने स्कैनिंग में पाया कि यूजर के फेसबुक पर 368 फ्रेंड्स हैं।

निष्कर्ष: विश्वास न्यूज ने अपनी पड़ताल में पाया कि वित्त मंत्रालय के नाम पर वायरल हो रहा लिंक और मैसेज दोनों फर्जी है। वित्त मंत्रालय ने ऐसी किसी सहायता की घोषणा नहीं की।

False
Symbols that define nature of fake news
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